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हिमंता बिस्वा सरमा ने 'पाब्लो एस्कोबार्स' को चेताया तो मणिपुर के मुख्यमंत्री ने भी धमकाया

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अक्सर चर्चा में रहते हैं. आज उन्होंने असम पुलिस की एक कार्रवाई के बाद एक्स पर बड़े ही दिलचस्प अंदाज में ट्वीट किया. उन्होंने असम के लोकल पाब्लो एस्कोबार्स को चेताया तो मणिपुर के मुख्यमंत्री ने भी उनका समर्थन करते हुए धमका दिया. सरमा ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, असम के गोलपाड़ा में पुलिस ने जनवरी में 170 बीघे (56 एकड़ से अधिक) पोस्ते की खेती को नष्ट कर दिया. असम के मुख्यमंत्री ने एक वीडियो भी अपलोड किया, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बीच एक ट्रैक्टर को पोस्ता के खेतों में दौड़ते हुए दिखाया गया है. सरमा ने “लोकल पाब्लो एस्कोबार्स” को दोबारा ऐसा प्रयास न करने की चेतावनी दी. 

आपको बता दें कि कोलंबियाई ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार और मेडेलिन कार्टेल एक समय अंतरराष्ट्रीय कोकीन व्यापार के 80 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करते थे. दिसंबर 1993 में उनकी हत्या कर दी गई. अब असम के सीएम ने लोकल नशा गिरोह को इनके नाम से संबोधित किया है.

हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “प्रिय स्थानीय पाब्लो एस्कोबार, आपकी योजनाबद्ध उड़ता असम पार्टी को बर्बाद करने के लिए खेद है. क्योंकि गोलपाड़ा पुलिस ने जनवरी में चार इलाकों में 27.20 करोड़ रुपये मूल्य की 170 बीघे अफीम की खेती को नष्ट कर दिया है. इसलिए अगली बार जब आप ड्रग्स के बारे में सोचें, तो पहले असम पुलिस के बारे में सोचें.” 

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“उड़ता असम” का उदाहरण 2016 की बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ से असम सीएम ने दिया. ये फिल्म पंजाब में नशीली दवाओं की लत के विषय पर आधारित थी. 

सरमा के इस पोस्ट का जवाब देते हुए, मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ खड़े हैं कि वे “ड्रग्स की छाया से मुक्त रहें. अफीम की खेती से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में उठाए गए निर्णायक कदमों के लिए मेरी गहरी सराहना. हम एक साथ खड़े हैं और एक ऐसे भविष्य के निर्माण के अपने साझा लक्ष्य में दृढ़ हैं जहां हर पूर्वोत्तर के युवा की ड्रग्स से रक्षा की जाती है.”

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंग्नौपाल उपखंड की खुदेई खुल्लन पहाड़ी श्रृंखला में 25 एकड़ से अधिक अवैध पोस्ते की खेती को नष्ट कर दिया गया और आज पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई. मणिपुर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. दोनों समुदाय मई 2023 से भूमि अधिकार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व जैसे कई मुद्दों पर लड़ रहे हैं.

मणिपुर और ड्रग्स

कुकी जनजातियों ने आरोप लगाया है कि बीरेन सिंह सरकार ने पहाड़ियों में गरीब किसानों को निशाना बनाया, जिनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है और मैतेई-प्रभुत्व वाले घाटी क्षेत्रों में रहने वाले ड्रग माफियाओं की भूमिका को नजरअंदाज कर दिया. मणिपुर सरकार ने आरोपों का खंडन किया है और डेटा साझा करते हुए दावा किया है कि राज्य के ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ अभियान में किसी भी समुदाय को शामिल नहीं किया गया है.

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कुकी जनजाति के लगभग 80 लोगों की भीड़ ने शुक्रवार को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने गए एक सुरक्षा दल का सामना किया और चार वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. यह घटना लुंगजांग पहाड़ी रेंज में हुई, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस के जवान गए थे. मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.


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