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हरियाणा चुनाव 2024: मुख्यमंत्री पद के दावेदार बढा रहे हैं BJP की टेंशन,क्या है दावों की हकीकत


नई दिल्ली:

बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जी-जान से चुनाव मैदान में है.बीजेपी यह चुनाव मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के चेहरे पर लड़ रही है.इसकी घोषणा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह जैसे बड़े नेता भी कर चुके हैं. लेकिन मतदान की तारीखें नजदीक आते-आते मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. इसको लेकर पार्टी आलाकमान की सफाई का भी कोई असर नेताओं पर नहीं पड़ रहा है.अनिल विज के बाद अब केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जता दी है. इन दो वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी ने हरियाणा में बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है.  

सीएम की कुर्सी के कितने दावेदार

हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर सबसे पहले अंबाला कैंट के विधायक अनिल विज ने वरिष्ठ नेता होने की वजह से दावा ठोका था. वो हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं.वो अब तक छह बार विधायक रह चुके हैं.वो सातवीं बार विधायक चुने जाने के लिए चुनाव मैदान में हैं. उनका दावा है कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो हरियाणा की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल देंगे.हरियाणा के पूर्व गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी. अब वो मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहे हैं.

विज के दावे पर हरियाणा बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान कह चुके हैं कि नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं. प्रधान की इस सफाई के बाद भी विज ने दावेदारी करना नहीं छोड़ा है.उन्होंने एक बार फिर सीएम पद पर दावेदारी करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद पूरी है कि पार्टी अगर मौका देगी, तो हरियाणा की तस्वीर और तकदीर बदल दूंगा. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीएम की कुर्सी से अपनी नजर नहीं हटाई है. हरियाणा की सीएम की कुर्सी पर उनकी भी नजर लगी हुई है. 

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नेताओं का दावा और पार्टी की सफाई

विज के बाद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी मुख्यमंत्री पद पर यह कहते हुए दावेदारी ठोक दी है कि 12 साल में तो कूड़े का भी नंबर आ जाता है और इससे गया गुजरा तो मैं नहीं हूं.राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि दक्षिण हरियाणा ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है.राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है लोगों को ऐसा लगता है कि दक्षिण हरियाणा को सही प्रतिनिधितत्व नहीं मिला.जहां तक रही मेरी बात मैं चाहूं न चाहूं, लेकिन जनता ऐसा सोचती है.राव इंद्रजीत सिंह को लगता है कि अगर वे इंसाफ मंच के साथियों के साथ बीजेपी में शामिल नहीं होते तो हरियाणा में बीजेपी की सरकार नहीं बनती.इस भावना को वे कई बार व्यक्त कर चुके हैं.विज के बाद अब राव इंद्रजीत की दावेदारी ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.मुख्यमंत्री पद पर दावों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फरीदाबाद की एक सभा में यह साफ किया कि प्रदेश में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि नायाब सिंह सैनी ही राज्य के 12वें सीएम बनेंगे.

दावों के पीछे की कहानी

दरअसल इस बार हरियाणा का मुकाबला बीजेपी बनाम कांग्रेस का है.लगातार दो बार से प्रदेश में सरकार चला रही बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से परेशान हैं.उसे विधानसभा चुनाव में एंटी इनकंबेंसी का डर सता रहा है.ऐसे में बीजेपी के इन क्षत्रपों को लग रहा है कि अगर जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने की नौबत आई तो उनकी किस्मत खुल सकती है. इसलिए वो अभी से सीएम की कुर्सी पर अपनी दावेदारी करने में लगे हुए हैं.

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