देश

बजट से लेकर नौकरी तक… फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन ने बताया निर्मला सीतारमण के सामने होंगी कौन-कौन सी चुनौतियां?


नई दिल्ली:

केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)के नेतृत्व में तीसरी बार NDA सरकार बन चुकी है. मंत्रिपरिषद का गठन हो चुका है. सोमवार को कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों में विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया. निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को दूसरी बार वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी परीक्षा आगामी बजट को लेकर होगी. बजट में उन्हें अगले साल के लिए एक रोडमैप पेश करना होगा. इस बीच वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि निर्मला सीतारमण को बजट के अलावा और किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने The Hindkeshariको दिए खास इंटरव्यू में बताया, “आपके पास मशीनरी है. आपके पास फार्मास्यूटिकल्स हैं. आपके पास पेट्रोलियम रिफाइनिंग है. ये पूंजी अवशोषित करते हैं. इसके बाद भी ये पर्याप्त श्रमिकों को प्रभावित नहीं करते हैं.”

J&K में चुनाव, जनगणना और महिला आरक्षण : गृह मंत्री अमित शाह को इन 10 चुनौतियों का करना होगा सामना

पनगढ़िया ने इस बात से भी असहमति जताई कि देश में रोजगार सृजन की जरूरत है. उनका तर्क था कि बाजार में पूंजी है. उतनी पूंजी रोजगार सृजन के लिए काफी है, लेकिन ये पूंजी उन सेक्टर में फंसी हुई है, जो श्रम प्रधान नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि इस पूंजी को वापस लाया जाए और वहां लगाया जाए, जहां जरूरत है. ताकि नौकरियां पैदा हो सके.

उन्होंने कहा, “रोजगार सृजन का संबंध उद्योग और खासकर मैन्युफैक्चरिंग से है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह वह जगह है, जहां आप अच्छी नौकरियां पैदा करते हैं. यहां फोकस पहले की तुलना में थोड़ा ज्यादा शिफ्ट हो सकता है.”

यह भी पढ़ें :-  UPA सरकार के दिए पैकेज से बुंदेलखंड के लोगों को नहीं मिला एक भी पैसा, BJP की सरकारों ने किया भ्रष्टाचार: राहुल गांधी

पनगढ़िया ने कहा, “इसलिए कुछ इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर को उन इंडस्ट्री की ओर थोड़ा और पुश करना होगा, जो पूंजी की प्रति इकाई अधिक श्रमिकों को रोजगार देते हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी चुनौती है.”

पीयूष गोयल-सिंधिया समेत 10 सांसदों का राज्यसभा से इस्तीफा, अब लोकसभा में बैठेंगे

विपक्ष ने सरकार पर पर्याप्त नौकरियां पैदा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है, जिसका खामियाजा BJP को लोकसभा चुनावों में मिला. विपक्ष के इन आरोपों पर वित्त आयोग के चेयरमैन ने कहा, “देश की समस्या बेरोजगारी नहीं है. बेरोजगारी के आंकड़े लगातार गिर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “हमारी समस्या उत्पादकता यानी प्रोडक्टिविटी है. प्रति श्रमिक श्रम उत्पादकता कम हो रही है. यह एक लॉन्गटर्म समस्या है. इसपर काम करने की जरूरत है.”

अरविंद पनगढ़िया ने कहा, “यह बजट सिर्फ वित्त नहीं बल्कि नीति का ब्योरा है. निर्मला सीतारमण को विभिन्न घटकों को एक साथ लाना होगा. आर्थिक नीति का रोडमैप दिखाना होगा, क्योंकि यह एक पूर्ण बजट होने जा रहा है. देश की निगाह इसपर टिकी रहेगी.”

मोदी सरकार 3.0 : कितने पढ़े-लिखे हैं हमारे नए मंत्री? एडीआर की रिपोर्ट ने बताया


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button