देश

Explainer : शंभू बॉर्डर कब खुलेगा? सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा और क्या अब दिल्ली पहुंचेंगे किसान?  

Farmers Protest Shambhu Border : शंभू बॉर्डर खुलने के बाद भी किसानों का दिल्ली आने का अभी कोई कार्यक्रम नहीं लगता है.

Farmers Protest Shambhu Border : किसान एमएसपी को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन पर हैं. केंद्र सरकार से कई राउंड की उनकी वार्ता भी हो चुकी है, मगर समाधान नहीं निकल सका. इस साल फरवरी में एक बार फिर किसानों ने दिल्ली की ओर रुख किया तो उन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड लगा दिए. तब से किसान वहीं बैठे हैं. आखिरकार किसान पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण में गए और शंभू बॉर्डर खोलने की मांग की. इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को अंबाला के निकट शंभू सीमा पर लगाए गए अवरोधक एक सप्ताह के भीतर हटाने का 10 जुलाई को आदेश दिया. आज इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आई है.

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का फैसला

Latest and Breaking News on NDTV

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे. किसानों से जुड़े मुद्दों तथा पंजाब और हरियाणा के बीच सीमा बंद करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला देते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति विकास बहल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को सात दिनों के भीतर अवरोध हटाने के निर्देश दिए. सुनवाई के बाद हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने बताया कि अदालत ने इस आदेश में यह भी कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़ी स्थिति उत्पन्न होने पर हरियाणा सरकार कानून के अनुसार एहतियाती कार्रवाई कर सकती है. पंजाब सरकार को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही पंजाब की तरफ अगर कोई अवरोधक लगाया गया था तो उसे भी हटाने को कहा गया है. सभरवाल ने बताया था, ‘‘हमने (हरियाणा ने) अदालत में कहा था कि 10 फरवरी से अवरोधक लगाए गए थे, जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए थे. किसान पंजाब की तरफ बैठे हैं. वर्तमान में उनकी संख्या लगभग 400-500 है.”

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्‍येंद्र जैन को SC से राहत, 8 जनवरी तक बढ़ाई गई अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

Latest and Breaking News on NDTV

उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से अंबाला के पास शंभू बार्डर पर लगाए गए अवरोधक हटाने का निर्देश देते हुए राजमार्ग को अवरुद्ध करने के उसके अधिकार पर प्रश्न उठाए. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने हरियाणा सरकार को फटकार भी लगाई. हरियाणा सरकार के वकील द्वारा उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने के बारे में पीठ को सूचित किए जाने पर न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा, ‘‘कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका कर्तव्य है. हम कह रहे हैं कि इसे खोलिए, लेकिन नियंत्रित कीजिए.”न्यायमूर्ति कांत ने राज्य के वकील से कहा, ‘‘आप उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहते हैं? किसान भी इस देश के नागरिक हैं. उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा दीजिए. वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे. मुझे लगता है कि आप सड़क मार्ग से यात्रा नहीं करते हैं.”इस पर वकील ने कहा कि वह भी सड़क मार्ग से ही यात्रा करते हैं. पीठ ने कहा कि तब तो उन्हें (वकील) भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा होगा. पीठ ने साथ ही राज्य सरकार से लंबित मामले में हुई प्रगति पर हलफनामा दाखिल करने को कहा. यह सब सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा जब हरियाणा सरकार की ओर से बताया गया कि हाई कोर्ट ने एक और फैसला दिया है कि हाईवे को खोला जाए. उसको हम चुनौती देने जा रहे हैं. 

शाहीन बाग वाला फैसला याद आया

हरियाणा के किसानों की 14 जुलाई को बैठक

Latest and Breaking News on NDTV

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिए जाने के बाद ही किसानों ने अपनी अगली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. किसान संगठन 14 जुलाई को शंभू व खनौरी बार्डर के किसानों के साथ एक मीटिंग करेंगे, इसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी.  शंभू बार्डर खुलने के आदेश के बाद किसान संगठनों द्वारा एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया जा सकता है. एमएसपी खरीद गारंटी कानून मोर्चा के हरियाणा संयोजक व भाकियू लोकशक्ति के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसोला ने हाईकोर्ट के फैसले को किसानों की जीत बताते हुए कहा था कि शंभू बॉर्डर के खुलने से आमजन को भी आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी.

यह भी पढ़ें :-  सहारा-सेबी विवाद : सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, सहारा ग्रुप की दो कंपनियां 30 दिन में 1000 करोड़ रुपये जमा करें

एसकेएम की क्या है योजना

Latest and Breaking News on NDTV

11 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ऐलान किया था कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर फिर से आंदोलन शुरू करेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक ज्ञापन सौंपेगा. वर्ष 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम में अलग-अलग किसान संगठन शामिल हैं. संगठन के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और राज्यसभा तथा लोकसभा के सदस्यों से मुलाकात करने तथा उन्हें किसानों की मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपने के लिए 16 से 18 जुलाई के बीच का समय मांगा जाएगा. यह पूछे जाने पर कि क्या किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे, एसकेएम नेताओं ने कहा कि इस बार वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, विशेष रूप से महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. आम सभा की बैठक में हिस्सा लेने वाले अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मुल्ला ने कहा, ‘‘हर बार विरोध का एक ही तरीका अपनाना जरूरी नहीं है। हम पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे.”

किसान रास्ता रोकेंगे तो होंगे दोषी : चढूनी

Latest and Breaking News on NDTV

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि सरकार को आदेश मानना चाहिए और अब मानना पड़ेगा. मैने पहले भी राय दी थी कि आंदोलनकारियों से बात करो. रास्ता इलाके की जरूरत भी है, अब बॉर्डर को खोलना चाहिए. हरियाणा सरकार ने दीवार खड़ी की है. सरकार अब दीवार हटाएगी और उसके बाद किसान रास्ता रोकेंगे तो वो दोषी होंगे. किसान दोषी तब होंगे, जब वो कानून तोड़ेंगे, अभी तो सरकार ने कानून तोड़ा है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि सड़क खाली करवाओ. अगर सरकार की तरफ से दीवार हटाने के बाद किसान बाधा बनते हैं, तो किसानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. अगर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी किसान बैठे रहेंगे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. चढूनी, एसकेएम की बातों से साफ है कि वे दिल्ली में अभी धरना देने की बजाए अलग-अलग राज्यों में खुद को मजबूत करेंगे.

यह भी पढ़ें :-  हरियाणा चुनाव 2024: मुसलमानों को टिकट देने से निकला BJP का संदेश,कितने मंत्रियों का पत्ता कटा




NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button