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डल झील से 'हाउस VOTE' : क्या J&K में अपने बूते सरकार बनाएगी BJP? जानिए निर्मल सिंह क्या बोले


नई दिल्ली/श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग बुधवार (18 सितंबर) को खत्म हो गई. 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए. शाम 5 बजे तक 58.19% वोटिंग हुई. फाइनल डेटा अभी आना बाकी है. कश्मीर को जन्नत भी कहते हैं. इस जन्नत में चुनावी माहौल को भांपने और वोटर्स का मिज़ाज समझने के लिए The Hindkeshariडल झील से अपनी खास पेशकश ‘हाउस VOTE’ लेकर आया है. इसके तहत हमने BJP के सीनियर लीडर और जम्मू-कश्मीर में BJP कैंपेन के इंचार्ज डॉ. निर्मल सिंह से खास बातचीत की. इस दौरान निर्मल सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा सिर्फ कुछ पार्टियों का मुद्दा है. आम आदमी के लिए ये कोई मसला नहीं है. क्योंकि आम आदमी को यकीन है कि जब पीएम मोदी कह चुके हैं, तो राज्य का दर्जा मिलकर रहेगा.

BJP के संकल्प पत्र में पूर्ण राज्य के दर्जे का जिक्र क्यों नहीं है? इसके जवाब में निर्मल सिंह कहते हैं, “ये BJP का संकल्प पत्र है. ये जम्मू-कश्मीर के बारे में BJP का विज़न है. पीएम मोदी के सपनों का कश्मीर कैसा होना चाहिए? कैसे अमन-चैन बरकरार रखा जा सकता है ये उसका संकल्प पत्र है. जहां तक पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात आती है, तो ये एक टेक्निकल प्रोसेस है. जब पीएम मोदी ने पूर्ण राज्य के दर्जे की बात कह दी है, तो उसे BJP के संकल्प पत्र में लाने की कोई जरूरत नहीं है.”

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BJP नेता निर्मल सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, कांग्रेस का है. या दूसरी छोटी-मोटी पार्टियों का ये मसला है. ये बाकी किसी का मुद्दा नहीं है. वास्तव में स्टेटहुड कुछ पार्टियों का मुद्दा है, ये आम आदमी का मसला है ही नहीं. आम लोगों को यकीन है कि जब पीएम ने बात कह दी है, तो एक न एक दिन स्टेटहुड आएगा. लेकिन बाकी पार्टियों को स्टेटहुड की सिर्फ इसलिए टेंशन है, क्योंकि वो इससे अपना ओहदा आंकना चाहते हैं.”

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क्यों बढ़ाई गईं लेफ्टिनेंट गवर्नर की शक्तियां?
अगर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देना ही है, तो सरकार लेफ्टिनेंट गवर्नर की शक्तियां क्यों बढ़ा रही है? LG के पावर बढ़ाने से और स्टेटहुड की टाइमलाइन नहीं देने से क्या लोगों में कंफ्यूजन नहीं होगा? इसका जवाब देते हुए निर्मल सिंह कहते हैं, “अभी जम्मू-कश्मीर एक संघीय शासित प्रदेश है. लिहाजा कामकाज को सुचारू तरीके से करने के लिए LG की शक्तियां बढ़ाई गई हैं. जब स्टेटहुड आएगा, तो सारी चीजें नियमों से होंगी.” 

BJP को जम्मू-कश्मीर के चुनाव से क्या उम्मीदें? 
इसके जवाब में निर्मल सिंह ने कहा, “पिछले 30 साल से जम्मू-कश्मीर उग्रवाद और आतंकवाद का शिकार हुआ है. करीब 50 हजार लाशें गिरी हैं. यहां इतना प्रोटेंशियल होने के बाद भी हम नौजवानों को रोजगार नहीं दे सके. आर्थिक विकास नहीं हो पाया. इसलिए हमारी उम्मीदें साफ हैं. BJP की जम्मू-कश्मीर में सरकार बने, ताकि जो काम अब तक नहीं हो पाए, नई सरकार उसे पूरा कर सके.”

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निर्मल सिंह, “पिछली सरकारों ने कश्मीर के नौजवानों को क्या दिया? हाथ में पत्थर, गन. उन्हें आतंकवाद और पाकिस्तान की तरफ धकेला गया. BJP उन्हें तीन परिवारों की पार्टियां कहती हैं. उन्होंने जो राजनीति और सियासत दी, उसके इर्द-गिर्द जो ताना-बाना बुना गया; उससे सिर्फ इन्हीं को फायदा हुआ. नुकसान बाकी सभी को हुआ. हमें इस नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं.”

कश्मीर घाटी में कैसा होगा BJP का भविष्य?
कश्मीर घाटी 47 सीटें हैं. BJP ने सिर्फ 19 उम्मीदवार ही खड़े किए हैं. यानी 28 सीटों पर BJP ने उम्मीदवार ही नहीं उतारे. घाटी में BJP के भविष्य के सवाल पर निर्मल सिंह कहते हैं, “जम्मू में 43 सीटें हैं. BJP ने यहां सभी सीटों पर कैंडिडेट खड़े किए हैं. कश्मीर घाटी में 19 सीटों पर लड़ रहे हैं. BJP पहले कश्मीर घाटी की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारती थी. लेकिन वैसा सिर्फ उम्मीदवार खड़ा करने के लिए ही किया जाता था. इस बार वैसा नहीं है. सब कुछ एक प्लानिंग के तहत किया जा रहा है.”

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कश्मीर में क्या आया बदलाव?
निर्मल सिंह कहते हैं, “आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में काफी बड़ा बदलाव आया है. पहले लोग आतंकियों को छुपाते थे. अब उनके बारे में खबर देते हैं. कश्मीर घाटी में आतंकवाद अपने आखिरी पड़ाव पर है. इलेक्शन में स्वतंत्र उम्मीदवारों का आना जम्हूरियत की जीत है.”

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निर्मल सिंह कहते हैं, “हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाना है. मुझे उम्मीद है कि कश्मीर घाटी की 19 सीटों पर हमारे कैंडिडेट जीतकर आएंगे. जीत का माहौल भी है. वहीं, जम्मू में तो हम क्लीन स्वीप करेंगे. हमारी सरकार बनेगी.”

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