देश

कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा दे रही है सरकार, उत्पादन बढ़ाने पर फोकस

कोयला गैसीकरण प्रक्रिया में पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने हरित मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया है.

नई दिल्ली:

कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता, उत्पादन में बढ़ोतरी और भूमिगत खनन गतिविधियों को बढ़ावा देना कोयला क्षेत्र के लिए सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. यह क्षेत्र देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.इसके अलावा सरकार अधिक कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल वाली) और वाणिज्यिक कोयला खदानों को परिचालन में लाने, शुष्क ईंधन की गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरण स्थिरता के लिए परिवाहन ढांचे पर भी काम कर रही है. खानों के रिकॉर्ड को डिजिटल करने की भी तैयारी है. 

यह भी पढ़ें

कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि सरकार ने कोयला गैसीकरण के संबंध में पहले ही दो नीतियों को अधिसूचित कर दिया है और ऐसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ कर प्रोत्साहन भी प्रदान करने की योजना बनाई है.

वित्त वर्ष 2029-30 तक 10 करोड़ टन कोयले को गैसीकृत करने का लक्ष्य

कोयला मंत्रालय ने अपनी ऊर्जा बदलाव योजनाओं के अनुरूप वित्त वर्ष 2029-30 तक 10 करोड़ टन कोयले को गैसीकृत करने का लक्ष्य रखा है. अमृत लाल मीणा ने कहा, ‘‘अब, हम (कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के लिए) कुछ वित्तीय सहायता और कर प्रोत्साहन के लिए एक नीति ला रहे हैं. यह विचाराधीन है… और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोयला गैसीकरण में सकारात्मक तेजी आए.”

कोयला गैसीकरण से 2030 तक आयात कम होने की उम्मीद

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए काम कर रही है. कोयला गैसीकरण से 2030 तक आयात कम होने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन घटाने और हरित व्यवहार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें :-  अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती आज, PM मोदी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

कोयला गैसीकरण प्रक्रिया में हरित मंजूरी देना अनिवार्य

कोयला गैसीकरण प्रक्रिया में पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने हरित मंजूरी देना अनिवार्य कर दिया है. इसमें परियोजना प्रस्तावक को पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन करना होगा और एक पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार करनी होगी. कोयला गैसीकरण संयंत्र की स्थापना से संबंधित किसी भी गतिविधि को शुरू करने से पहले एक विशेषज्ञ समिति द्वारा योजना की विधिवत जांच की जाएगी.

वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी में राजस्व हिस्सेदारी में 50% की छूट का प्रावधान

केंद्र ने एक नीति भी बनाई है जिसमें गैसीकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन के लिए भविष्य की सभी वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी में राजस्व हिस्सेदारी में 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है. यह इस शर्त पर होगा कि गैसीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली मात्रा कुल उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत हो. नए कोयला गैसीकरण संयंत्रों के लिए कोयला उपलब्ध कराने के लिए गैर-विनियमित क्षेत्र के तहत अलग नीलामी खिड़की भी बनाई गई है.

पिछले वित्त वर्ष में 11.6 करोड़ टन कोयले का उत्पादन

सचिव के अनुसार, कुल 91 वाणिज्यिक ब्लॉक और 55 कैप्टिव खदानों में से 51 खदानें वर्तमान में चालू हैं. इन ब्लॉक ने पिछले वित्त वर्ष में 11.6 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया और मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य 16.2 करोड़ टन का है.देश का कोयला क्षेत्र दुनिया में दूसरे स्थान पर है. 2022-23 में कोयला उत्पादन 14.8 प्रतिशत बढ़कर 89.3 करोड़ टन पर पहुंच गया. कुल वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है. कोयला उत्पादन में भारत का स्थान दूसरा है. पहले स्थान पर चीन है. कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने 2023-24 में एक अरब टन के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 2029-30 तक कोयला उत्पादन डेढ़ अरब टन करने का लक्ष्य है. 

यह भी पढ़ें :-  पीएम मोदी के दौरे से पहले बिहार में क्यों गरमाई सियासत, तेजस्वी ने उठाए सवाल

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button