देश

साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ मजबूत तंत्र बनाया जाए, याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई


नई दिल्ली:

साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ मजबूत तंत्र बनाने और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. 

याचिका में कहा गया है कि आम लोग ही नहीं बल्कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कार्यरत या सेवानिवृत्त जजों के साथ धोखाधड़ी की गई है या उनके नाम का इस्तेमाल घोटालों में किया गया है. यहां तक ​​कि जालसाजों ने (पूर्व) चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का रूप धारण कर एक कारोबारी से 7 करोड़ की ठगी की. 

याचिका में इन घटनाओं का जिक्र किया गया है और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए सिफारिशें देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस के पास पर्याप्त तकनीकी कर्मियों की कमी है, जिससे साइबर अपराधियों को रोकना मुश्किल हो रहा है. 

दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. कोर्ट तय करेगा कि GRAP 4 के तहत लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे या उनमें ढील दी जाएगी. 

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली के एंट्री पॉइंट्स पर ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध की जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए 13 वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था. एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें :-  घोड़े पर सवार होकर मंदिर पहुंचे चोर, दान-पेटी उखाड़ने की कोशिश; Video में देखें आगे क्या हुआ?

सुप्रीम कोर्ट पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने सुल्तानपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी है. याचिका में मेनका गांधी का दावा है कि राम भुआल निषाद ने नामांकन दाखिल करते समय हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज 12 मामलों का खुलासा नहीं किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेनका गांधी की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने चुनाव याचिका दाखिल करने की समय सीमा बीत जाने के बाद याचिका दायर की है.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button