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"हमें भी अपनी सुरक्षा को…", हमास के हमले को लेकर बोले सेना के पूर्व डीजी मिलेट्री इंटेलिजेंस आर के साहनी

नई दिल्ली:

पश्चिम एशिया मामलों के जानकार और सेना के पूर्व डीजी मिलेट्री इंटेलिजेंस रहे लेफ्टिनेंट जनरल आर के साहनी ((RK Sahni) ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि यह सोचने की बात है कि इजरायल का जो सिस्टम बनाया हुआ था वो कॉम्प्लिकेटेड था. जिसके अंदर सेंसर लगे थे, रडार थे, कैमरे थे. थोड़ी-थोड़ी दूर पर चेक पोस्ट बने हुए थे. फिर भी ऐसी घटना हुई. लेकिन हम यह मान सकते हैं कि यह ठीक वैसा ही था जैसा अमेरिका में 9/11 के दौरान हुआ था. 

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“यह सिर्फ मोसाद ही नहीं इजरायल की डिफेंस फोर्सेज के लिए भी बड़ा झटका”

यह सिर्फ मोसाद ही नहीं उनकी डिफेंस फोर्सेज के लिए भी बड़ा झटका था. इस घटना के बाद सभी देशों को इस तरह की घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा. हमास ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया वह निंदनीय है.  हजार से ज्यादा सिविलियन मारे गए हैं यह काफी दुखद है. हमास के पास 100 से ज्यादा लोग बंदी हैं जो गाजा में है.

“सिविलियन को काफी नुकसान हो रहा है”

अब जो मोबिलाइजेशन हो रहा है पिछले दो-तीन दिन से जो हवाई हमला हो रहा है इस गाजा इलाके में सिविलियन को काफी नुकसान हो रहा है. इस एरिया में काफी भारी नुकसान हुआ है . इसका असर काफी दिनों तक रहेगा . अरब देशों ने इजरायल के साथ जो समझौता किया था. सऊदी अरब इजरायल और अमेरिका ने जो कॉरिडोर बनाने का प्लान बनाया था जो सहयोग था उसे पर बहुत असर पड़ेगा.

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यह देखना पड़ेगा कि इसका जो रिजल्ट है इंप्लीकेशन है क्योंकि जितनी ज्यादा कैजुअल्टी होगी सिविलियन की गाजा पट्टी में उसका असर काफी असर पड़ेगा . पहले जो अरब देशों ने सोचा था कि फिलिस्तीन का मसला हल किये बिना इजरायल के साथ रिलेशनशिप बढ़ा देंगे उनको अब फिर से सोचना होगा. 

मिडिल ईस्ट की समस्या पर फिर से चर्चा की जरूरत: आर के सहनी

मुझे लगता है इजरायल इनके ऊपर आसानी से काबू कर लेगा पर उसके बाद जो इंप्लीकेशन होगा उसको लेकर सोचना पड़ेगा. क्योंकि हमने यह सोच लिया था कि मिडिल ईस्ट सेटल हो गया है. व्यापार कॉरिडोर बनने शुरू हो जाएंगे. अरब देशों ने इजरायल से बातचीत करने शुरू कर दी थी . सऊदी अरब की इजराइल से संबंध बनने शुरू हो गए थे . हालांकि ईरान ने कहा है कि उसका सीधा इससे कोई संबंध नहीं है लेकिन उसके यहां मौजूद हिज्बुल्लाह इजरायल पर हमले कर रहा है इसका प्रभाव पूरे रीजन पर पड़ेगा इसका ग्लोबल इंप्लीकेशन भी होगा.  

“हमें इससे सीख लेने की जरूरत है”

हमें इससे सीख लेने की जरूरत है जब भी कोई आतंकी हमला होता है. उसे सबक लेनी चाहिए. हमारे ऊपर कई तरह खतरे हैं. आतंकवाद के खतरे हैं. आतंकी के हमले के हैं. हमारे अपने सिस्टम को दोबारा देखना पड़ेगा बारीकी से देखना पड़ेगा और देखना पड़ेगा कि उसके अंदर कोई चूक वाली बात तो नही है. इसके बारे में ओवर कॉन्फिडेंट होना वह डिजास्टर है यही बात इजरायली भी सोच रहे होंगे कि उन्होंने एक सिस्टम लगा दिया है तो खतरे से मुक्त हो गए यह कभी नहीं होता है.  हमेशा इसके लिए चौकन्ना रहना पड़ेगा इसके लिए देखभाल करना पड़ेगी. 

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