Gantantra ke Special 26: आसमान में दुश्मनों को परास्त करता है 'मिग-29'
नई दिल्ली:
Gantantra ke Special 26: मिग 29 भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने और भरोसेमंद लड़ाकू विमान में एक रहा है. इस गणतंत्र दिवस पर आपको आसमान का सीना चीरते मिग 29 की गर्जना भी सुनाई देगी. मिग 29 भारतीय वायुसेना की सेवा में 1987 से यानी लगभग 36 साल से है. भारत ने यह विमान सोवियत संघ से खरीदा था. इस विमान को लगातार अपडेट किया जाता रहा है. विमान के मूल ढांचे को छोड़कर लगभग सब कुछ बदला जा चुका है. इसमें नया कॉकपिट, नया राडार और नया ईंधन टैंक है. नया इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर सूट है. इसमें रात को देख सकने लायक उपकरण भी नए लगाए गए हैं. इसमें अब उड़ान के दौरान ईंधन भरे जाने की व्यवस्था भी है.
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नई मिसाइलें लगाकर इसे बिल्कुल आधुनिक रूप दे दिया गया है. वीबीआर यानि बियोंड विजुअल रेंज वाली मिसाइल से लैस होकर ये और भी खतरनाक हो गया है. मिग 29 की बढ़ी हुई क्षमता का ही नतीजा है कि इसे श्रीनगर एयर बेस पर भी तैनात किया गया है और लद्दाख में भी साफ है कि चीन और पाकिस्तान की ओर से कोई भी चुनौती आए, पहला मुकाबला करने को मिग-29 तैयार है.
मिग 29 में बड़ी तेजी से हमला करने की क्षमता है. ये बाज की तरह झपट्टा मारता है और मात्र 6 मिनट में यह जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हो सकता है. यह अलग-अलग भूमिकाएं निभाने वाला विमान है. यह निगरानी भी कर सकता है और हमला भी.
करगिल युद्ध के दौरान इस विमान ने काफी अहम भूमिका अदा की थी. बालाकोट के समय भी आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक में मिग 29 का रोल भी महत्वपूर्ण रहा था. इस विमान में दो इंजन लगे हैं. आकार छोटा है, लेकिन बेहद फुर्तीला है.
ये चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है.
जरूरत पड़ने पर यह करीब 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. वायु सेवा का यह भरोसेमंद विमान भारतीय सरहदों की सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है.