अमेरिका में ग्रीन कार्ड, H-1B वीजा या F-1 वीजा पर रहते हैं? कागज पूरे हों फिर भी भारत आने के पहले ये रखे ख्याल

अमेरिका में जब से डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आई है, वह इस बात पर पुरी सख्ती दिखा रही है कि कौन अमेरिका में आ रहा है और यहां रह रहा है. सरकार अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को कठोर करती जा रही है. इसी बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने हाल ही में कहा कि “ग्रीन कार्ड का मतलब यह नहीं कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में अनिश्चित काल तक रहने का अधिकार मिल गया.” इस बयान ने अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय मूल के अप्रवासियों को चिंता और तनाव की वजह दे दी है. ऐसे में इमिग्रेशन से जुड़े वकीलों ने भारतीय मूल के ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा होल्डर्स के लिए यात्रा से जुड़े जोखिम को लेकर सलाह जारी किया है.
अमेरिका से कौन जा रहा है या कौन अंदर आ रहा है, इसकी जांच करने वाली अमेरिकी एजेंसियों में शामिल हैं:
- यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS)
- इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE)
- डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS)
- कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP)
अमेरिका में रहने, काम करने या पढ़ाई करने वाले लाखों भारतीयों के पास या तो ग्रीन कार्ड है या फिर H-1B वीजा है या F-1 वीजा है. ये सभी अब अमेरिका लौटते समय जांच के दायरे में आ गए हैं. यह सही है कि ग्रीन कार्ड के जरिए स्थायी निवासी बने या जिनके पास कानूनी वीजा है, उनको अपने निवास या काम करते रहने की वैधता की स्थिति के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद बढ़ी हुई जांच निश्चित रूप से उनके धैर्य की परीक्षा होगी. इमिग्रेशन से जुड़े वकीलों ने इन्हें अमेरिका के बाहर यात्रा की योजना बनाते समय अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है.
उनका कहना है कि जांच बढ़ाए जाने की वजह से वीजा स्टैम्पिंग में बड़े पैमाने पर बैकलॉग हो गया है. पिछले कुछ हफ्तों में हिरासत में लिए जाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है. बैकलॉग केवल एंट्री प्वाइंट पर ही नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में भी है. वो भी ट्रंप प्रशासन के नए नियमों के कारण बड़ी प्रशासनिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
कानूनी एक्सपर्ट्स ने ग्रीन कार्ड (स्थायी निवासी), H-1B (अत्यधिक कुशल पेशेवर), और F-1 (छात्र) वीजा होल्डर्स को यात्रा की योजना बनाते समय इस चेक-लिस्ट को ध्यान में रखने की सलाह दी है:
- ट्रैवलर के गृह देश का पासपोर्ट
- वैध ग्रीन कार्ड (फॉर्म I-551) – डॉक्यूमें एक्सपायर नहीं होना चाहिए।
- वैध और बिना एक्सपायर हुआ H-1B या F-1 वीजा, जो अमेरिका में एक बार से अधिक प्रवेश की अनुमति देता है
- US री-एंट्री परमिट (जहां भी लागू हो) – 1 वर्ष से अधिक, लेकिन 2 वर्ष से कम समय के लिए अमेरिका से बाहर यात्रा करने वालों के लिए
- रोजगार के वेरिफिकेशन का लेटर
- पिछले एक साल के लिए फेडरल इनकम टैक्स के पेमेंट का W-2 फॉर्म और प्रमाण.
- पे स्लीप, सैलरी स्लीप, या सबसे हाल के 3 महीनों के लिए वैध इनकम प्रूफ (नौकरी देने वाले की तरफ से)
- पढ़ाई की अवधि बताने वाला कॉलेज या यूनिवर्सिटी से वैध लेटर
- अमेरिकी बैंक अकाउंट के वैध डॉक्यूमेंट (कम से कम एक प्राइमरी एकाउंट)
- वैध अमेरिकी ड्राइविंग लाइसेंस
इसके अलावा, एक्सपर्ट्स ने यात्रियों को इसके लिए तैयार रहने की सलाह दी है:
- जो लोग विदेश में लंबे समय तक रहने के बाद अमेरिका लौट रहे हैं, उन्हें कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के अधिकारियों के साथ लंबी पूछताछ के लिए तैयार रहना चाहिए.
- पूरी प्रक्रिया में सहयोग करें और शांत रहें.
- एंट्री प्वाइंट पर सेकेंडरी इंस्पेक्शन में दो घंटे से अधिक का समय लग सकता है.
- अमेरिका से बाहर छह महीने से अधिक समय तक रहने पर अतिरिक्त जांच होने की संभावना है.
- अपना ग्रीन कार्ड या वीजा एक्सपायर न होने दें. लास्ट डेट से पहले उन्हें रिन्यू करवा लें.
- यदि किसी व्यक्ति का ग्रीन कार्ड रद्द कर दिया जाता है, तो USCIS या इमिग्रेशन कोर्ट में अपील दायर करने का विकल्प उपलब्ध है.
- जिन लोगों ने F-1 वीजा के तहत अमेरिका में अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और H-1B या दूसरे वर्क वीजा पर स्विच कर लिया है, उन्हें विस्तारित जांच का सामना करना पड़ सकता है.
- जिन लोगों का H-1B वीजा एक साल से अधिक समय पहले समाप्त हो गया है और उन्होंने उसे आगे बढ़ाने या उसे रिन्यू करने के लिए आवेदन किया है, उन्हें अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ सकता है.
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