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हरियाणा चुनाव: जूतों की दुकान से BJP से सीटों के मोलभाव तक, गोपाल कांडा का सियासी सफर


सिरसा:

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों के बीच मोलभाव शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है. गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) एनडीए में शामिल है और सूत्रों की मानें तो उन्‍होंने अपनी मांग भाजपा के सामने रख दी है. क्‍या बीजेपी गोपाल कांडा की मुराद पूरी करेगी? हरियाणा की सियासत में गोपाल कांडा कितने प्रभावशाली हैं? आइए डालते हैं गोपाल कांडा के सियासी सफर पर एक नजर.  

रेडियो-जूतों की दुकान से BJP से सीटों के मोलभाव तक

गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) एनडीए में शामिल है. कांडा ने शनिवार रात बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की है. सूत्रों की मानें तो हलोपा हरियाणा की 90 में से आधा दर्जन सीटों पर दावेदारी जता रही है. अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी कांडा की विश पूरी करेगी? बताया जा रहा है कि रक्षाबंधन के बाद सीटों के बंटवारे पर फैसला हो सकता है. 

कहां फंस सकता है हलोपा, बीजेपी के बीच पेंच?

गोपाल कांडा हलोपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिरसा से विधायक हैं. उनकी पार्टी हलोपा पिछले 5 साल से बीजेपी के साथ खड़ी रही है. वहीं, गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा बीजेपी में ही हैं. गोबिंद कांडा अपने बेटे धवल कांडा को हलोपा के टिकट पर रानियां से चुनाव लड़वाना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी के लिए यह मुश्किल फैसला होगा, क्‍योंकि पूर्व विधायक और बीजेपी नेता रणजीत चौटाला भी इस सीट पर दावा ठोक रहे हैं. हालांकि, इसमें भी कोई दो राय नहीं कि सिरसा में हलोपा का मजबूत जनाधार है.

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कौन हैं गोपाल कांडा  

गोपाल कांडा हरियाणा की सिरसा सीट से मौजूदा विधायक हैं. इनके पिता मुरलीधर शहर के जाने-माने वकील थे. गोपाल कांडा ने नब्बे के दशक में रेडियो रिपेयर की दुकान जूपिटर म्यूजिक होम खोली थी. इसके बाद भाई के साथ मिलकर नया काम कांडा शू शॉप शुरू किया. इस दौरान नेताओं-अफसरों से नजदीकी बढ़ी, तो शू फैक्ट्री शुरू कर दी. चौटाला परिवार के करीब आने पर 1999 के दौरान 2004 के बीच कांडा बंधुओं का कारोबार काफी फैला. साल 2007 में कांडा ने पिता के नाम पर MDLR (मुरली धर लख राम) नई एयरलाइंस शुरू की. हालांकि, 2 साल बाद 2009 में एयरलांस को बंद कर दिया गया. गोपाल कांडा की राजनीति में एंट्री साल 2009 में हुई. गोपाल कांडा निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते… इसके बाद वह हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री बने. 5 अगस्त 2012 को उनकी एयरलाइंस की एयर होस्टेस गीतिका ने आत्महत्या की और सुसाइड नोट में कांडा पर आरोप लगाए. गोपाल कांडा ने साल 2012 में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा मामले में फंसने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और जेल गए. जेल से छूटने पर गोपाल कांडा ने हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई, लेकिन 2014 में वह चुनाव हार गए. इसके बाद 2019 में सिरसा से चुनाव जीता और बीजेपी को समर्थन दिया. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2023 में गीतिका मामले में गोपाल कांडा और दूसरी आरोपी अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया था. 

भाजपा शासित हरियाणा में की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 1 अक्टूबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी.

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