राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप और PM मोदी की हुई बात, विश्वसनीय साझेदारी की जताई इच्छा
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की. 20 जनवरी को ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाली है. इसके बाद पहली बार उनकी PM मोदी से बात हुई है. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई है.
PM मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ट्रंप से फोन पर बात करने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा, “अपने प्रिय दोस्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके खुशी हुई. मैंने उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी. हम पारस्परिक रूप से लाभप्रद और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अपने लोगों के कल्याण और वैश्विक शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे.”
Delighted to speak with my dear friend President @realDonaldTrump @POTUS. Congratulated him on his historic second term. We are committed to a mutually beneficial and trusted partnership. We will work together for the welfare of our people and towards global peace, prosperity,…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 27, 2025
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी चुनाव 2024 में शानदार जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की थी. राष्ट्रपति ट्रंप की जीत पर पीएम मोदी ने X पर लिखा था, “मेरे दोस्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई. उन्हें उनकी शानदार जीत पर बधाई दी. टेक्नालॉजी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर मिलकर काम करने की उम्मीद है.”
ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही US में अवैध प्रवासियों पर एक्शन, 538 लोग डिपोर्ट, 10 बड़ी बातें
H1-B वीजा नहीं होंगे बंद
ट्रंप ने बीते सोमवार को अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत इमिग्रेशन और H1-B वीजा में सुधार लाने के मकसद से कई फैसले लेने से की. हालांकि, अगले ही दिन ट्रंप ने बड़ी राहत का ऐलान भी कर दिया. ट्रंप ने कहा कि H1-B वीजा बंद नहीं होंगे. अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इंजीनियर ही नहीं चाहिए, अन्य जॉब्स के लिए भी बेस्ट प्रोफेशनल्स चाहिए. H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को स्पेसिफिक टेक्निकल स्किल वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है. इस वीजा के जरिए हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों वर्कर्स अमेरिका में अपॉइंट होते हैं.
भारत, अमेरिका के सबसे बड़े लीगल माइग्रेंट्स सोर्स में शामिल
बता दें कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका में लीगल माइग्रेंट्स के सबसे बड़े स्रोतों में शामिल है. हालांकि, हाल के वर्षों में हजारों भारतीयों ने कनाडा और मेक्सिको बॉर्डर पार करके अवैध रूप से एंट्री की है. इस बीच वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है.
ट्रंप, टैरिफ, प्रवासी, वीजा, बांग्लादेश.. विदेश मंत्रालय ने बड़े सवालों पर जानिए दिया क्या जवाब
पहले कार्यकाल में ट्रंप के भारत के साथ कैसे रहे रिश्ते?
ट्रंप के पहले कार्यकाल यानी 2017 से 2021 के बीच भारत-अमेरिका के रिश्ते काफी अहम रहे. इस दौरान कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मोदी और ट्रंप की मुलाकात हुई. आतंकवाद के मसले पर ट्रंप ने भारत का कई मौकों पर समर्थन किया.
अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ और टेक्सास में ‘हाउडी मोदी’
2020 के US इलेक्शन से पहले PM मोदी ने सितंबर 2019 में अमेरिका का दौरा किया था. तब टेक्सास में ट्रंप ने उनके लिए‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में ट्रंप और मोदी ने करीब 50 हजार से ज्यादा भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया. फिर फरवरी 2020 में ट्रंप भारत आए थे. तब मोदी ने उनके लिए गुजरात के अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन किया था. हालांकि, ट्रंप 2020 का चुनाव हार गए थे. लेकिन 4 साल के अंदर उन्होंने सत्ता में वापसी की.
‘पुतिन तैयार, बस ट्रंप के इशारों का इंतजार’, यूक्रेन-रूस के बीच शांति की बात पर बोले क्रेमलिन प्रवक्ता