Haryana Election Results: हरियाणा में 90 सीटों का फैसला, बीजेपी की लगेगी हैट्रिक या… वोटों की गिनती जारी
नई दिल्ली:
हरियाणा विधानसभा चुनाव की 90 सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे नजर आ रही है. हरियाणा का चुनावी दंगल किसके नाम रहा, इसका ऐलान आज हो जाएगा. 90 विधानसभा सीटों पर पांच अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. इस बार बीजेपी राज्य में हैट्रिक की उम्मीद है, जबकि लगभग 10 साल बाद हरियाणा में सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है. इस चुनाव में मुख्य रूप से भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, इनेलो-बसपा और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी शामिल हैं. हरियाणा में हुए चुनावों में आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस की विनेश फोगाट की किस्मत का फैसला होगा.
बीजेपी की हैट्रिक लगेगी या कांग्रेस की वापसी
हरियाणा चुनाव में इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही. अब देखना यह है कि हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक लगेगी या कांग्रेस की वापसी होगी. हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल्स हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखा रहे हैं. ऐसे में एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है. पांच अक्टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 67.90 प्रतिशत वोटिंग हुई.
हरियाणा में 67.90 प्रतिशत मतदान
हरियाणा में 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए शनिवार को मतदान हुआ. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में राज्य में 68.31 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों में 10 सीटों के लिए यह प्रतिशत 64.8 था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) गठबंधन तथा आम आदमी पार्टी मुख्य चुनावी प्रतिद्वंद्वी थे. हालांकि, अधिकतर सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर की उम्मीद है.
हरियाणा CM का दावा
हरियाणा में एग्जिट पोल कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखा रहे हैं, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा आठ अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि जब आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी. वैसे बता दें कि साल 2019 में भाजपा ने जजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी, जबकि अधिकतर निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया था. हालांकि, इस साल मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जजपा का भाजपा के साथ गठबंधन खत्म हो गया.