Gaganyaan Mission Test Flight LIVE Updates : गगनयान मिशन के मानव रहित उड़ान का पहला परीक्षण कर रहा ISRO
ISRO अपने गगनयान मिशन के तहत आज पहली बार इसका टेस्ट करने जा रहा है. ISRO आज मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के व्हीकल टेस्ट फ्लाइट का पहला परीक्षण करेगा. यह परीक्षण पूरी तरह से मानव रहित होगा. बता दें कि इस मिशन के ISRO लंबे समय से तैयारी कर रहा है. हालांकि, यह एक टेस्ट परीक्षण है, इसके आधार पर ही जरूरत पड़ने पर ISRO इस मिशन को और अपग्रेड कर सकता है.
LIVE Updates:
ऐसे किया जाएगा परीक्षण
इसरो गगनयान से जुड़ा जो परीक्षण करने जा रहा है, उसमें शनिवार को संपूर्ण परीक्षण उड़ान कार्यक्रम संक्षिप्त रहने की उम्मीद है, क्योंकि ‘टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन’ (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित करेगा, जिसके श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित उतरने की उम्मीद है.
क्या है ‘क्रू मॉड्यूल’
दरअसल, ‘क्रू मॉड्यूल’ रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह है. इसमें एक दबावयुक्त धात्विक ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल सुरक्षा प्रणालियों’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ शामिल है. शनिवार को पहली परीक्षण उड़ान के दौरान ‘क्रू मॉड्यूल’ में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाएगा जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
यह है गगनयान मिशन का लक्ष्य
गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. अगर भारत गगनयान मिशन में सफल हो जाता है, तो यह अंतरिक्ष में भारतीयों की एक और लंबी छलांग होगी.
क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट की टेस्टिंग
परीक्षण यान मिशन का उद्देश्य अंततः गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है. दरअसल, गगनयान मिशन के दौरान रॉकेट में अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने में क्रू एस्केप सिस्टम की अहम भूमिका होती है.
गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ा परीक्षण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज गगनयान मिशन को लेकर एक बड़ा परीक्षण करने जा रहा है. यह भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के महत्वाकांक्षी मिशन की दिशा में आगे बढ़ने का एक कदम है. इसरो ने बताया कि ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) और चालक बचाव प्रणाली से लैस एकल-चरण तरल प्रणोदन रॉकेट को शनिवार सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के पहले प्रक्षेपण तल से रवाना किया जाएगा.