धर्म संसद के खिलाफ पुलिस की विफलता पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल, पूर्व नौकरशाहों ने लगाया ये आरोप
नरसिंहानंद पर मुसलमानों के खिलाफ बार-बार घृणा फैलाने वाले भाषण देने का आरोप है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में धर्म संसद के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई है. अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल की मांग की गई है. CJI संजीव खन्ना ने कहा कि ईमेल भेजिए, याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि मंगलवार से ये धर्म संसद होनी है. पता चला है कि यहां मुस्लिमों के नरसंहार की बात होगी.
धर्म संसद के खिलाफ पुलिस की विफलता पर अर्जी दाखिल
पूर्व नौकरशाहों सहित सिविल सोसाइटी के सदस्यों के एक समूह ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इस सप्ताह यति नरसिंहानंद और अन्य द्वारा आयोजित किए जाने वाले धर्म संसद के खिलाफ कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश पुलिस की विफलता का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. प्रशांत भूषण द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के समक्ष अदालत की अवमानना याचिका का उल्लेख किया गया.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में लगाया गया ये आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2022 में घृणा फैलाने वाले भाषणों के मामलों में स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के लिए जारी निर्देशों का उल्लंघन किया गया है. नरसिंहानंद पर मुसलमानों के खिलाफ बार-बार घृणा फैलाने वाले भाषण देने का आरोप है. याचिका के अनुसार, इस धर्म संसद की वेबसाइट और विज्ञापनों में इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ कई सांप्रदायिक बयान शामिल हैं, जो मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काते हैं.
याचिकाकर्ताओं में अरुणा रॉय, अशोक कुमार शर्मा, देब मुखर्जी, नवरेखा शर्मा, सैयदा हमीद विजयन एमजे जैसे सेवानिवृत्त नौकरशाह और एक्टिविस्ट शामिल हैं