नया साल मुबारक : 2025 की वे 25 पॉजिटिव बातें, जो आपकी और हमारी जिंदगी बदल देंगी
भारत के लिए 2024 कई मोर्चों पर शानदार साबित हुआ, जहां सरकार ने लोगों के हित में कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिससे देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति मजबूत हुआ. आम जनता की जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला. अब 2025 में दुनिया में कई महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव होने जा रहे हैं. आज हम आपको 2025 की 25 पॉजिटिव खबरों के बारे में बताएंगे, जो तकनीकी, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, व्यपार और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएंगी.
भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2025 में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रही है. दुनिया के कई अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, जापान की अर्थव्यवस्था ठहराव के दौर से गुजर रही है. उसकी मुद्रा येन लगातार कमजोर बनी हुई है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के बड़े देशों में सबसे तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में पूरी संभावना है कि 2025 के अंत तक भारत जीडीपी के मामले में जापान को पीछे छोड़ देगा. वैसे भी अगर परचेजिंग पावर पैरिटी के लिहाज से देखें तो भारत पहले ही जापान और जर्मनी से आगे है और चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है. हालांकि, पर कैपिटा जीडीपी के मामले में भारत में अभी काफी सुधार की जरूरत है और वह दुनिया में 194 अर्थव्यवस्थाओं में 149वें नंबर पर है.
किसी भी बैंक से EPFO की पेंशन
नौकरी पेशा लोगों के लिए 2025 में ईपीएफओ यानी कर्मचारी प्रोविडेंट फंड से जुड़े नियमों में कई बदलाव होने जा रहे हैं. नए साल में EPFO के आईटी ढांचे में बड़े सुधार पूरे हो रहे हैं, जिसके बाद EPFO के खाता धारक अपने क्लेम सेटलमेंट सीधे ई-वॉलेट के जरिए कर सकेंगे. EPFO खाताधारक क्लेम के सेटलमेंट के बाद अपने पीएफ में जमा राशि को सीधे ATM से निकाल सकेंगे. इसके लिए उन्हें अलग से कार्ड दिए जाएंगे. क्लेम सेटलमेंट में आमतौर पर सात से दस दिन लगते हैं और इसके बाद पैसा सीधे EPFO खाताधारक के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इस सबसे देश में करीब आठ करोड़ EPFO खाताधारकों को फायदा होगा. इसके अलावा 1 जनवरी से कर्मचारी पेंशन स्कीम के करीब 80 लाख सदस्य अपनी पेंशन देश के किसी भी बैंक की शाखा से निकाल सकेंगे.
बुजुर्गों के लिए गुड न्यूज
2025 में एक अच्छी खबर यह भी है कि देश में 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए जो बिना इंटरनेट सुविधा के पेमेंट के लिए UPI 123Pay सेवा का इस्तेमाल करते हैं. स्मार्ट फोन नहीं, बल्कि फीचर फोन की बात कर रहे हैं, स्मार्ट फोन से ठीक पहले वाले फोन जिनका स्क्रीन छोटा होता है और जिनमें फिजिकल कीपैड होते हैं. रिजर्व बैंक ने फीचर फोन आधारित पेमेंट के लिए ही UPI 123Pay सेवा शुरू की है. इसके तहत पैसा ट्रांसफर करने की लिमिट 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी गई है. 1 जनवरी से इस सुविधा का लाभ मिल रहा है. इसके अलावा UPI Lite के तहत पैसा ट्रांसफर करने की लिमिट 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दी गई है. इससे खासतौर पर निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों के बुज़ुर्गों और ग्रामीणों को फायदा होगा, जिनके पास आज भी डिजिटल पेमेंट की सुविधाएं सीमित हैं.
किसानों के लिए अच्छी खबर
1 जनवरी से रिजर्व बैंक की ओर से किसानों के लिए भी एक अच्छी खबर है. कृषि उत्पादन बढ़ाने और वित्तीय स्थिरता लाने के लिए रिजर्व बैंक ने कृषि फाइनेंसिंग में बड़ा बदलाव किया है. किसानों को अब दो लाख तक के लोन मिल सकते हैं. यानी ऐसे कर्ज, जिनके लिए बैंक में गारंटी के तौर पर कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं है. पहले ये सीमा एक लाख साठ हजार रुपए थी. इससे सीमांत किसानों को खेती में काफी मदद मिलेगी.
1 जनवरी से रिजर्व बैंक द्वारा नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों यानी NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों यानी HFC में फिक्स्ड डिपॉज़िट रखने की नई गाइडलाइन लागू हो रही हैं. 10 हज़ार रुपए तक के फिक्स्ड डिपॉज़िट को जमा करने के तीन महीने के अंदर बिना ब्याज के पूरी तरह निकाला जा सकेगा. बड़े फिक्स्ड डिपॉज़िट को जमा करने के तीन महीने के अंदर मूल धन का 50 फीसदी या पांच लाख रुपए जो भी कम हो, उतना निकालने की इजाजत होगी. गंभीर बीमारी के मामले में खाताधारक पूरा मूल धन बिना ब्याज के निकाल सकेंगे, चाहे फिक्स्ड डिपॉज़िट की अवधि कुछ भी हो.
मॉनसून रहेगा मेहरबान
साल 2025 खेती के लिहाज से भारत के लिए शानदार रहने की उम्मीद है. अच्छे मॉनसून की वजह से इस दौरान देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है. जून 2025 में खत्म होने वाले 2024-25 के फसल वर्ष में खरीफ की फसल का रिकॉर्ड 16.47 करोड़ टन उत्पादन हुआ है. हालांकि, मौसम के मिजाज का ठीक से अनुमान नहीं लगाया जा सकता. लेकिन फिर भी सर्दियों में होने वाली रबी की फसल पिछले साल से बेहतर होने की उम्मीद है. 2024-25 में कृषि क्षेत्र में विकास दर 3.5 से 4 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है.
देश में तेजी से बिछते सड़कों के जाल का नए साल में और विस्तार होने जा रहा है. 2025 में कई नए एक्सप्रेसवे पूरे हो जाएंगे. 2019 में बनना शुरू हुआ देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2025 के अंत तक पूरा होने की संभावना है. करीब एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहे 1386 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद दिल्ली से मुंबई की यात्रा बारह घंटे में संभव हो जाएगी. सात राज्यों से गुजरने वाले आठ लेन के इस एक्सप्रेसवे का 82% काम अक्टूबर 2024 तक पूरा हो चुका है. 1386 में से 630 किलोमीटर एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक अलग-अलग चरणों में पहले ही शुरू हो चुका है.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भी फरवरी तक पूरी होने की संभावना है. 210 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी दो से ढाई घंटे में तय की जा सकेगी. दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे उत्तरप्रदेश के बागपत, शामली, सहारनपुर होकर उत्तराखंड में देहरादून पहुंचेगा. इस एक्सप्रेसवे पर राजाजी नेशनल पार्क और देहरादून के बीच 20 किलोमीटर का एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कोरिडोर बन रहा है, जो जंगल के बीच से गुजरने वाला एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से जोड़ने वाला बेंगलुरू चेन्नई एक्सप्रेसवे
भी अगस्त 2025 तक पूरा हो जाएगा. 260 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे से बेंगलुरू और चेन्नई के बीच की सड़क की दूरी छह घंटे से घटकर तीन घंटे रह जाएगी. यह एक्सप्रेसवे कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु से होकर गुजर रहा है. यह दक्षिण भारत का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, यानी ऐसा एक्सप्रेसवे जो पूरी तरह से नया बन रहा है और जिस रास्ते पर पहले सड़क नहीं थी. मोदी सरकार 4.5 लाख करोड़ रुपए की लागत से देश में ऐसे 10 हजार किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने पर काम कर रही है.
उत्तरप्रदेश में 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे
भी जनवरी में होने वाले महाकुंभ से पहले पूरा जाने की उम्मीद है. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों से गुजरता है. गंगा एक्सप्रेसवे के पूरा होने से दिल्ली से प्रयागराज सड़क के रास्ते सात घंटे में पहुंचा जा सकेगा. गंगा एक्सप्रेसवे को बीच में कई जगह बाकी एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लिंक रोड बनाई जा रही हैं.
कश्मीर घाटी को बाकी देश के साथ रेल लिंक से जोड़ते ही
साल 2025 में भारतीय रेलवे एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लेगी. इस अहम प्रोजेक्ट के आखिरी हिस्से उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है. जनवरी में इस रूट पर दिल्ली से श्रीनगर को जोड़ने वाली रेल सेवा शुरू हो जाएगी. यह दुनिया के सबसे खूबसूरत रेल मार्गों में से एक होगा जो 38 सुरंगों से गुज़रेगा. करीब 700 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग पर दुनिया का सबसे लंबा रेलवे पुल चिनाब ब्रिज भी बनाया गया है जो इस रूट की खूबसूरती और रोमांच को और भी ज़्यादा बढ़ाता है.
दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम से जोड़ने वाला रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (RRTS)
भी नए साल में पूरा हो जाएगा. इस रूट पर चलने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्रेनों को नमो भारत नाम दिया गया है, जिनमें सीसीटीवी मॉनिटरिंग, इमरजेंसी कम्युनिकेशन सुविधाएं, ऑनबोर्ड वाईफाई और फायर डिटेक्शन सिस्टम भी शामिल है. 82 किलोमीटर इस रूट का 42 किलोमीटर सेक्शन पहले ही चालू है. इस रूट पर RRTS के 2025 के मध्य तक पूरा होने के बाद दिल्ली से मेरठ का सफ़र एक घंटे में पूरा हो जाएगा.
नए साल में दो बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी शुरू होने जा रहे हैं.
उत्तरप्रदेश के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लगभग पूरा हो चुका है और इस पर टेस्ट फ्लाइट भी उतर चुकी हैं. करीब 30 हजार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण के 17 अप्रैल से ऑपरेशनल होने की संभावना है. पहले चरण में इस एयरपोर्ट से करीब सवा करोड़ यात्री सालाना उड़ान भर सकेंगे और उतर सकेंगे. चार चरणों में बनने वाले इस एयरपोर्ट में कुल छह रनवे होंगे और पूरा बन जाने के बाद यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, जिसकी सालाना क्षमता 7 करोड़ यात्रियों की होगी.
17 अप्रैल को ही नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन होने की संभावना है. इस एयरपोर्ट पर भी टेस्ट फ्लाइट उतर चुकी हैं. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ही तरह यह भी एक ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जिसके सभी चरणों के पूरा हो जाने के बाद इसकी सालाना क्षमता 6 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी. इसके अलावा 15 लाख टन कार्गो सालाना यहां से लाया ले जाया सकेगा. पहले चरण में सालाना 2 करोड़ यात्री इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल कर पाएंगे. इस एयरपोर्ट पर कुल लागत 18 हजार करोड़ रुपए आने की संभावना है.
13 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक मेला महाकुंभ प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है. अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ में देश और दुनिया भर से 5 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. देश की सांस्कृतिक, धार्मिक विरासत के इस विशाल सागर में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आने वालों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर इंतज़ाम किए गए हैं.
सरकारें बेहतर होती हैं तो जनता का भी ज़्यादा भला होता है और पॉज़िटिविटी भी बढ़ती है. लेकिन साल 2025 सरकार चुनने के लिहाज से थोड़ा कम व्यस्त साल है. इस साल सिर्फ दो विधानसभा चुनाव होने हैं. फरवरी में दिल्ली विधानसभा और अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है. लेकिन दोनों ही राज्यों में होने वाले ये चुनाव सियासी लिहाज से काफी हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है.
साल 2025 में भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने जा रहा है. ISRO द्वारा PSLV C60 से छोड़े गए Spadex A और Spadex B यान अंतरिक्ष में अपनी कक्षा में स्थापित हो चुके हैं और अगले कुछ दिनों में दोनों को आपस में जोड़ने से जुड़े डॉकिंग एक्सपेरिमेंट की कामयाबी के साथ ही भारत दुनिया के उस इलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिसमें अभी सिर्फ़ अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं. डॉकिंग एक्सपेरिमेंट की कामयाबी भविष्य में चांद से सैंपल लाने और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने जैसे बड़ी परियोजनाओं के लिए काफ़ी अहम होगी.
2025 के जनवरी महीने में ही इसरो एक और नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. ISRO जनवरी में अपने 100वें मिशन को लॉन्च करेगा. इसके तहत GSLV रॉकेट के जरिए भारतीय सैटलाइट नेवेगिशन सिस्टम तैयार करने के लिए NVS-02 मिशन लॉन्च किया जाएगा. NVS-02 सेकंड जनरेशन नेविगेशन सैटलाइट्स की सीरीज में दूसरा मिशन होगा. इससे भारत दुनिया में इस्तेमाल किए जाने वाले Global Positioning System यानी GPS की तर्ज पर अपना खुद का सिस्टम Navigation with Indian Constellation यानी NavIC तैयार करने की ओर एक कदम आगे बढ़ जाएगा.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसीं भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के धरती पर लौटने का इंतजार मार्च महीने में ख़त्म हो जाएगा. दोनों ही अंतरिक्ष यात्री 5 जून, 2024 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसे हुए हैं. बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की छोटी टेस्ट फ़्लाइट के तहत दोनों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गए थे. लेकिन यान में तकनीकी दिक्कतें आने के कारण वापस नहीं लौट सके. अब SpaceX क्रू ड्रैगन स्पेस कैप्सूल में उन्हें वापस धरती पर लाया जाएगा.
साल 2025 में दुनिया में एक बड़ा बदलाव जिस पर सबकी निगाह रहेगी, वह है अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का अमेरिका की सत्ता अपने हाथ में लेना. चुनावों में शानदार जीत के साथ ही ट्रंप चार साल बाद 20 जनवरी को दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. सत्ता में आने के बाद वह जो बाइडेन सरकार की नीतियों में बड़े बदलाव करने जा रहे हैं. ये बदलाव सिर्फ़ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को कई तरह से प्रभावित करेंगे. उम्मीद है कि इनमें से अधिकतर बदलाव भारत के लिहाज से सकारात्मक होंगे, चाहे वह अर्थव्यवस्था से जुड़े हों, दुनिया की भूराजनीति से या फिर भारत की सामरिक सुरक्षा से.
दुनिया में हर साल करीब दस लाख लोगों की जान लेने वाली बीमारी कैंसर के मुकम्मल इलाज का इंतजार 2025 में भी बना रहेगा. लेकिन इस साल कैंसर के इलाज में कई बड़ी कामयाबियां मिलने जा रही हैं. अमेरिका की एफडीए 2025 में कैंसर की एक वैक्सीन को मंज़ूरी देने जा रही है. मरीज़ों की व्यक्तिगत शारीरिक ज़रूरतों के हिसाब से ये वैक्सीन तैयार की जा सकेंगी. इसके कैंसर से निपटने के लिए प्रोटोन थैरेपी, प्रिसिज़न ओंकोलोजी और कई नई दवाएं भी तैयार होने की उम्मीद है.
साल 2025 नई उभरती टेक्नोलॉजी के लिहाज से भी काफी अहम रहेगा. ऐसे समय जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में पैर पसार लिए हैं, तो उसका विस्तार नए आसमानों की ओर होना तय है. हर कंपनी अब ये समझ चुकी है कि AI और Generative AI के बिना भविष्य नहीं है. Open AI और Google जैसी कंपनियों ने Generative AI की सीमाओं को पीछे धकेल दिया है. इस सबके बीच चिंता ये भी है कि AI अगर अपनी ख़ुद की समझ से सारा काम करना शुरू कर देगा तो हो सकता है कि कभी हम उस पर नियंत्रण खो दें और वह हम पर हावी हो जाए. इसे लेकर दुनिया में कई आईटी विशेषज्ञ और अन्य विद्वान चेतावनियां भी देते रहे हैं. इतिहासकार और लेखक युवल नोआ हरारी उनमें से एक हैं जो मानते हैं कि AI में इंसान को अपना ग़ुलाम बना लेने और मानवता को ख़त्म कर देने की क्षमता विकसित हो सकती है. AI इस Point of no return तक न पहुंचे इसके लिए 2025 में दुनिया में नए सिरे से दबाव बनने की संभावना है.
आधुनिकतम तकनीक के लिहाज से नया साल क्वॉंटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भी अहम होगा. क्वॉंटम कंप्यूटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो क्वांटम मैकेनिक्स के इस्तेमाल से बहुत ही जटिल समस्याओं या गणनाओं को पल भर में हल कर सकता है, जिसे हल करना पारंपरिक कंप्यूटरों के लिए मुश्किल और असंभव होता है. संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को International Year of Quantum Science and Technology घोषित किया है. IBM 2025 में अभी तक का सबसे बड़ा क्वांटम कंप्यूटर जारी करने जा रही है. क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में तरक्की दुनिया में कई बड़ी चुनौतियों को हल करने की दिशा में काम आ सकती है.
साल 2025 बायो टेक्नोलॉजी के लिहाज से भी एक बड़ा साल होने जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण की बेहतरी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे. CRISPR आधारित जीन संपादन जैसी तकनीक मस्क्युलर डिस्ट्रॉफ़ी, सिस्टिक फाइब्रोसिस, सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के इलाज में काफ़ी ख़ास साबित होगी. ऐसी तकनीक से कैंसर के इलाज के भी ज़्यादा प्रभावी तरीके विकसित हो रहे हैं. ऐसी फसलें तैयार करने में मदद मिलेगी जो बीमारियों और क्लाइमेट चेंज से प्रभावित न हों और जिनके लिए ख़तरनाक कीटनाशकों की ज़रूरत न पड़े. बायोटेक्नोलॉजी की मदद से लैब में ही तैयार मीट बनाने को बढ़ावा मिलेगा जो दुनिया की खाद्य चुनौती से लड़ने में अहम होगी.
क्लाइमेट चेंज दुनिया के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है. साल 2024 आज तक का सबसे गर्म साल साबित हुआ है, जब तापमान में बढ़ोतरी पेरिस समझौते में तय 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर गई. दुनिया में बेमौसमी बदलाव बड़े पैमाने पर महसूस हुए हैं, जिनसे करोड़ों लोग प्रभावित हुए. इस ट्रेंड के साल 2025 में बने रहने की आशंका है. लेकिन इस सबके बीच AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और बायो टेक्नोलॉजी जैसे रिसर्च के आधुनिकतम क्षेत्रों की मदद से नई तकनीकियों के विकसित होने की उम्मीद है जिससे क्लाइमेट चेंज से निपटा जा सकेगा. ऐसी तकनीकियां ग्रीन एनर्जी के उत्पादन और कम ऊर्जा खर्च को बढ़ावा देने में अहम होंगी.