दुनिया

बांग्लादेश से लेकर भारत, अमेरिका और स्वीडन तक….हिंसा के खिलाफ हिंदू आने लगे साथ

Bangladesh violence against Hindu : बांग्लादेश में तख्तापलट के साथ फैली हिंसा, अराजकता और अशांति के बीच शनिवार को हिंदुओं ने बांग्लादेश से लेकर भारत, अमेरिका, स्वीडेन तक विरोध प्रदर्शन किए. वहीं अमेरिका के दो हिंदू सांसदों ने तो मामले की जांच तक की मांग कर दी है. शनिवार को बांग्लादेश के मध्य में चिट्टागोंग में हिंदू एकत्र हुए और उन्होंने हमले व हिंसा के खिलाफ एक विशाल विरोध रैली निकाली और सुरक्षा और समान अधिकारों की मांग की. 

सात लाख से अधिक पहुंचे

चिट्टागोंग के ऐतिहासिक चेरगी पहाड़ चौराहे पर आयोजित विशाल विरोध रैली को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें सात लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया और इसमें लोगों ने हिंदुओं के खिलाफ चल रही हिंसा का विरोध किया. माना जाता है कि पिछले कुछ दिनों में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और यहां तक ​​​​कि मंदिरों पर हमला किया है, जिसमें सैकड़ों हिंदू घायल हो गए हैं.  

लगातार जारी है हिंसा

लगातार जारी हिंसा देश में अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, यहां मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को अंतरिम सरकार का शपथ भी हो गया है, लेकिन हालात अभी भी बद-से-बदतर बने हुए हैं. शुक्रवार को, बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने यूनुस को एक ‘खुला पत्र’ भेजा, जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक विशेष समूह के द्वारा की जा रही ” हिंसा” पर “गहरा दुख और चिंता” व्यक्त की.

हिंदुओं की मांग

ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच ने देश भर में हिंदू समुदाय पर हाल की बर्बरता, आगजनी, लूटपाट और हमलों के विरोध में जुलूस और रैलियां आयोजित की. अखबार ने शुक्रवार को ढाका के शाहबाग में आयोजित एक विरोध रैली के बाद रिपोर्ट दी कि रैली के दौरान, हिंदू समुदाय ने चार सूत्री मांग रखी, जिसके अनुसार देश में अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून और संसद के 10 प्रतिशत सीटों का आवंटन अल्पसंख्यकों के लिए हो.

यह भी पढ़ें :-  बांग्लादेश ने US, रूस और सऊदी अरब समेत 7 देशों से वापस बुलाए राजदूत

स्वीडन में क्या बोले?

वहीं स्वीडन की संसद के पास भी हिंदुओं ने प्रदर्शन किया. इन्होंने बांग्लादेश में जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की और इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की. हिंदू समुदाय के इन लोगों का कहना था कि भले ही उनके अपने इस हिंसा का शिकार न हुए हों, लेकिन एक समुदाय के खिलाफ इस तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचे

इसी तरह अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर और संयुक्त राष्ट्र (UN)के मुख्यालय के पास भी हिंदुओं ने प्रदर्शन किया और अमेरिका से मामले में हस्तक्षेप की मांग की. प्रदर्शन करने आए हिंदुओं ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराई जा सकती है और यह एक रणनीति की तरह किया जा रहा है. 

Latest and Breaking News on NDTV

अमेरिका के दो हिंदू सांसद गुस्से में

भारतीय मूल के दो प्रमुख अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ ‘समन्वित हमले’ को रोकने के लिए अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप की मांग की है. साथ ही उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि क्षेत्र में ‘धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित’ अस्थिरता अमेरिका या उसके सहयोगियों के हित में नहीं है. दो हिंदू संगठनों बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है.

अमेरिका के विदेश मंत्री को पत्र

हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे नौ अगस्त की तिथि वाले पत्र में अमेरिकी सांसद थानेदार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों के खिलाफ उनका यह रुख, केवल उनका ही रुख नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जारी हिंसा की निंदा की है, जिनमें उनके अपने जिले के कुछ लोग भी शामिल हैं.

यह भी पढ़ें :-  Israel-Hamas War: 23 साल पहले गाजा में खोया था 11 साल का बेटा, अब परिवार के 4 लोगों की हत्या

ह रखी मांग

मिशिगन के सांसद थानेदार ने ब्लिंकन को लिखा, ‘मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह हिंसा और अशांति समाप्त करने में इस नयी सरकार की सहायता करें. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बाइडन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि सताये गए बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए.’

दूसरे सांसद ने क्या कहा?

वहीं आठ अगस्त को ब्लिंकन को लिखे एक पत्र में अमेरिका के एक और सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि विभिन्न मीडिया खबरों में हिंदू विरोधी हमलों की विश्वसनीय प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट हमलों के पैमाने को प्रदर्शित करती है. कृष्णमूर्ति का उक्त पत्र शुक्रवार को मीडिया को जारी किया गया. कृष्णमूर्ति ने पत्र में लिखा, ‘मैं आपको यह पत्र बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदू विरोधी समन्वित हिंसा के बढ़ने को लेकर लिख रहा हूं. अब जब मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ले ली है, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करे. दुख की बात है कि यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंदू विरोधी हिंसा का रूप ले लिया है. अक्टूबर 2021 में हिंदू विरोधी दंगों में सैकड़ों घरों, व्यवसायों और मंदिरों को नष्ट करने के बीच नौ लोग मारे गए थे… 2017 में, 107 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 37 ‘गायब’ हो गए…”कृष्णमूर्ति ने कहा कि क्षेत्र में ‘धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित अस्थिरता, स्पष्ट तौर पर अमेरिका या हमारे सहयोगियों के हित में नहीं है.’

यह भी पढ़ें :-  दिल्‍ली की कोठी नंबर 56 की कहानी, जहां मिसेज मजूमदार बनकर रही थीं शेख हसीना

भारत में सरकार पर प्रेशर

Latest and Breaking News on NDTV

वहीं भारत में आरएसएस से लेकर विश्व हिंदू परिषद सहित तमाम संगठन हिंदुओं पर बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर सरकार से दखल देने की मांग कर रहे हैं. भारत के कई राज्यों में भी बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. भारत सरकार तो इस पर लगातार नजर बनाए हुए है ही. यही कारण है कि पीएम मोदी ने जब मोहम्मदु यूनुस को बधाई दी तो हिंदुओं पर हो रही हिंसा का मामला भी उठा दिया. साफ है कि अगर जल्द बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा नहीं रूकी तो बांग्लादेश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button