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Red sea crisis के चलते बढ़ी वैश्विक चिंताएं, भारत समेत अन्य बाजारों में गिरावट की ये है वजह

Red Sea crisis: यूरोप के साथ भारत का लगभग 80 प्रतिशत व्यापार लाल सागर से होकर गुजरता है

नई दिल्ली:

इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को हुती विद्रोहियों द्वारा निशाना बनाए जाने से वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं. लाल सागर में संकट पैदा होने से समुद्री मार्ग से माल ढुलाई की दरें 600 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं जिससे वैश्विक व्यापार (Global Trade) को नुकसान हुआ. यही वजह है कि पिछले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Prices) में तेजी देखी गई. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में व्यापारी जहाजों पर आतंकवादी हमलों के चलते वैश्विक व्यापार की मात्रा में नवंबर से दिसंबर 2023 तक 1.3% की कमी आई.

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भारत सहित अन्य एशियाई बाजारों में गिरावट

वहीं, इसका असर भारतीय शेयर बाजारों (Stock Market) पर भी देखा जा रहा है. आज शेयर बाजार में तेज गिरावट आई है. माना जा रहा है कि यह ग्लोबल सप्लाई चेन (Supply Chain Crisis) बाधित होने का असर है. अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में हैं. 

लाल सागर को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक माना जाता है. वैश्विक व्यापार का लगभग 12 प्रतिशत आम तौर पर दक्षिण पश्चिम यमन और जिबूती के बीच लाल सागर के प्रवेश द्वार बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है, लेकिन विद्रोही हमलों ने व्यापार प्रवाह को प्रभावित किया है. 

माल ढुलाई में देरी के साथ बीमा लागत भी बढ़ी

संभावित हमलों से बचने के लिए जहाजों को अफ्रीका के दक्षिणी सिरे केप ऑफ गुड होप से होकर गुजरना पड़ रहा है. इससे माल पहुंचने में लगभग 14-20 दिन की देरी हो रही है और ढुलाई के साथ बीमा लागत भी बढ़ गई है. भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आयोजित व्यापार बोर्ड (बीओटी) की बैठक में माल ढुलाई वृद्धि के मुद्दे को उठाया. 

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उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मुद्दा है और यह समस्या विभिन्न देशों में मुद्रास्फीति को बढ़ाने के अलावा वस्तुओं की वैश्विक मांग को नुकसान पहुंचाएगी. कुछ स्थानों पर माल ढुलाई दरें 600 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं. ऐसी स्थिति में हम भारतीय शिपिंग लाइन विकसित करने का अनुरोध करते हैं.”

लाल सागर से होकर गुजरता है भारत का लगभग 80% व्यापार

यूरोप के साथ भारत का लगभग 80 प्रतिशत व्यापार लाल सागर से होकर गुजरता है और अमेरिका के साथ भी बड़ा व्यापार इसी मार्ग से होता है. देश के कुल निर्यात में इन दोनों भौगोलिक क्षेत्रों की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत है. लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास हुती विद्रोहियों ने कई हमले किए हैं जिससे इस मार्ग से होने वाले समुद्री व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

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