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"दक्षिण भारत में हमारे काम को लेकर गलत धारणाएं": The Hindkeshariसे बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- दक्षिण में डेवलपमेंट है, क्योंकि वहां इकोसिस्टम पहले से ही तैयार है.

नई दिल्ली :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि दक्षिण भारत के बारे में लोगों के मन में सच्चाई से ज्यादा गलत धारणाएं हैं. इस क्षेत्र में विकासोन्मुख इकोसिस्टम पहले से ही अस्तित्व में था, जिसमें राज्य सरकारों और केंद्र दोनों ने ही भूमिका निभाई है. केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शुक्रवार को The Hindkeshariके एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया, जिसमें उन्होंने उक्त बात कही.  

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मोदी सरकार के साउथ इंडिया प्लान को लेकर पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने कहा कि, ”दक्षिण के बारे में सच्चाई से ज्यादा गलतफहमियां घूम रही हैं. मैं बता सकती हूं, उधर एजुकेशन लेवल, स्किल लेवल, ऑपर्चुनिटी लेवल, यह सब पहले से ठीक है. उधर से विदेश को पलायन करने वाले लोग भी ज्यादा हैं. उधर डेवलपमेंट है, क्योंकि वहां इकोसिस्टम पहले से ही तैयार है. सरकारी नहीं, उधर प्राइवेट इनवेस्टमेंट ज्यादा हो रहा है. हम वास्तविकता देख रहे हैं. इकोसिस्टम को तैयार करने में राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने भी शायद बहुत सारे काम किए हैं. मानव संसाधन के कारण भी इकोसिस्टम तैयार हुआ.” 

वित्त मंत्री ने कहा कि, ”दक्षिण भारत में पढ़े-लिखे लोग, साइंट एंड टेक्नालॉजी में इंटरेस्ट लेने वाले लोग पहले से हैं. जैसे मैसूर साम्राज्य, राजा के परिवार से भी बहुत भागीदारी रही. बहुत योग्य लोग साइंस एंड टेक्नालॉजी को बिल्डअप करने के लिए काम करते रहे हैं. इसकी वजह से आप देखते हैं, फोन मैन्युफेक्चरर हो, आईटी हो, स्टार्टअप हो, मेडिकल इक्यूपमेंट हों, बायो सेक्टर में बायो फार्मा, बायो जीनोम… उस सब का भी बजट में जिक्र है… इन सबको पहले से प्रोत्साहित किए जाने के कारण उधर प्राइवेट इनवेस्टमेंट भी आ रहा है. टेक्नालॉजी ड्रिवन डेवलपमेंट में रोजगार के अवसर भी ज्यादा हैं.” 

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डिफेंस कॉरिडोर सिर्फ साउथ में नहीं, यूपी में भी आया

निर्मला सीतारमण ने कहा कि, ”दक्षिण का सर्विसेज सेक्टर में जीडीपी में ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन है. दक्षिण भारत के डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रावधान करना है, पॉलिसी सपोर्ट करना है.. जरूरत पड़े तो फिस्कल सपोर्ट देना है.. यह सब भी हम सोचेंगे. आप उदाहरण देखें, डिफेंस कॉरिडोर उधर क्यों गया? माहौल था, चेन्नई में हार्बर.. उधर प्राइवेट इनवेस्टमेंट, कोयंबटूर में स्माल इंडस्ट्रीज और डिफेंस कम्पोनेंट तैयार करने वाले, डीआरडीओ और डिफेंस लैब तमिलनाडु में… इसीलिए डिफेंस कॉरिडोर गया. यूपी में प्रधानमंत्री जी बोले कि कानपुर के इर्दगिर्द कितने सेक्टर डिफेंस इक्यूपमेंट वाले हैं. ऐसा सोच-सोचकर वहां भी डिफेंस कॉरिडोर ले आए. पहले डिफेंस कॉरिडोर साउथ में क्यों गया? यह प्रश्न था उस समय. सिर्फ साउथ में नहीं गया, यूपी में भी आया. इसलिए रीजनल बैकवर्डनेस और रीजनल स्ट्रैंथ, दोनों को हम मन में रखेंगे.”

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