देश

ग्रीन-पटाखे भी खतरनाक? 63% में प्रतिबंधित रासायनिक तत्व मिला, स्टडी में हुआ खुलासा

मुंबई:

अदालतें और सरकारें ईको-फ्रेंडली ग्रीन-पटाखों को बढ़ावा देती हैं लेकिन एक स्टडी में पाया गया है कि क़रीब 63% ग्रीन पटाखों के सैंपल टेस्टिंग में बेरियम समेत कुछ अन्य खतरनाक रासायनिक तत्व पाए गए हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं. विक्रेता-ग्राहक दिवाली के जश्न के सामने इस स्टडी से बेपरवाह हैं. पर स्टडी करने वाली संस्था तुरंत इन पटाखों को बाज़ार से हटाने की मांग कर रही है. CSIR NEERI के सरकारी-हरे लोगो के साथ मुंबई के बाज़ारों में बिक रहे हैं. दावा है ये पटाखे प्रदूषण कम फैलाते हैं. पर ग़ैर सरकारी संगठन. आवाज़ फाउंडेशन की पांच साल तक की लंबी स्टडी में पाया गया है कि इनमें बेरियम समेत कुछ अन्य खतरनाक रासायनिक तत्व पाए गए हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं.

यह भी पढ़ें

बेरियम के पटाखों पर पूरे देश में प्रतिबंध है

गौरतलब है कि बेरियम के पटाखों पर पूरे देश में प्रतिबंध है. पारंपरिक पटाखों में पाए जाने वाला हरा रंग, बेरियम कंपाउंड की वजह से होता है.  लेकिन ग्रीन पटाखों में ये नहीं होता है. पारंपरिक पटाखों में पाया जाने वाला धातु ऑक्साइड बेरियम हवा-ध्वनि प्रदूषण के साथ ही ये आँख, नाक, गले, त्वचा,फेफड़ों को नुक़सान पहुंचाता है!

एनडीटीवी की टीम मुंबई के बड़े पटाखा बाज़ारों में से एक क्रॉफ़र्ड मार्केट पहुंची. दुकानों में खचाखच भीड़ दिखी. पटाखों के बड़े डीलर मिनेश एन मेहता मिले, कहते हैं अब ग्रीन पटाखे ही बेचते हैं. लेकिन इसमें मिले हुए केमिकल पदार्थों के बारे में जानकारी नहीं थी. पटाखों पर बने QR कोड भी फ़र्ज़ी निकले. आधे से ज़्यादा ग्राहकों को ‘ग्रीन पटाखों’ के बारे में जानकारी नहीं, जिन्हें पता है उन्हें नई स्टडी को लेकर कोई परवाह नहीं. पूछते हैं दिवाली पर्व के समय ही प्रदूषण कि चर्चा क्यों होती है. 

यह भी पढ़ें :-  दोस्तों संग मजाक-मजाक में गई महिला की जान, तीसरी मंजिल से गिरी, CCTV में कैद हुई घटना

प्रदूषण से बेहाल है मुंबई

बताते चलें कि मुंबई के 78% परिवार एक सर्वे में प्रदूषण से बीमार बताए गए हैं. अबतक शहर के प्रदूषण लोड में 70% धूल-मिट्टी की हिस्सेदारी कही गई थी, अब ऐसे बेरियम और प्रतिबंधित रसायनों के इस्तेमाल वाले पटाखे मुंबई का हाल किस क़दर बिगाड़ेंगे अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें-:

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button