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साउथ कोरिया की जंगल में लगी भीषण आग से 18 मरे, बचाने गया हैलीकॉप्टर भी क्रैश-पायलट की जान गई

साउथ कोरिया की जंगलों में लगी आग ने तबाही मचा रखी है. यहां के कार्यवाहक राष्ट्रपति ने बुधवार, 26 मार्च को कहा कि यह इतिहास के सबसे भीषण जंगल की आग में से एक है. इसमें कम से कम 18 लोग मारे गए हैं और भीषण आग के कारण कई “अभूतपूर्व क्षति” हुई है. इतना ही नहीं आग से लोगों को बचाने के लिए भेजा गया फायरफाइटर हैलीकॉप्टर भी क्रैश कर गया. इसमें पायलट की मौत हो गई.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार ग्योंगबुक फायर सर्विस के एक अधिकारी ने कहा, “जंगल की आग बुझा रहा एक हेलीकॉप्टर उइसेंग काउंटी के एक पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एक पायलट को घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया है.”

आग से सहमा साउथ कोरिया

विकेंड में साउथ कोरिया के जंगलों में दर्जन से अधिक आग लग गईं. इससे देश के दक्षिण-पूर्व का बड़ा क्षेत्र झुलस गया. इसकी वजह से लगभग 27,000 लोगों को तत्काल स्थान खाली करना पड़ा, आग के कारण सड़कें बंद हो गईं और संचार लाइनें बंद हो गईं, जिससे निवासी दहशत में भाग गए.

हवाओं ने आग की लपटों को फैला दिया है. इसने एक प्राचीन मंदिर को नष्ट कर दिया है. बुधवार तक, आग ने ऐतिहासिक हाहो फोक विलेज को खतरे में डाल दिया था. यह यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध विश्व धरोहर स्थल है, जो पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है.

आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, जंगल की आग ने 17,398 हेक्टेयर (42,991 एकड़) भूमि को जला दिया है. सबसे अधिक प्रभावित उइसेंग काउंटी हुई है. यहां लगी आग कुल आग का 87 प्रतिशत हिस्सा है. सरकार ने संकट की चेतावनी को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है. यहां तक की जेलों में कैद हजारों कैदियों को भी ट्रांसफर करना पड़ा है. 

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दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने कहा, “लगातार पांचवें दिन जंगल में लगी आग…अभूतपूर्व क्षति पहुंचा रही है.” उन्होंने एक आपातकालीन सुरक्षा और आपदा बैठक में कहा कि आग की लपटें “इस तरह से विकसित हो रही हैं जो मौजूदा अनुमान मॉडल और पहले की अपेक्षाओं दोनों से अधिक है. 


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