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संसदीय समितियों का गठन, राहुल और कंगना समेत किसे मिली क्या जिम्मेदारी; यहां जानें

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद की रक्षा संबंधी स्थायी समिति की अपनी सदस्यता बरकरार रखी है. वहीं बीजेपी सांसद बनीं कंगना रनौत को सूचना प्रौद्योगिकी या आईटी समिति में नियुक्त किया गया है. राज्यसभा सचिवालय ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी. राहुल गांधी निचले सदन में विपक्ष के नेता भी हैं, पिछली लोकसभा में भी रक्षा समिति के सदस्य थे. समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह करेंगे.

कांग्रेस को चार समितियों की अध्यक्षता

कांग्रेस को चार समितियों की अध्यक्षता दी गई है, जिसमें विदेश मामलों की एक समिति भी शामिल है, जिसका नेतृत्व उसके पूर्व विदेश मंत्री शशि थरूर करेंगे. कांग्रेस शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल (दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में), कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी) और ग्रामीण और पंचायती राज (सप्तगिरि शंकर उलाका) समितियों का भी नेतृत्व करेगी. 

कंगना को भी समिति में जगह

सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य रक्षा, वित्त, गृह और कोयला, खान और इस्पात के साथ-साथ संचार और आईटी सहित प्रमुख समितियों की अध्यक्षता करेंगे, जिनमें से कंगना रनौत भी सदस्य हैं. गृह मामलों का नेतृत्व राधा मोहन दास अग्रवाल करेंगे. प्रो-टेम स्पीकर के रूप में काम करने वाले भर्तृहरि महताब वित्त पर प्रतिष्ठित स्थायी समिति का नेतृत्व करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और राजीव प्रताप रूडी कोयला, खान और इस्पात तथा जल संसाधन समितियों का नेतृत्व करेंगे, जबकि निशिकांत दुबे को संचार और आईटी संबंधी संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया है.

विपक्षी नेताओं को भी समिति में मिली जगह

पिछली लोकसभा में निशिकांत दुबे और कांग्रेस के शशि थरूर के बीच फेसबुक प्लेटफॉर्म पर अभद्र भाषा के नियमों को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके कारण 2022 में कांग्रेस नेता की जगह भाजपा सांसद को समिति का प्रमुख बनाया गया. अन्य विपक्षी दलों और नेताओं के अलावा, समाजवादी पार्टी की जया बच्चन भी अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ संचार और आईटी समिति में शामिल हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना समूह की प्रियंका चतुर्वेदी भी इसमें शामिल हैं.

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तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा भी समिति में

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा भी समिति में हैं. तमिलनाडु की डीएमके के तिरुचि शिवा और कनिमोझी उद्योग और उपभोक्ता मामले, और खाद्य और सार्वजनिक वितरण की अध्यक्षता करेंगे. भाजपा के कई सहयोगी – जिन्होंने अपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सहयोगियों की 53 सीटों की बदौलत अप्रैल-जून के आम चुनाव जीते. उन्हें भी एक-एक समिति का नेतृत्व दिया गया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और बिहार के उनके समकक्ष नीतीश कुमार की जेडीयू आवास और शहरी मामलों, तथा परिवहन, पर्यटन और संस्कृति का नेतृत्व करेंगे. इन दोनों दलों ने मिलकर 28 लोकसभा सीटें जीती हैं.

शिंदे और अजित गुट को भी तवज्जों

इस साल के अंत में महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से पहले, भाजपा के राज्य सहयोगियों – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट और उनके उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के एनसीपी गुट – का भी नाम तय किया गया है. उनकी पार्टियों के नेता ऊर्जा और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पैनल की समितियों का नेतृत्व करेंगे. प्रत्येक विभाग से संबंधित स्थायी समिति – जिसमें पार्टी लाइनों से परे प्रतिनिधित्व होता है – ‘मिनी संसद’ के रूप में कार्य करती है और अपने संबंधित मंत्रालयों के कामकाज पर नज़र रखती है. प्रत्येक समिति राज्यसभा और लोकसभा दोनों के सदस्यों का एक संयोजन है.



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