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स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ल्ड ब्लड डोनर डे को लेकर ABTYP से मिलाया हाथ, 14 जून को पैन इंडिया कॉन्क्लेव का आयोजन

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस साल 14 जून को पैन इंडिया एनजीओ कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है. इस कॉन्क्लेव का आयोजन ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डीजीएचएस द्वारा किया जा रहा है. राजस्थान के जयपुर में होने वाले इस आयोजन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ( ABTYP) से हाथ मिलाया है. परिषद के सहयोग से इस आयोजन को मूर्त रूप दिया जाएगा.

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रक्तदाताओं का सम्मान

इस कार्यक्रम में देश के अलग अलग राज्यों से ब्लड डोनेशन को लेकर बेहतरीन काम करने वाले तीन एनजीओ के प्रतिनिधि शामिल होंगे. जयपुर में 14 जून को होने वाले इस कॉन्क्लेव की नोडल एजेंसी अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद वहां शामिल होने वाली तमाम एनजीओ के प्रतिनिधियों के रुकने और खाने पीने का इंतज़ाम करेगी. जबकि आने जाने का खर्च उन एनजीओ को वहन करना होगा जो इस कॉन्क्लेव में शामिल होना चाहती हैं.

14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे है

दरअसल, हर साल 14 जून को दुनियाभर में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के तौर पर मनाया जाता है. ये एक मौका होता है जब जान बचाने वाले ब्लड डोनर्स का आभार व्यक्त किया जा सके. साथ ही इसके ज़रिए कोशिश होती है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग ब्लड डोनर के तौर पर आगे आएं ताकि ज़िंदगिया बचाई जा सके.

► मंत्रालय ने इस साल का स्लोगन दिया है ” 20 ईयर्स ऑफ सेलिब्रेटिंग गिविंग : थैंक यू ब्लड डोनर्स”.

मंत्रालय की तरफ से दी गई अहम जिम्मेदारी को लेकर ABTYP के अध्यक्ष रमेश डागा ने कहा कि ये एक मौका है और उपलब्धि भी. मौका जब ब्लड डोनर्स का आभार हम इस खास दिन पर व्यक्त कर पाएंगे और इस दिशा में लंबे समय से काम करने हमारी एनजीओ को नोडल एजेंसी के तौर पर चुनना हमारे लिए एक उपलब्धि भी. जो भरोसा हम पर जताया गया है उसका हम पूरी तरह से निर्वहन करेंगे. ग्राउंड पर तमाम चीज़ों को लेकर हमारे नेशनल कन्वेनर हितेश भंडिया और सौरभ मुनोत अहम जिम्मेदारी निभाएंगे.

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वहीं, परिषद के महासचिव अमित जैन ने कहा कि इस बड़े कार्यक्रम को लेकर हमारी पूरी तैयारी है. हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आए. साथ ही, हमारी उम्मीद है कि ये कॉन्क्लेव लोगों में और ज़्यादा चेतना लाने की कोशिश करेगी कि वो रक्तदान को लेकर आगे आएं. आंकड़े बताते हैं कि भारत में सलाना करीब 15 मिलियन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. डिमांड और सप्लाई में एक बड़ा गैप है जिसको इस तरह के आयोजन से दूर करने में मदद मिलेगी.

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