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डेटा शेयरिंग को लेकर लगे आरोपों के बीच व्हाट्सएप के लिए आई 'गुड न्यूज', लॉ ट्रिब्यूनल ने लगे प्रतिबंध को निलंबित किया

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल यानी NCLAT ने META को एक बड़ी राहत देते हुए व्हाट्सएप पर डेटा-शेयरिंग नियमों के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए पांच साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली एनसीएलएटी पीठ ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध से देश में व्हाट्सएप का बिजनेस मॉडल बाधित हो सकता है. आपको बता दें कि भारत में व्हाट्सएप के 500 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने मेटा को सीसीआई द्वारा लगाए गए 213 करोड़ रुपये के जुर्माने का 50 प्रतिशत दो सप्ताह के भीतर जमा करने का भी निर्देश दिया.व्हाट्सएप इस मामले में पहले ही जुर्माने का 25 फीसदी भुगतान कर चुकी है.पिछले हफ्ते, एनसीएलएटी ने मेटा और व्हाट्सएप की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसमें सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें “प्रमुख स्थिति के दुरुपयोग” के लिए 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.

ट्रिब्यूनल के अनुसार भारत में आगामी डेटा संरक्षण कानून डेटा गोपनीयता से संबंधित चिंताओं का समाधान कर सकता है. व्हाट्सएप की 2021 गोपनीयता नीति उपयोगकर्ता डेटा को मेटा और इंस्टा जैसे समूह कंपनियों के साथ “ऑप्ट आउट” विकल्प के बिना साझा करने की अनुमति देती है.

इस महीने की शुरुआत में, META ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी का रुख किया था. पिछले साल नवंबर में, प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा किए गए उपयोगकर्ता डेटा को पांच साल की अवधि के लिए विज्ञापन उद्देश्यों के लिए अन्य मेटा उत्पादों या कंपनियों के साथ साझा नहीं करने का निर्देश दिया था. साथ ही कथित तौर पर इसका दुरुपयोग करने के लिए मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. मेटा ने एनसीएलएटी को सूचित किया कि सीसीआई के आदेश का पूरे उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता होगी.

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पिछले साल, सीसीआई ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए उपयोगकर्ता डेटा को अन्य मेटा उत्पादों या कंपनियों के साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पांच साल की अवधि के लिए साझा नहीं करने का निर्देश दिया था,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह सीसीआई के फैसले से असहमत है और अपील करने की योजना बना रहा है.



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