H-1B पॉलिसी में बदलाव अमेरिका के लिए क्यों होगा फायदेमंद, The Hindkeshariको दावोस में अमेरिकी इकॉनोमिस्ट ने बताया

दावोस/नई दिल्ली:
अमेरिकी इकॉनोमिस्ट केनेथ रोगॉफ (Kenneth Rogoff) ने दावोस (Davos) में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (WEF) की बैठक में The Hindkeshariसे कहा कि ट्रंप 2.0 कार्यकाल में भारत के हाई स्किल्ड पेशेवरों के लिए H-1B वीजा नीति में बदलाव अमेरिका के लिए शानदार होगा, क्योंकि उसे उनकी जरूरत है. टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क, जो कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करते हैं, वो भी H-1B वीजा के पक्ष में हैं. रोगॉफ ने भारत की प्रतिभा के पलायन की समस्या का जिक्र करते हुए The Hindkeshariसे कहा कि मुझे लगता है कि यह अमेरिका के लिए शानदार होगा. मुझे नहीं पता कि यह भारत के लिए शानदार है या नहीं.
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अधिक ढील वाली नीति अपनानी चाहिए
केनेथ रोगॉफ ने कहा कि आप ये जानते हैं, जो बाइडेन लीगल इमीग्रेशन पर ट्रंप की नीति को ही फॉलो करते दिखे, उन्होंने इसमें बिल्कुल भी ढील नहीं दी. इसलिए, हमें हायर एजुकेटेड लोगों के लिए बहुत अधिक ढील वाली नीति अपनानी चाहिए, जिनके पास योगदान देने के लिए बहुत कुछ है. ट्रंप के बाद जनवरी 2021 में जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला था. रोगॉफ ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ऐसे लोग नहीं हैं जिनके पास कम शिक्षा है, जिनके पास योगदान देने के लिए बहुत कुछ नहीं है, लेकिन यह सब लीगल इमीग्रेश, कुछ तार्किक सिस्टम में होनी चाहिए,”
ट्रंप ने की ये महत्वपूर्ण घोषणाएं
अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन, राष्ट्रपति ट्रंप ने जनवरी 2021 में यूएस कैपिटल हिंसा में शामिल 1,500 लोगों को माफ़ करने और लाखों विदेशियों को वापस उनके देश में वापस भेजने सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. डेमोक्रेट्स ने अपने कार्यकाल में बहुत सारे कानूनी मामले किए, और मुझे लगता है कि वह इसमें से कुछ को वापस ले रहे हैं. जो पीएचडी करते हैं, उन्हें किसी विश्वविद्यालय या महान नौकरी से प्रस्ताव मिलता है, वे नहीं रह सकते क्योंकि उन्हें ग्रीन कार्ड नहीं मिल सकता. लोग मैक्सिकन सीमा को अवैध रूप से पार करते हैं, और कम से कम नौ मिलियन लोग ऐसा करते हैं. अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने दोनों में कटौती की. हालांकि एलन मस्क उन्हें समझा रहे हैं कि हमें भारत और अन्य जगहों से प्रतिभाशाली इंजीनियरों की जरूरत है. इसलिए दक्षिणी सीमा पर संकट है. यह जो बाइडेन की सबसे अजीब नीति थी. ट्रंप इमीग्रेशन को रोकने नहीं जा रहे हैं. असल में बॉर्डर बहुत बड़ा है.
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पहचान की राजनीति
ट्रंप की इस घोषणा पर कि वे केवल दो जेंडर को मान्यता देते हैं. इस पर रोगॉफ ने कहा कि यह एक कदम पीछे हटना है और हम चरम पर चले गए हैं. मुझे लगता है कि ज़्यादातर अमेरिकी लोग ट्रांसजेंडर अधिकारों का समर्थन करते हैं. लेकिन इसे इतनी चरम सीमा पर ले जाया गया कि वे ऐसा नहीं कर पाए. इसलिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. मुझे नहीं पता कि वह वास्तव में क्या करने जा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि आप समय को पीछे मोड़ सकते हैं. लेकिन, आप जानते हैं, स्पष्ट रूप से वह ऐसी बातें कह रहे हैं जो कई लोगों को बहुत आहत करती हैं. आप जानते हैं, ये स्वागत योग्य नहीं है.
दावोस में 5 दिवसीय बैठक
वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम के अनुसार, सोमवार को शुरू हुई दावोस में पांच दिवसीय बैठक में इस बात पर विचार किया जा रहा है कि विकास को कैसे बढ़ावा दिया जाए, नई तकनीकों का उपयोग कैसे किया जाए और सामाजिक तथा आर्थिक सुधारों को कैसे मजबूत किया जाए. वैश्विक बैठक में 130 से अधिक देशों के लगभग 3,000 नेता भाग ले रहे हैं, जिनमें 350 सरकारी नेता शामिल हैं. दावोस में भारत की भागीदारी का उद्देश्य भागीदारी को मजबूत करना, निवेश आकर्षित करना और देश को सतत विकास और टेक्नोलॉजी इनोवेशन में वैश्विक रूप में स्थापित करना है. भारत ने इस बार WEF में पांच केंद्रीय मंत्रियों, तीन मुख्यमंत्रियों और कई अन्य राज्यों के मंत्रियों को भेजा है.