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कैसे सुधा मूर्ति की सेविंग के 10,000 रुपये के उधार से Infosys बनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी

नई दिल्ली:

हाल ही में राज्यसभा सांसद बनने वालीं सुधा मूर्ति ने शुक्रवार को वह समय याद किया जब उन्होंने पति एनआर नारायण मूर्ति को आईटी कंपनी शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी के रूप में 10,000 रुपये दिए थे. हालांकि सुधा मूर्ति ने कहा कि उन्होंने अपनी बचत में से 250 रुपये अपने पास रखने का फैसला किया था क्योंकि वह नारायण मूर्ति के पिछले नाकाम उद्यम के कारण ‘जोखिम’ उठा रही थी. नारायण मूर्ति ने इसी पैसे से दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस की नींव रखी थी.

सुधा मूर्ति ने बताया कि वर्ष 1981 में जब उनके पति ने उनसे कहा था कि वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करना चाहते हैं, तो उन्होंने तर्क दिया था कि दोनों के पास पहले से ही अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां हैं.

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उन्होंने एक कॉन्क्लेव में कहा कि नारायण मूर्ति ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनकी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे.

उन्होंने कहा, “मेरे पास बचत के 10,250 रुपये थे. मैंने अपने लिए 250 रुपये बचाए और बाकी उन्हें दे दिए. वह अपने पिछले उद्यम सॉफ्ट्रॉनिक्स में विफल रहे थे, इसलिए मैंने जोखिम मोल लिया था.”

भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मूर्ति ने उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए उतार-चढ़ाव भरे सफर के लिए तैयार रहने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने इन्फोसिस की शुरुआत की तो मेरी जिंदगी में काफी बदलाव आया, यह एक जिम्मेदारी थी, एक प्रतिबद्धता थी.” मूर्ति ने कहा कि कंपनी बनाना कोई मजाक नहीं है, इसके लिए बहुत सारे बलिदान की जरूरत पड़ती है.

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राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर उन्होंने कहा, “73 साल की उम्र में यह एक नया अध्याय है. लेकिन सीखने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है.”


 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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