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रोंगटे खड़े हो गए, पिता की इच्छा हुई पूरी… : संसद पहुंचे फर्स्ट टाइम MPs के ऐसे थे रिएक्शन


नई दिल्ली:

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार (24 जून) को शुरू हुआ. पहले दिन सांसदों को शपथ दिलाई गई. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सबसे पहले पीएम मोदी को सांसद पद की शपथ दिलाई. वहीं, विपक्ष संविधान की कॉपी लेकर संसद पहुंचा. इस बार कई नेता पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बने हैं. संसद भवन में पहली बार कदम रखने पर उनका रिएक्शन भी दिलचस्प रहा. 18वीं लोकसभा में 280 फर्स्ट टाइम सांसद बने हैं. इनमें से 6 सांसदों से पहली बार संसद पहुंचने पर The Hindkeshariके साथ अपने अनुभव शेयर किए हैं. लोकसभा का सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. 

1. टी कृष्ण प्रसाद (TDP)
आंध्र प्रदेश के बापट्ला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी सांसद टी कृष्ण प्रसाद ने कहा, “जब मैं आज पहली बार लोकसभा में पहुंचा, तो मेरे रोंगटे खड़े हो रहे थे.” पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, “यह एक बहुत ही अलग अनुभव था… मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं लोकसभा सांसद बनूंगा. मैं बड़े पैमाने पर लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहता था. बतौर सांसद मैं अब ऐसा कर सकूंगा.”

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टी कृष्ण प्रसाद एक NGO भी चलाते हैं. उन्होंने कहा, “मैं तेलंगाना पुलिस में DGP था. अपनी सर्विस के दौरान मुझे अहसास हुआ कि मुझे पब्लिक सर्विस में काम करना है. इसलिए मैं राजनीति में शामिल हुआ.” टी कृष्ण प्रसाद ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों की आगे आकर मदद की है.

तेलंगाना-कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी टी कृष्ण प्रसाद 2022 में रिटायर्ड हुए थे. पहले वो BJP में थे. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की TDP ज्वॉइन कर ली.

2. मनीष जायसवाल (BJP)
बिहार के हजारीबाग सीट से BJP के टिकट पर सांसद चुने गए मनीष जायसवाल भी सांसद की शपथ लेकर इमोशनल हो जाते हैं. उन्होंने कहा, “मेरे पिता भी राजनीति में थे…आज जब मैं पहली बार लोकसभा में पहुंचा, तो मुझे लगा कि मेरे पिता की इच्छा पूरी हो गई है.”

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दो बार के विधायक रह चुके जायसवाल ने हजारीबाग सीट से पूर्व मंत्री जयंत सिन्हा को रिप्लेस किया था. जयंत सिन्हा BJP के पूर्व दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे. हजारीबाग सीट पर इस बार मनीष जायसवाल का मुकाबला कांग्रेस के जय प्रकाश भाई पटेल से हुआ था. 

मनीष जायसवाल ने The Hindkeshariसे कहा, “हजारीबाग के गांवों में बहुत पिछड़ापन और गरीबी है. वहां बहुत ज्यादा विस्थापन हुआ है. मैं वहां विकास की जरूरत की बात को लोकसभा में मजबूती से रखूंगा.”

3. हरेंद्र मलिक (समाजवादी पार्टी)
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से सांसद हरेंद्र मलिक के लिए भी सोमवार का दिन भावुक करने वाला रहा. वह मुजफ्फरनगर सीट से पहली बार सांसद चुने गए हैं. हरेंद्र मलिक ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लगा… यहां बैठकर अहसास हुआ कि मुझे अपनी पार्टी की नीतियों के अनुसार अपने समर्थकों की उम्मीदों पर खरा उतरना है. मुझे इस बात का भी अहसास हुआ कि मुझे इन जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करना है.”

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अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए मलिक ने कहा, “मैं शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर फोकस करना चाहता हूं. उन्होंने कहा, “ये तीन बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए. स्कूलों में शिक्षा सस्ती होनी चाहिए. सिंचाई भी सस्ती होनी चाहिए… यही मैं चाहता हूं.”

केंद्रीय मंत्री और BJP के प्रमुख जाट नेता संजीव बालियान को हराकर लोकसभा पहुंचने वाले नए सांसद ने कहा, “मुजफ्फरनगर तक रैपिड रेल पहुंचनी चाहिए. मैं इन मुद्दों को लोकसभा में उठाऊंगा.”

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4. लक्ष्मीकांत उर्फ ​​पप्पू निषाद (समाजवादी पार्टी)
उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर से पहली बार सांसद चुने गए लक्ष्मीकांत उर्फ ​​पप्पू निषाद के एजेंडे में भी विकास शीर्ष पर है. उन्होंने कहा, ”मेरा संसदीय क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है.”

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लक्ष्मीकांत उर्फ ​​पप्पू निषाद ने कहा, “संत कबीरनगर में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं बहुत कम हैं. मेरी प्राथमिकता लोगों, मेरे समर्थकों की आकांक्षाओं को लोकसभा के समक्ष रखना होगी.” निषाद अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उर्वरक और रसद विभाग संभाल चुके हैं.

5. राज कुमार सांगवान (BJP)
राष्ट्रीय राजधानी से कुछ ही घंटों की दूरी पर स्थित बागपत से सांसद चुने गए राज कुमार सांगवान भी विकास के कार्यों को जनता तक पहुंचाना चाहते हैं. इस सीट से BJP के नए सांसद ने कहा कि लोकसभा में अपने पहले दिन उन्हें ‘वास्तव में अच्छा लगा’ और ‘कई नए दोस्त बनाए. कई पुराने लोगों से मुलाकात भी हुई.

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उन्होंने कहा, “दिल्ली के बहुत करीब होने के बावजूद बागपत एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र है. जबकि सोनीपत और उससे सटे हरियाणा के अन्य जिलों ने बहुत प्रगति की है.” सांगवान कहते हैं, “बागपत को बड़े शहरों से जोड़ने के लिए नई सड़कें बनाना, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना मेरी प्राथमिकता होगी.”

6. मनोज कुमार (कांग्रेस)
बिहार के सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार के लिए भी ये ऐतिहासिक पल था. उन्होंने कहा, “आज मैं पहली बार लोकसभा गया…यह बहुत अच्छा अनुभव था.”

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40 वर्षीय मनोज कुमार ने 2019 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था, लेकिन वो BJP के छेदी पासवान को हरा न सके. इस बार BJP के नए उम्मीदवार शिवेश कुमार के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 19,000 से कुछ ज्यादा वोटों से जीत हासिल की.  

मनोज कुमार ने कहा कि बेरोजगारी उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है. उन्होंने कहा, “युवाओं को रोजगार और सासाराम संसदीय क्षेत्र का विकास मेरी प्राथमिकता होगी…मैं कैमूर की पहाड़ी को टूरिस्ट स्पॉट बनाना चाहता हूं.”

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