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चार महीने 11 दिन बाद किसान नेता डल्लेवाल ने तोड़ा अनशन, तारीफ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा…


नई दिल्ली:

पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपना अनशन तोड़ दिया है. पंजाब सरकार के मुताबिक डल्लेवाल ने शुक्रवार सुबह पानी पीकर अपना अनशन खत्म किया.किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार की ओर से कोई पहल न होता देख संयुक्त किसान मोर्च के नेता डल्लेवाल ने 26 नवंबर को अपना आमरण अनशन शुरू किया था. वो चार महीने 11 दिन तक आमरण अनशन पर रहे.

सुप्रीम कोर्ट ने की डल्लेवाल की तारीफ

पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ से कहा कि उन्होंने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर कर दिया है.उन्होंने बताया कि सभी अवरुद्ध सड़कों और राजमार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है. पीठ ने डल्लेवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वह एक सच्चे किसान नेता हैं जिनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है.

पीठ ने कहा, ”हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों की शिकायतों का निपटारा नहीं चाहते. हम स्थिति से अनभिज्ञ नहीं हैं. हम सब कुछ जानते हैं.” पीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकार से जमीनी हालात के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपना अनशन 26 नवंबर को शुरू किया था.

शीर्ष अदालत ने किसानों की शिकायतों पर गौर करने के लिए गठित हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति को एक पूरक स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा. न्यायालय ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के शीर्ष न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही भी रोक दी.

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पुलिस ने किसानों का धरनास्थल खाली करवाया

पुलिस ने 19 मार्च को सरवन सिंह पंधेर और डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को उस समय कथित रूप से हिरासत में ले लिया था, जब वे चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे थे.पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों और वहां स्थापित अस्थायी ढांचों को हटा दिया था. इसके बाद शंभू-अंबाला और संगरूर-जींद राजमार्गों पर वाहनों का आवागमन फिर से शुरू हो गया.

किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर उस समय से डेरा डाले हुए थे जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया था.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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