Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

AAP के लिए कितना जरूरी है दिल्ली विधानसभा का चुनाव, बीजेपी और कांग्रेस ने उसे कितनी दी है चुनौती


नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को मतदान कराया जाएगा. विधानसभा चुनाव का प्रचार सोमवार शाम को पूरा हो गया था. इस बार का चुनाव प्रचार काई हाई प्रोफाइल रहा. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कई चुनावों के मुकाबले यह इस बार के चुनाव में मुकाबला काफी रोचक है. इस बार दिल्ली की तीनों प्रमुख पार्टियों का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस फिर अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए जोर लगा रही हैं.इसलिए इस बार के चुनाव में दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के कई दौर चले. 

दिल्ली में आम आदमी पार्टी का सफर

आम आदमी पार्टी देश की ऐसी दूसरी पार्टी थी, जिसने गठन होते ही देश के किसी राज्य में अपनी सरकार बना ली थी. आम आदमी पार्टी ने अपने गठन के बाद 2013 के चुनाव में कांग्रेस की मदद से दिल्ली में पहली बार सरकार बनाई थी. लेकिन यह सरकार बहुत दिन नहीं चल पाई थी. इसके बाद 2015 में हुए चुनाव में मुकाबला एकतरफा हुआ. आप ने 70 में से 67 सीटें जीतकर विधानसभा को एक तरह से विपक्ष मुक्त कर दिया था. उस चुनाव में केवल बीजेपी ही तीन सीटें जीत पाई थी. कांग्रेस के हाथ खाली रह गए थे. फिर 2020 के चुनाव को जीतने के लिए भी आम आदमी पार्टी को बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी थी. वह 70 में से 62 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. बीजेपी अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 8 आठ सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. कांग्रेस का हाथ एक बार फिर खाली ही रह गया. 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया.

यह भी पढ़ें :-  हरियाणा के महेंद्रगढ़ में स्कूल बस दुर्घटना में 6 छात्रों की मौत के बाद प्रिंसिपल सहित 3 गिरफ्तार

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी आम आदमी पार्टी

अब जब 2025 का जब विधानसभा चुनाव हो रहा है तो दिल्ली के राजनीतिक हालात काफी बदल चुके हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला के सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के प्रमुख समेत कई वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं. इस वजह से आम आदमी पार्टी इस बार के चुनाव में काफी डिफेंसिव रही. वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार पर ही घेरा.आम आदमी पार्टी ने पिछले दो चुनाव बिजली-पानी के मुद्दे पर जीते थे. इस बार के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से आगे जाकर बिजली-पानी पर वादा किया है.बीजेपी ने तो यहां तक कहा है कि दिल्ली में पहले से चल रही किसी भी कल्याणकारी योजना को बंद नहीं किया जाएगा.इस बार दिल्ली के चुनाव में मुफ्त की योजनाओं के वादों की भरमार है. इसमें सबसे बड़ी है महिलाओं के लिए हर महीने पैसे देने की योजना.एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार बनने पर महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने महिलाओं को 2500-2500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है. यह चुनाव शिक्षा, स्वास्थ्य,बिजली और पानी के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की योजनाओं पर जनता की राय भी मानी जाएगी. 

क्या अपना पुराना प्रदर्शन दोहरा पाएगी आम आदमी पार्टी

दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी पर 2015 और 2020 के चुनाव में मिली शानदार जीत को दोहराने का दबाव है.दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम उसका भविष्य तय करेगा. इसलिए इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का बहुत कुछ दांव पर है.दिल्ली में लगातार तीन बार सरकार बनाकर उसने खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित किया है. इसका परिणाम यह है कि वह दिल्ली के बाहर पंजाब में भी सरकार बनाने में सफल रही. वहीं गुजरात में उसके पांच विधायक जीते हैं. इन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2025 में होने हैं, ऐसे में दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम का असर इन राज्यों के विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा. 

यह भी पढ़ें :-  अदाणी ग्रीन एनर्जी ने SECI के साथ किया 1,799 मेगावाट सौर बिजली आपूर्ति का समझौता

कांग्रेस इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव काफी मजबूती से लड़ती हुई दिख रही है.

कांग्रेस इस बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव काफी मजबूती से लड़ती हुई दिख रही है.

दिल्ली के पिछले तीन चुनाव जीत कर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपनी छवि एक लोकप्रिय नेता की बनाई थी. लेकिन उन पर शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप ने उनकी लोकप्रियता पर धब्बा लगाया है.इसी से उबरने के लिए केजरीवाल ने जेल से वापस आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.उनका कहना था कि दिल्ली चुनाव में मिली जीत के बाद ही वो सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे.उनका कहना था कि चुनाव परिणाम को दिल्ली की जनता के सर्टीफिकेट के रूप में लेंगे. इसलिए दिल्ली में आप की जीत या हार राष्ट्रीय स्तर पर अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता को भी तय करेगी.

आम आदी पार्टी को कांग्रेस और बीजेपी से कितनी टक्कर मिल रही है

इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी को बीजेपी और कांग्रेस से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है. यह तब है जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नौ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव को दिल्ली में मिलकर लड़ा था. लेकिन कांग्रेस इस बार आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दे रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सीधे अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगा रहे हैं. उन्हें भ्रष्टाचारी बता रहे हैं. यह आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की बात है. दिल्ली में इस बार कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अगर कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करती है तो इसका खमियाजा आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ेगा. क्योंकि कांग्रेस के वोट को हथिया कर ही आम आदमी पार्टी ताकतवर हुई है.

यह भी पढ़ें :-  संविधान लहराकर विपक्ष ने झूठ बोला, हारते हैं तो EVM गड़बड़ : राज्यसभा में अमित शाह

इस बार के चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोप में घेरा.

इस बार के चुनाव में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोप में घेरा.

वहीं इस बार के चुनाव में आप को बीजेपी की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी ने अपना आधार बढ़ाने के लिए झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनियों पर ध्यान दिया है. इसे आम आदमी पार्टी का गढ़ माना जाता है. इन इलाकों में बीजेपी ने पिछले कई महीने से सघन अभियान चलाया है. इसके अलावा बीजेपी ने आप सरकार की योजनाओं को निशाना बनाया है, वह उसे पीने के खराब पानी और सड़कों की खराब स्थिति को मुद्दा बनाया है.

ये भी पढ़ें: महाकुंभ, बजट, बिहार, दीवाली और ईद… जानिए लोकसभा में अखिलेश ने छोड़े क्या-क्या शब्दबाण


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button