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Ground Report: मुंबई में जल संकट, झीलें सूखने से वाटर सप्लाई में 5 प्रतिशत की कटौती


मुंबई:

Mumbai Water crisis: मुंबई में पानी का संकट शुरू हो गया है. शहर में पानी की सप्लाई में कटौती की जाने लगी है.शहर की कई बस्तियों में हालत ज्यादा बुरी है. मुंबई के बोरिवली वेस्ट के एक्सर-डोंगरी इलाके में सिर्फ एक घंटा पानी सप्लाई होता है. बताया जाता है कि यहां 40 सालों से यही हाल है. बस्ती के लोग बेहद गुस्से में हैं. वे कहते हैं कि नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं, फिर शक्ल नहीं दिखाते. 

देश की आर्थिक राजधानी में ऐसी कई बस्तियां हैं जहां लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. मुंबई के बोरिवली बेस्ट में एक्सर डोंगरी बस्ती है. इसमें करीब 12000 लोग रहते हैं. लोगों ने बताया कि पूरे दिन में सिर्फ एक घंटे के लिए ही पानी सप्लाई होता है. 

झीलों में सिर्फ 8% पानी बचा 
एक्सर डोंगरी इलाके के लोग पानी की बड़ी किल्लत का सामना कर रहे हैं. बीएमसी फिलहाल पानी की सप्लाई में पांच प्रतिशत की कटौती कर रही है. झीलों में सिर्फ 8% पानी बचा है. ऐसे में पांच जून से 10% कटौती होगी. हालांकि एक्सर डोंगरी में यह कटौती सालों से हो रही है. 

एक्सर डोंगरी के लोगों ने The Hindkeshariसे कहा कि, “चार पीढ़ियां निकल गईं, हमारी कोई नहीं सुनता. एक दिन में सिर्फ एक घंटा पानी आता है. और दो मटका भर पाते हैं. दो मटका पानी में घर कैसे चलेगा. लोगों को पानी ढोते-ढोते हार्ट अटैक आ जाता है. यहां दो कुआं हैं, जो निजी हैं. इनमें बहुत गंदा पानी है, कर क्या करेंगे कपड़ों और नहाने के लिए कुएं का ही पानी इस्तेमाल करते हैं. गंदे पानी के कारण यहां बीमारी फैलती हैं इसलिए यहां मलेरिया,डेंगू जैसी बीमारी से सब ग्रस्त होते हैं.

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पाइपलाइन बिछी, पर पानी सप्लाई नहीं
एक निवासी ने बताया कि सभी वोट देते हैं, बिल भी भरते हैं लेकिन उनके साथ सौतेला व्यवहार होता है. वे कहते हैं कि, “हम वोटर हैं, पानी का बिल भरते हैं, फिर भी यह हालत, पाइपलाइन बिछाई है, पर पानी सप्लाई नहीं. मीटर भी निकालकर ले गए. हमने इससे पहले 11 लाख रुपये भरा था, अब करीब 9 लाख का बिल भेजा है. जब तक यह पानी नहीं देंगे हम नहीं भरेंगे. हमारी चार पीढ़ियां पानी के किल्लत में निकल गईं. बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस कोई हमारी नहीं सुनता. दयनीय स्थिति है.”

एक्सर डोंगरी की एक निवासी ने The Hindkeshariको बताया, “हम लोग घरों में काम करने वाले मध्यम लोग हैं, मर्द रिक्शा गाड़ी चलाते हैं. हमारे पास हर दिन की मज़दूरी लगभग 250-300 आती है, अब टैंकर कहां से लाएंगे, पैसे नहीं. सरकारी पानी पर निर्भर रहते हैं या कुएं के गंदे पाने पर. पति-पत्नी बाहर काम करते हैं तो बच्चों पर दबाव होता है पानी भरने का. ये छोटे बच्चों को पानी भरना पड़ता है. फिर मटके लेकर कई सीढ़ियां ऊपर चढ़नी पड़ती हैं.”

बस्ती में आठ साल के चैतन्य और 11 साल की नैना जैसे कई बच्चे रहते हैं जो पढ़ाई से ज्यादा घर में पानी भरने का होमवर्क करते रहते हैं. नैना ने कहा- स्कूल के बाद पानी भरना पड़ता है, बहुत भीड़ होती है. 

जल संकट के कारण कुंवारे रह जाते हैं लड़के
बस्ती के परिवार कहते हैं कि हालत कुछ ऐसे हैं कि कोई यहां के घरों में लड़की देना (शादी करना) नहीं चाहता, इसलिए यहां कई लड़के कुंवारे ही रह जाते हैं. लोगों ने कहा कि, कौन लड़की देगा, कि जाकर पानी भरे, ये कोई लाइफ है? टंकी की हालत देखिए, पंप की हालत देखें.. बोल बोलकर थक गए, कोई नहीं आता हमारा हाल जानने.  

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बारिश के पानी पर निर्भर मुंबई को पानी पहुंचाने वाली सात झीलों में पानी का स्टॉक 8% तक नीचे आ गया है. इस कारण बीएमसी ने 30 मई से 5% पानी की कटौती शहर में शुरू की है. यह 5 जून से दोगुनी होकर 10% हो जाएगी. विपक्ष बीएमसी पर हमलावर है

कांग्रेस नेता रवि राजा ने कहा कि, “कहने के लिए पांच फ़ीसदी बोलते हैं हक़ीक़त में 25% काटते हैं, पानी नियोजन ठीक करें, साथ ही तालाबों के सूखने का भी हल निकालना होगा.”

मानसूनी बारिश की शुरुआत 11 जून को होने की उम्मीद है, हालांकि मुंबई के इस एक्सर डोंगरी इलाके की हालत तब भी कितनी सुधरेगी कहना मुश्किल है. 


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