दुनिया

डिफेंस डील से लेकर चीन की घेराबंदी तक…अमेरिका में पीएम मोदी ने पहले ही दिन लगाया 'चौका'


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा कई मायनों से अहम है. अपने दौरे के पहले दिन ही पीएम नरेंद्र मोदी ने एक साथ कई क्षेत्र पर अपनी मौजूदगी को ना सिर्फ दर्ज कराई बल्कि ये भी बता दिया कि ये भारत अब नया भारत है. पीएम मोदी का ये अमेरिकी दौरा भारत के लिए कई मायनों से खास साबित भी हुआ है. चाहे बात डिफेंस डील की करें या फिर कैंसर के इलाज को लेकर भारत की अग्रीम प्रयासों की. पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने के साथ ही इशारों-इशारों में चीन को सीधा संदेश दिया है. आइये जानते हैं कि पीएम मोदी ने इस दौरे के पहले दिन ही कैसे चौका लगा दिया है. 

भारत के लिए बेहद अहम साबित होगी ये डिफेंस डील 

क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने से इतर पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी एक अहम द्विपक्षीय वार्ता भी की. इस वार्ता के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच वैश्विक और रणनीतिक गठबंधन को और मजबूत करने पर बात की. भारत ने अमेरिका से खास तरह का ड्रोन खरीदा है. एमक्यू-9 बी गार्जियन ड्रोन बेहद खास है, इससे भारत आकाश और समुद्र की सुरक्षा को और बेहतर कर सकता है. भारत के लिए इस डील को बेहद खास माना जा रहा है.  साथ ही पीएम मोदी के साथ बैठक में राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत द्वारा 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीददारी को भी सराहा है. इन एडवांस ड्रोन्स की मदद से भारत के अब इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकोनाइसेंस क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी. 

Latest and Breaking News on NDTV

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच हुई वार्ता के दौरान जिन खास मुद्दों पर बात हुई उनमे सेमीकंडक्टर प्लांट सेटअप करने से लेकर एडवांस्ड मिलिट्री सिस्टम का को-प्रोडक्शन पर बात हुई है. इस वार्ता के दौरान MRO इकोसिस्टम पर भी बात हुई है. इस बातचीत के बाद अब कहा जा रहा है कि अमेरिकी कंपनियां मानव रहित यान की मरम्मत की सुविधा भारत में विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करना चाहती है. इस वार्ता के उस डील की भी बात हुई जिसके तहत लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड  सिस्टम्स भारत में सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान के लिए एमआरओ सुविधा स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक समझौता हुआ है. यह ना सिर्फ भारतीय फ्लीट के लिए सपोर्टिव होगा, बल्कि इससे एयरक्राफ्ट के ग्लोबल ऑपरेटर्स की जरूरतों को भी पूरा केरगा. 

यह भी पढ़ें :-  "आतंकवादी संगठन": बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मतदान बहिष्कार को लेकर विपक्ष पर बोला हमला

कैंसर के इलाज में अहम भूमिका निभाएगा भारत

क्वाड कैंसर मूनशॉट इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जीवन बचाने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है. ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ विजन की भावना पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल के लिए 7.5 मिलियन डॉलर के सैंपलिंग किट्स, डिटेक्शन किट्स और वैक्सीन्स में सहयोग करने की घोषणा की.क्वाड कैंसर मूनशॉट का जब जिक्र हुआ तो उस दौरान पीएम मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती के साथ रखा. और ये बता दिया कि भारत इस क्षेत्र में अग्रीम भूमिका निभाने वाले देशों में से एक है. पीएम मोदी ने कहा कि इसे लेकर अब एडवांस स्टेज में पहुंच चुके हैं. इस सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कैंसर को खत्म करने पर जोर दिया.  

Latest and Breaking News on NDTV

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का किया समर्थन

क्‍वाड समिट में पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता कई मायनों में बेहद खास रही. इस वार्ता की सबसे बड़ी हाइलाइट रही, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का वो बयान जिसमें अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया है.आपको बता दें कि पीएम मोदी ने एक बार फिर यूएनएससी में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता का मुद्दा अमेरिका के सामने उठाया था. बाइडेन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यूएनएससी का गठन द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद हुआ था. तब की वैश्विक परिस्थितियां बेहद अलग थीं.

चीन की घेराबंदी करने में सफल रहा भारत 

इस सम्मेलन के दौरान भारत ने चीन की हर तरफ से घेराबंदी कर ली है. यही वजह रही कि इस सम्मेलन के दौरान सभी नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती खौफ पैदा करने वाली गतिविधियों को लेकर भी अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की. इस सम्मेलन में सभी देशों ने एक सुर में कहा कि हम अन्य देशों की अपतटीय संसाधन दोहन गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों का विरोध करते हैं. हमें लगता है कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें :-  दुनिया की महापंचायत में नए सरपंच की एंट्री

Latest and Breaking News on NDTV

संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं. हम विवादित विशेषताों के सैन्यीकरण और चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता फिर से व्यक्त करते हैं. हम खतरनाक युद्धाभ्यासों के बढ़ते उपयोग सहित तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग की भी निंदा करते हैं.  


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button