पूर्व PM मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज, स्मारक के लिए जमीन मुहैया कराएगा केंद्र
नई दिल्ली :
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. उनके निधन के बाद सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है.
आज सुबह क्या होगा?
- सुबह 8:00 बजे पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय ले जाया जाएगा.
- सुबह 8:30 से 9:30 बजे के बीच पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा, जहां जनता श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेगी.
- सुबह 9:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से अंतिम यात्रा शुरू होगी.
- 11:15 से 11:27 केंद्रीय गृह सचिव, रक्षा सचिव, वायु सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख, थल सेना प्रमुख, सीडीएस और कैबिनेट सचिव पहुंचेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 11:31 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 11:33 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचेंगे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 11:36 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 11:39 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 11:42 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी.
- 11:45 बजे अंतिम संस्कार.
स्मारक के जमीन मुहैया कराएगी केंद्र सरकार : गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है. ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के संबंध में तथ्य” शीर्षक से देर रात जारी एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख खरगे से सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है. कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी.
गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है, इस बीच मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं.
खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
इससे पहले कांग्रेस ने मुख्यालय में पार्टी की कार्य समिति की बैठक की. जिसमें नेताओं ने डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मारक और मेमोरियल बनाए जाने की मांग की. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कद को देखते हुए उनका अंतिम संस्कार वहीं कराया जाए, जहां एक स्मारक का निर्माण कराया जा सके. उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार से जगह आवंटित करने का आग्रह किया. पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसा करके राजनेताओं व देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों की याद में स्मारक बनाने की परंपरा का पालन हो सकेगा. पत्र के आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा कि आशा ही नहीं, विश्वास भी है कि सरदार मनमोहन सिंह के कद को देखते हुए सरकार उनके स्मारक के लिए उचित स्थान आवंटित करेगी.
आज कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge ने प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री से फ़ोन पर बात करके व एक पत्र लिख कर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पुरज़ोर अनुरोध किया कि भारत के सपूत सरदार मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार व स्मारक स्थापित करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। pic.twitter.com/pNxh5txf0b
— Congress (@INCIndia) December 27, 2024
देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान : कांग्रेस
केंद्र सरकार के इस मांग को ठुकराने के बाद विपक्ष के हमले तेज हो गए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना, भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जान-बूझकर किया गया अपमान है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके. हमारे देश के लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत सरकार उनके दाह संस्कार और स्मारक के लिए कोई ऐसा स्थान क्यों नहीं खोज सकी, जो उनके वैश्विक कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों के रिकॉर्ड और दशकों से राष्ट्र के लिए अनुकरणीय सेवा के अनुरूप हो.’
Earlier this morning, Congress President had written to the Prime Minister, suggesting that the cremation of the former Prime Minister, Dr Manmohan Singh, take place at a location where a memorial could be built to honour his legacy.
The people of our country are simply unable…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 27, 2024
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाना, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाना चाहिए जहां अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार हुआ है. पंजाब के इस महान सपूत को, जिनकी विद्वता, ज्ञान और दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में सम्मान मिला, उन्हें दस वर्षों तक भारत के उनके नेतृत्व के अनुरूप अंतिम विदाई दी जानी चाहिए. उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए कम से कम इतना तो किया ही जाना चाहिए.
वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी स्मारक के लिए जगह तय नहीं किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की निंदा की है. बादल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “स्तब्ध करने वाला और अविश्वसनीय. यह अत्यंत निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार ऐसे किसी स्थान पर करने के उनके परिवार के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया है, जहां राष्ट्र के प्रति उनके बेमिसाल योगदान को याद करने के लिए उनका उचित और ऐतिहासिक स्मारक बनाया जा सके.”
Shocking and unbelievable! It is condemnable in the extreme that Union Govt has declined the request of Dr Manmohan Singh Ji’s family for performing the funeral and last rites of the highly distinguished leader at a place where an appropriate and historic memorial may be built to… pic.twitter.com/5ejdKV7XJD
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 27, 2024
‘राष्ट्रीय स्मृति’ निर्माण को दी थी मंजूरी
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2013 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजधानी दिल्ली में एकता स्थल के पास समाधि परिसर के लिए ‘राष्ट्रीय स्मृति’ के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिससे दिवंगत राष्ट्रीय नेताओं जैसे राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल द्वारा तय किए गए गणमान्य लोगों के अंतिम संस्कार के लिए एक स्थान तय किया जा सके.
देश को आर्थिक संकट से उबारा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर, भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार व अन्य संगठनों में विभिन्न पदों पर रहते हुए बहुत सराहनीय काम किया. दुनिया भर के नेता उनका आदर व सम्मान करते थे. उन्होंने 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी से भी भारत को काफी हद तक सुरक्षित रखा था.
नब्बे के दशक में जब देश गहरे आर्थिक संकट में था, तब वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने उसे उबारा और देश की आर्थिक समृद्धि व स्थिरता प्रदान की. उन्होंने अर्थव्यवस्था की जो मजबूत नींव रखी, उसका लाभ देश उठा रहा है. उनका अनुभव, उनकी विनम्रता, उनका योगदान उन्हें एक विश्व नेता बनाता है.
ओबामा भी थे सिंह के प्रशंसक
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पद पर रहने के दौरान एक बार अपने भाषण में कहा कि जब भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसी साल संसदीय राजनीति को भी अलविदा कह दिया था. लंबे समय तक राज्यसभा सांसद रहे डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल बतौर सांसद 3 अप्रैल 2024 को समाप्त हो गया था. इसके बाद उन्होंने इस सफर को आगे न बढ़ाने का निर्णय लेते हुए संसदीय राजनीति को सदैव के लिए अलविदा कह दिया. दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के लिए बतौर सांसद यह आखिरी पारी थी.