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पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ चार साल बाद लौट रहे हैं स्वदेश

चार साल बाद पाकिस्तान लौट रहे हैं नवाज शरीफ

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आज यानी शनिवार को स्वदेश वापस लौट रहे हैं. वो बीते चार साल से पाकिस्तान से बाहर थे. चुनाव से ठीक पहले नवाज शरीफ की वापसी को राजनीति में उनकी दोबारा वापसी के तौर भी देखा जा रहा है. नवाज शरीफ की स्वदेश वापसी की खबरों के बीच लाहोर में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया गया है. 

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नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लिग-नवाज के वरिष्ठ नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने पूर्व पीएम की वापसी को लेकर एक बयान दिया है. इस बयान में उन्होंने कहा कि यह आशा और उत्सव का समय है. उनकी वापसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और वहां के लोगों के लिए अच्छा संकेत है. 

नवाज शरीफ की पार्टी ने एक जारी बयान में कहा है कि पूर्व पीएम शरीफ ने पिछले कई दिन दुबई में बिताए हैं और वहां से राजधानी इस्लामाबाद के लिए उड़ान भरेंगे, फिर लाहौर जाएंगे, जहां उनके समर्थक स्वागत रैली के लिए इकट्ठा होने वाले हैं. 

बता दें कि नवाज शरीफ की स्वदेश वापसी के बाद उनकी रैली को लेकर पुलिस अभी से अलर्ट पर है. डॉन अखबार की खबर के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से खतरे की सूचना मिलने के बाद गृह विभाग और पुलिस ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज’ (पीएमएल-एन) के 73 वर्षीय नेता शरीफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौकस हो गई है. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक की तथा तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते समन्वित प्रयास करने के लिए पंजाब पुलिस को विश्वास में लिया.

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पीएमएल (एन) उम्मीद कर रही है कि देश में शरीफ की मौजूदगी से जनवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले पार्टी को फायदा मिलेगा. नवाज शरीफ का शनिवार शाम को लाहौर स्थित मीनार-ए-पाकिस्तान में एक जनसभा में पहुंचने का कार्यक्रम है. इस बीच नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने पार्टी नेताओं को उनके बड़े भाई का ऐतिहासिक स्वागत करने को कहा है.

लाहौर जिला प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति के तहत पीएमएल (एन) को इस संबंध में 39 शर्तों का पालन करना होगा जिनमें सहभागियों एवं आम लोगों की सुरक्षा के लिए आयोजन स्थल और उसके आसपास सभी जरूरी एहतियाती उपाय किया जाना शामिल हैं. लाहौर के जिला प्रशासन ने पिछले सप्ताह पार्टी को मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली की मंजूरी देते हुए कहा था कि संवैधानिक कार्यालयों/ सशस्त्र बलों/ न्यायपालिका के खिलाफ कोई भाषण नहीं दिया जाएगा. 

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