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हिज्बुल्लाह ने फटने से कुछ घंटे पहले ही बांटे थे पेजर्स, स्कैनिंग में भी क्यों नहीं हुआ डिटेक्ट?


बेरुत:

मिडिल ईस्ट के देश लेबनान (Lebanon)के संगठन हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के लड़ाकों के पेजर्स में धमाके रहस्य बने हए हैं. पेजर्स ब्लास्ट में अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3000 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. मंगलवार और बुधवार को हिज्बु्ल्लाह लड़ाकों के पेजर्स में धमाके हुए थे. न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने अपने लड़ाकों को बांटने के लिए ब्रांडेड पेजर्स मंगाए थे. मंगलवार को धमाके के कुछ घंटे पहले हिज्बुल्लाह अपने लड़ाकों को पेजर्स बांट ही रहा था. तभी इसमें धमाके हुए. दो सूत्रों के मुताबिक, ये पेजर्स गोल्ड अपोलो ब्रांड के थे. हिज्बुल्लाह को इन डिवाइसों की सेफ्टी को लेकर कॉन्फिडेंट था. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, इन पेजर्स में ऐसा विस्फोटक था, जो स्कैनर में भी डिटेक्ट नहीं हुआ था.

रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह ने अपने सदस्यों के लिए बल्क में पेजर ऑर्डर किए थे. इस साल की शुरुआत में 5000 पेजर्स का एक बैच लेबनान लाया गया था. हिज्बुल्लाह के लड़ाके अपनी जेबों या वेस्ट बैग में पेजर रखते हैं. जैसे हमें अपनी पॉकेट में फोन रखने की आदत है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये पेज अचानक गर्म होने लगे. देखते ही देखते इनमें धमाका हो गया.

मोबाइल के जमाने में आखिर हिज्बुल्लाह क्यों कर रहा पेजर का इस्तेमाल? समझें कैसे हुआ इसमें धमाका

मोबाइल की जगह पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहा हिज्बुल्लाह?
गाजा जंग शुरू होने के बाद हिज्बुल्लाह ने अपने सदस्यों से मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था. इसी साल जुलाई में हिज्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने अपने सदस्यों से मोबाइल डिवाइस और CCTV का इस्तेमाल बंद करने को कहा था, क्योंकि उन्हें डर था कि इजरायल की एजेंसी और अमेरिका इन्हें हैक कर सकती है. हिज्बुल्लाह इसी वजह से कम्युनिकेशन के लिए पेजर का इस्तेमाल करता है. 

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डिलिवरी के अगले ही दिन हुए धमाके
ईरान समर्थित संगठन हिज्बुल्लाह एक सूत्र ने ‘रॉयटर्स’ को बताया कि सोमवार को गोल्ड अपोलो ब्रांड के नए पेजर्स की डिलिवरी रिसीव हुई थी. अगले ही दिन इनमें धमाके हो गए. सभी लड़ाड़ों को पेजर बांटे भी नहीं गए थे. यानी ज्यादातर पेजर्स बॉक्स के अंदर थे. बॉक्स के अंदर से ही धमाका हुआ. बेरुत के ईस्टर्न बेका वैली में ये धमाके हुए. बुधवार को हिज्बुल्लाह के वॉकी-टॉपी डिवाइसेस में भी धमाके हुए.

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, गोल्ड अपोलो की स्थापना 1995 में हुई. ये कंपनी ऐसे डिवाइस बनाती है, जिससे बिना इंटरनेट के मैसेज भेजे जा सकते हैं. कंपनी पेजर के अलावा वॉकी-टॉकी भी बनाती है. 

वॉकी-टॉकी में भी पाया गया विस्फोटक
रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्बुल्लाह के वॉकी-टॉकी में बेहद विस्फोटक कंपाउंड पाया गया. इसे PETN कहते हैं. लेबनान के एक अन्य सूत्र ने बताया कि इन पेजर्स में कम से कम 3 ग्राम तक के विस्फोटक छिपाए गए थे. ये विस्फोटक स्कैनर में डिटेक्ट भी नहीं हो पाए. हालांकि, सूत्र ने यह नहीं बताया कि हिज्बुल्लाह ने किस तरह के स्कैनर का इस्तेमाल किया था.

जेब में होने लगा ब्लास्ट और दहल गया हिजबुल्लाह! इजरायल ने पेजर को बना दिया बम?

रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में साल 2022 से पेजर्स की डिलिवरी शुरू हुई थी. तब से हिज्बुल्लाह ने इनकी जांच करता रहा है. इन पेजर्स को एयरपोर्ट पर ले जाया जाता था, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि स्कैनर से अलार्म नहीं बजेंगे. 

इजरायल ने आरोपों से किया इनकार
हिज्बुल्लाह जनरल सेक्रेटरी हसन नसरल्लाह ने गुरुवार को एक टेलीविज़न स्पीच में कहा कि ये हमले हिज्बुल्लाह के इतिहास में हुए सबसे बड़े हमले थे. लेबनान, हिज्बुल्लाह और पश्चिमी सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि इन हमलों के पीछे इजरायल का हाथ है. इजरायल ने हाल के दिनों में लेबनान पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं. हालांकि, इजरायल ने न तो लेबनान की ओर से लगाए गए पेजर्स धमाकों के आरोपों से इनकार किया है और न ही कोई ऑफिशियल बयान दिया है. 

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