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कितनी प्रॉपर्टी कितने केस… कोई जेल में कोई बाहर, कश्‍मीर चुनाव में उतरे अलगाववादियों की पूरी डिटेल जानिए


नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर की फिज़ा अब बदल रही है. आतंकी और अलगाववादी बुलेट छोड़, वोट की राह पर लौटते नजर आ रहे हैं. अब तक अलगाववादी नेता विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करते नजर आते रहे हैं. अलगाववादी खुलकर चुनाव न होने देने की धमकी भी देते रहे हैं. लेकिन इस बार अलगाववादियों की चुनावी तैयारी घाटी की राजनीति में एक बड़े बदलाव को संकेत देती नजर आ रही है, जो लोकतंत्र के अच्‍छा है. प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के 3 सदस्यों ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया. इनमें डॉक्टर तलत मजीद, नजीर अहमद और सैय्यर अहमद शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है.

डॉक्टर तलत मजीद पुलवामा से लड़ रहे चुनाव

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी जेएंडके के पूर्व सदस्य डॉ. तलत मजीद ने अब लोकतंत्र की राह पर चलने का फैसला लिया है. मजीद जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव में पुलवामा विधानसभा क्षेत्र के लिए निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. मजीद, जमात के पहले पूर्व सदस्य थे. वह 2023 में सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए थे. तलत मजीद ने का कहना है कि मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होकर मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है.

तलत मजीद के पास 20 हजार रुपये कैश हैं. लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि उनका कोई बैंक अकाउंट नहीं है. तलत के पास एक कार है, जो उन्‍होंने 2022 में 6 लाख 70 हजार रुपये में खरीदी थी. उनके पास कोई ज्‍वेलरी भी नहीं है. तलत मजीद की कुल संपत्ति उन्‍होंने 6 लाख 90 हजार रुपये घोषित की है. तलत पर 2 लाख 34 हजार 714 रुपये का लोन है और 5 लाख 14 हजार 720 रुपये का कार लोन है. तलत पर कोई कानूनी केस दर्ज नहीं है.  

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सयार अहमद रेशी कुलगाम से भरा पर्चा 

सयार अहमद रेशी प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्‍य रहे हैं. एक समय अलगाववाद की राह पर चल रहे रेशी अब लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए घर-घर लोगों से वोट मांगते नजर आ रहे हैं. रेशी ने लोगों से अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करने की अपील की है. रेशी ने यह स्वीकार किया कि युवाओं को खेलों से परिचित कराकर उन्हें हिंसा से दूर किया जा सकता है. साथ ही वह कहते हैं कि युवाओं को नौकरियों की जरूरत है. बुजुर्गों को 1000 रुपये से 2000 रुपये की अल्प वृद्धावस्था पेंशन के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. सयार अहमद रेशी ने कुलगाम विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. सयार अहमद रेशी के पास इस समय सिर्फ 10 हजार रुपये कैश है. उनका जम्‍मू-कश्‍मीर बैंक कुलगाम ब्रांच में अकाउंट है, जिसमें सिर्फ 712 रुपये हैं. हालांकि, इसी बैंक में उनकी पत्‍नी के अकाउंट में 76 हजार 997 रुपये हैं. कोई लोन उनके नाम नहीं चल रहा है. रेशी के पास एक मारुति ऑल्‍टो कार 2022 मॉडल है, जिसे उन्‍होंने 6 लाख रुपये में खरीदा था. इसके अलावा उनके पास एक स्‍कूटी है, जिसे उन्‍होंने 2016 में 60 हजार रुपये में खरीदा था. रेशी या उनकी पत्‍नी के पास कोई ज्‍वेलरी नहीं है. सयार अहमद रेशी ने अपनी कुल संपत्ति 6 लाख 70 हजार 712 रुपये घोषित की है.  

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नजीर अहमद ‘देवसार’ से मैदान में 

पूर्व अलगाववादी नेता नजीर अहमद भी इस बार जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्‍होंने देवसार विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में पर्चा भरा है. 49 साल के नजीर, देवसार के ही रहने वाले हैं. नजीर अहमद द्वारा दायर एफिडेविट में बताया है कि उन पर फिलहाल कोई केस दर्ज नहीं है. साथ ही उन्‍होंने बताया कि वित्‍त वर्ष 2023-24 में उनकी कुल कमाई 4 लाख 53 हजार 990 रुपये रही. उनके पास 51 हजार 650 रुपये कैश हैं. इसके अलावा, जेएंडके बैंक के खाते में 24,436 रुपये, आईसीआईसीआई बैंक में 2 लाख 13 हजार 571 और एसबीआई बैंक में 87 हजार 172 रुपये हैं. नजीर अहमद पर कोई लोन नहीं चल रहा है. उनके पास एक मारुति वैगनआर 2018 मॉडल है, जिसकी मार्केट वैल्‍यू  5 लाख 75 हजार रुपये है. नजीर अहमद के पास खुद तो कोई ज्‍वेलरी नहीं है, लेकिन उनकी पत्‍नी के पास 45 ग्राम ज्‍वेलरी है, जिसकी कीमत 2 लाख 84 हजार 850 रुपये है. नजीर अहमद के पास कुल अचल संपत्ति 9 लाख 51 हजार 829 है.        

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सर्जन अहमद  बरकाती ने जेल से भरा पर्चा 

जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनाव लड़ने वालों में सर्जन बरकती का नाम भी शामिल है. कश्‍मीर घाटी में ‘आजादी चाचा’ के नाम से मशहूर सर्जन बरकती फिलहाल श्रीनगर की जेल में हैं और वहीं से उन्‍होंने जेनपोरा विधानसभा सीट से पर्चा भरा है. सर्जन बरकती पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें साल 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद पत्थरबाजी के विरोध-प्रदर्शन आयोजित करना शामिल है. सर्जन बरकती अगस्त 2023 से जेल में हैं, जबकि उनकी पत्नी को भी नवंबर 2023 में आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह जेनपोरा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. सर्जन बरकाती की कुल संपत्ति 1 करोड़ 30 लाख रुपये है.  

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कुछ सालों पहले तक अलगाववादी नेता विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करते रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी चुनावी तैयारी घाटी की राजनीति में एक बड़े बदलाव को संकेत देती है. इस बदलाव को दक्षिण कश्मीर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जहां जमात-ए-इस्लामी का ऐतिहासिक रूप से घाटी में काफी प्रभाव रहा है. जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 3 चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण के लिए 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और फिर तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग करवाई जाएगी. नतीजे 4 अक्टूबर 2024 को आएंगे. 

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