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आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी बारिश का कहर, 10 लोगों की मौत; CM बोले- 50 सालों में ऐसी बारिश नहीं देखी


अमरावती:

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में भारी बारिश का कहर जारी है. इसके चलते प्रदेश में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. गृह मंत्री वंगलापुड़ी अनिता ने रविवार को बताया कि राज्य में पिछले दो दिनों में मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) के कारण पांच जिलों के 294 गांवों से 13,227 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (CM N Chandrababu Naidu) ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौसम की स्थिति की समीक्षा की और उनसे बाढ़ का आकलन करने तथा उसके अनुसार राहत एवं बचाव अभियान संचालित करने के लिए ड्रोन जैसी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. उधर, तेलंगाना में भारी बारिश के कारण एक व्‍यक्ति की मौत हो गई. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी बारिश के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री रेवंत रेड्डी से बात की. PM मोदी ने दोनों राज्यों की स्थिति के बारे में जानकारी ली. साथ ही दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को इस चुनौती से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों पर बना अवदाब रविवार तड़के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़कर कलिंगपट्टनम के पास दक्षिणी राज्य के तट को पार कर गया. इसी के कारण राज्य में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही थी.

100 राहत एवं पुनर्वास केंद्र बनाए : गृह मंत्री 

गृह मंत्री वंगलापुड़ी अनिता ने बताया कि बारिश से प्रभावित इलाकों से निकाले गए लोगों के लिए एनटीआर, कृष्णा, बापटला, गुंटूर और पालनाडु जिलों में 100 राहत एवं पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं. साथ ही 61 चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की गई है. 

गृह मंत्री ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, ”भारी बारिश के कारण अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों ने जलमग्न इलाकों से 600 लोगों को बचाया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 17 दलों ने सात जिलों में 22 जलमग्न स्थानों पर बचाव अभियान चलाया.

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प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए अनिता ने बताया कि बारिश के कारण 62,644 हेक्टेयर धान की फसल और 7,218 हेक्टेयर बाग जलमग्न हो गए हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में टोल फ्री नंबर और नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. साथ ही स्थिति पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं.

50 सालों में ऐसी रिकॉर्ड बारिश नहीं देखी : CM नायडू 

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौसम की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान उन्हें बताया गया कि बापटला जिले में प्रकाशम बैराज के मुहाने पर रहने वाले 6,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

नायडू ने बताया कि 31 अगस्त की तुलना में रविवार को कम बारिश हुई, लेकिन कुछ कॉलोनियों और घरों में अब भी पानी भरा हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर 27 सेमी तक बारिश हुई है. नायडू ने अधिकारियों को इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में ऐसी रिकॉर्ड बारिश नहीं देखी गई थी.

राहत एवं बचाव में ड्रोन प्रौद्योगिकी शामिल करने की सलाह 

नायडू ने अधिकारियों को बाढ़ का आकलन करने और उसके अनुसार राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए ड्रोन जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल करने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने बाढ़ के कारण होने वाले खाद्य संकट और जल प्रदूषण के प्रति सावधान रहने का भी निर्देश दिया है.

नागरिक आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुछ स्थानों पर जरूरतमंद लोगों को चावल सहित कुछ आवश्यक सामान उपलब्ध कराए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयवाड़ा के प्रकाशम बैराज से रविवार शाम तक 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है, इसलिए उन्होंने अधिकारियों को निचले इलाकों के ग्रामीणों को सतर्क करने और उन्हें वहां से हटाने का निर्देश दिया है.

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डीजीपी सी. द्वारका तिरुमला राव ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाढ़ के कारण एनटीआर जिले के रायनपाडु रेलवे स्टेशन पर रेल परिचालन रोक दिया गया है.

रेलवे स्टेशन पर तमिलनाडु एक्सप्रेस को रोके जाने के बाद गृह मंत्री ने गौर किया कि यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये एपीएसआरटीसी बसों के जरिये यात्रा की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

विजयवाड़ा में नहर ओवरफ्लो, कई वार्ड जलमग्‍न 

विजयवाड़ा के नगर आयुक्त एच एम ध्यानचंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बुदमेरु (नहर) कई इलाकों में ओवरफ्लो हो रही है. 12 वार्ड जलमग्न हो गए हैं. पानी के बहाव को रोकने के लिए अपस्ट्रीम गेट बंद कर दिए गए हैं. करीब 3,000 लोगों को निकाला गया है.’ बुदमेरु की स्थिति को नियंत्रण में लाने का आश्वासन देते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की दो और एसडीआरएफ की दो टीम तैनात की जाएंगी.

इससे पहले, मौसम विभाग के एक अधिकारी ने देखा कि उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों पर बना अवदाब, जो पिछले दो दिनों से भारी बारिश का कारण बन रहा है, रविवार की सुबह कलिंगपट्टनम के पास दक्षिणी राज्य के तट को पार करने के लिए उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया.

अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘अवदाब के अगले 24 घंटे में दक्षिण ओडिशा और दक्षिण छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने तथा कमजोर होकर एक कम दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है.’

आंध्र के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना 

आंध्र प्रदेश में कई स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है. वहीं कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी संभावना है.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि श्रीकाकुलम, विजयनगरम, पार्वतीपुरम मन्यम, अल्लूरी सीताराम राजू, काकीनाडा और नांदयाल जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है.

इसमें बताया गया कि विशाखापट्टनम, अनकापल्ली, कोनासीमा, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी और अन्य जिलों के साथ-साथ रायलसीमा क्षेत्र के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है. 

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तेलंगाना के भारी बारिश के कारण 99 ट्रेनें रद्द 

वहीं तेलंगाना में हैदराबाद सहित राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि तीन लोगों के पानी में बह जाने की आशंका जताई जा रही है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. 
हालात के मद्देजनर मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने मंत्रियों, अधिकारियों और निर्वाचित सदस्यों के साथ आपातकालीन समीक्षा की. महबूबाबाद और खम्मम जिलों में रविवार को बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई और तीन अन्य के बह जाने की आशंका है.

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और कई स्थानों पर पटरियों पर जलभराव के कारण 99 ट्रेन रद्द कर दी गईं और चार ट्रेन आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं, जबकि 54 ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए रेड्डी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की और मंत्रियों से फोन पर बात करने के साथ जलमग्न क्षेत्रों में राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली. 


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