"भावना में बहकर निर्णय नहीं लेना चाहिए": साक्षी और बजरंग के फैसले पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला
पंचकुला:
ओलंपिक विजेता पहलवान साक्षी मलिक द्वारा कुश्ती को अलविदा कहने और तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के फैसले पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की प्रतिक्रिया आई है. मीडिया से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भावना में बहकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए.
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पंचकुला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 85वीं सीनियर नेशनल और इंटर स्टेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप के समापन समारोह में पहुंचे दुष्यन्त चौटाला ने आगे कहा कि फेडरेशन का चुनाव था, नतीजे आए हैं उसपर इतना बड़ा कदम उठाना ठीक नहीं है.
उल्लेखनीय है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को बृज भूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत का विरोध करते हुए अपने कुश्ती के जूते टेबल पर रखे और कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की. दूसरी तरफ तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है.
इन शीर्ष पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है. चुनाव के फैसले आने के तुरंत बाद साक्षी, पूनिया और विनेश ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया.
पूनिया ने एक दिन बाद ‘एक्स’ पर बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरा बयान है.
डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की थी.
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