दिल्ली में व्यापारियों से हर दूसरे दिन मांगी जा रही है रंगदारी, ऐसे कॉल करते हैं अपराधी
नई दिल्ली:
वसूली के लिए दिल्ली के व्यापारियों को हर दूसरे दिन आती है कॉल, पुलिस का है यह हाल
राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अक्टूबर तक व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए उन्हें 160 कॉल आई हैं.दिल्ली में हर दूसरे दिन किसी व्यापारी को जबरन वसूली के लिए धमकाया गया है. पुलिस के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक इस तरह की कॉल करने के लिए अपराधी अधिकांश वीओआईपी नंबर या फर्जी सिम कार्ड से व्हाट्सऐप नंबर का इस्तेमाल करते हैं.पुलिस ने दिल्ली इस तरह के कॉल करने के साथ-साथ व्यापारियों के घरों और प्रतिष्ठानों पर गोलीबारी करने और हत्याओं में शामिल 11 गिरोहों की पहचान की है.इनमें लॉरेंस विश्नोई गैंग भी शामिल है. पुलिस इनकी धरपकड़ के प्रयास कर रही है.
अपराधी कैसे मांगते हैं रंगदारी
सूत्रों ने बताया कि इनमें से अधिकांश कॉल विदेशी गैंगस्टर या उनके सहयोगियों द्वारा ‘वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ (वीओआईपी) या फिर अंतरराष्ट्रीय फोन नंबरों से की गई हैं. उन्होंने बताया कि भवन निर्माताओं, प्रॉपर्टी डीलर, जौहरी, मिठाई की दुकानों और कार शोरूम के मालिकों को खासतौर पर जबरन वसूली के लिए फोन किया गया है.एक सूत्र ने बताया कि इस साल अक्टूबर तक व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए करीब 160 कॉल की गई हैं. सूत्रों के मुताबिक कुछ मामलों में ऐसा हुआ है कि कॉल के बाद निशाना बनाए गए व्यक्ति के घर या कार्यालय के बाहर गोलीबारी की गई है.
दिल्ली में पिछले सप्ताह मात्र चार दिन में सात ऐसे मामले सामने आए, जिनमें कुख्यात अपराधियों ने एक जौहरी, जिम मालिक, प्रॉपर्टी डीलर, मिठाई की दुकान के मालिक और एक मोटर वर्कशॉप के मालिक को निशाना बनाया है.एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी सात मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीम अपराधियों को पकड़ने के लिए काम कर रही हैं.
दिल्ली पुलिस ने कितने मामले दर्ज किए हैं
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस साल 15 अगस्त तक राष्ट्रीय राजधानी में जबरन वसूली के कुल 133 मामले दर्ज किए गए हैं.आंकड़ों के अनुसार,पिछले साल इसी अवधि के दौरान कुल 141 ऐसे मामले सामने आए थे और 2022 के लिए यह आंकड़ा 110 था.पुलिस ने बताया कि 2023 में जबरन वसूली के 204 मामले और 2022 में 187 मामले सामने आए थे.
ऐसे मामलों की जांच करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल करने वाले आरोपी ज्यादातर वीओआईपी नंबर या फर्जी सिम कार्ड पर लिए गए व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल करते हैं.सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ महीने में जबरन वसूली के लिए कॉल करने के साथ-साथ गोलीबारी और हत्याओं में शामिल 11 गिरोहों की पहचान की है.
इन गिरोहों में लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़, हिमांशु भाऊ, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, जितेंद्र गोगी-संपत नेहरा, हाशिम बाबा, सुनील टिल्लू, कौशल चौधरी, नीरज फरीदपुरिया और नीरज बवाना शामिल हैं.पुलिस ने बताया कि गैंगवार के कारण मारे गए गोगी और टिल्लू को छोड़कर, इनमें से अधिकतर अपराधी या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं.
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