गुजरात सरकार ने 3.32 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, कोई नया कर नहीं

उन्होंने कहा कि कुल परिव्यय में से करीब 2.14 लाख करोड़ या 64.43 प्रतिशत ‘विकासात्मक व्यय’ के लिए आवंटित किया गया है, जबकि 83,000 करोड़ रुपये या 25.1 प्रतिशत गैर-विकासात्मक व्यय में जाएगा.
वित्त विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.पी. गुप्ता ने बाद में पत्रकारों से कहा कि गुजरात का सार्वजनिक ऋण राज्य के 24 लाख करोड़ रुपये के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 15 प्रतिशत है, जो 3.6 लाख रुपये है.
राज्य सरकार ने 146.72 करोड़ के अनुमानित अधिशेष के साथ बजट पेश किया. बजट में किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है.
देसाई ने अपने बजटीय संबोधन में कई योजनाओं और परियोजनाओं की घोषणा की.
गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर फोकस
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट तैयार करते समय मूल में ज्ञान (जीवाईएएन) यानी ‘गरीब’ , ‘युवा’ , ‘अन्नदाता’ और ‘नारी शक्ति’ को रखा.
देसाई ने कहा, ‘‘ ‘गुजरात @2047′ दस्तावेज के दृष्टिकोण के तहत राज्य सरकार 2047 तक अपने नागरिकों के लिए विकसित देशों के नागरिकों के स्तर के बराबर औसत प्रति व्यक्ति आय सुनिश्चित करना चाहती है.”
उन्होंने कहा कि लक्ष्य वृद्धि दर की गति को बनाए रखना और तेज करना है, ताकि 2047 से पहले राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में गुजरात का योगदान 10 प्रतिशत हो और राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 28000 करोड़ डॉलर के मौजूदा स्तर से बढ़कर 3500 अरब डॉलर हो जाए.
‘नमो लक्ष्मी’ और ‘नमा श्री’ योजना
नई प्रस्तावित ‘नमो लक्ष्मी’ योजना के तहत कक्षा नौंवी से 12वीं तक सरकारी, सहायता प्राप्त तथा निजी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को उनकी शिक्षा के चार वर्षों में 50,000 रुपये दिए जाएंगे. इस कार्यक्रम के लिए बजट में 1,250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
‘नमा श्री’ योजना के तहत पिछड़े तथा गरीब वर्ग की गर्भवती महिलाओं को 12,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. इसके लिए बजट में 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री ने सात नगर पालिकाओं नवसारी, गांधीधाम, मोरबी, वापी, आनंद, मेहसाणा और सुरेंद्रनगर-वधवान को नगर निगम में बदलने की घोषणा भी की.
‘जन रक्षक’ योजना की घोषणा
उन्होंने ‘जन रक्षक’ योजना की भी घोषणा की, जिसमें पुलिस और दमकल कर्मी सहित सभी आपात सेवाओं से 112 नंबर डायल करके संपर्क किया जा सकता है.
देसाई ने कहा कि शहरी इलाकों में 10 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 30 मिनट के भीतर नागरिकों तक आपत सेवाएं पहुंच पाएंगी.
राज्य सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम और स्टांप शुल्क के कुछ प्रावधानों को आसान बनाकर नागरिकों को 754 करोड़ रुपये की राहत देने का प्रस्ताव भी रखा है.
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