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BJP के लिए कैसे 'नायाब' बने नायब सिंह सैनी, समझिए आखिर दोबारा क्यों मिल रही CM कुर्सी


नई दिल्ली/चंडीगढ़:

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) के नतीजे साफ हो चुके हैं. BJP ने सभी एग्जिट पोल के अनुमानों को गलत साबित करते हुए 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. हरियाणा के 57 साल के इतिहास में कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार नहीं बना पाई है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है. इस जीत को लेकर कई तरह के सवाल भी पूछे जा रहे हैं. सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि 10 साल से चल रही एंटी इंकमबेंसी का क्या हुआ? जाट वोट अचानक कैसे शिफ्ट हो गए? OBC वोट दोबारा BJP के पाले में कैसे आ गई? इन सबका एक ही जवाब है- नायब सिंह सैनी. इस जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा गया है कि नायब सिंह सैनी फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. 

आइए समझते हैं BJP के लिए नायब सिंह सैनी इतने नायब (बेशकीमती) क्यों हैं? आखिर नायब सिंह सैनी को दोबारा हरियाणा की कमान दिए जाने के पीछे कौन-कौन सी वजहें हैं:-

OBC वोट को दोबारा पाले में लाने में निभाई अहम भूमिका
नायब सिंह सैनी को दोबारा सीएम बनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि BJP को इस चुनाव में OBC वोट जबरदस्त तरीके से मिले हैं. पार्टी को लगता है कि OBC वोट को दोबारा BJP के पाले में लाने में नायब सिंह सैनी के चेहरे ने बड़ी भूमिका निभाई है.

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खट्टर की कम मिलनसार छवि को सुधारा
अपने कम ही कार्यकाल में नायब सिंह सैनी ने मनोहर लाल खट्टर की कम मिलनसार छवि को सुधारा. सैनी ने अपने घर के दरवाजे आम लोगों के लिए खोल दिए थे. उन्होंने जनता से अपनी समस्याएं CM आवास पर लाने के लिए कहा था. CM खुद इनका निपटारा भी करते थे. ये भी एक बड़ा फैक्टर है, जिस वजह से सैनी को BJP दोबारा हरियाणा की कमान दे रही है.

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गैर जाट वाली रणनीति आई काम
हरियाणा में सैनी के जरिए BJP ने गैर जाट वाली रणनीति अपनाई. राज्य में गैर जाट यानी OBC की आबादी 35 फीसदी है. दशकों से यहां की राजनीति जाटों के इर्दगिर्द घूमती है. लेकिन BJP ने गैर जाट के जरिए नए समीकरण साधे. इसी वजह से BJP ने जाटों के पीछे न जाकर लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पहले सैनी को CM बना दिया. इससे 35 फीसदी आबादी को मैसेज दिया गया कि अगर कोई पार्टी इस जाट बहुल राज्य में आपकी बातें सुनेगी, तो वह एकमात्र BJP ही है. ये फॉर्मूला काम कर गया. इसका नतीजा सामने है. 

बड़े नेताओं की दावेदारी को किया कमजोर
BJP ने चुनाव के बीच ही यह कह दिया था कि अगर तीसरी बार सरकार बनती है, तो नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे. ऐसा तब कहा गया था, जब BJP से कई बड़े नेताओं ने CM बनने की दावेदारी ठोक दी थी. 

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खट्टर के करीबी माने जाते हैं सैनी?
नायब सिंह सैनी ने साल 2002 में युवा मोर्चा BJP अंबाला से जिला महामंत्री बनाए गए थे. 2005 में वो युवा मोर्चा अंबाला के जिला अध्यक्ष बने. फिर 2012 में वो BJP अंबाला के जिला अध्यक्ष बने. सैनी RSS के दिनों से ही मनोहर लाल खट्टर के करीबी रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि खट्टर ने ही अपनी जगह CM बनाने की पैरवी की थी.

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कब मिली थी हरियाणा की कमान?
लोकसभा चुनाव के तीन महीने पहले हरियाणा में BJP ने बड़ा सियासी उलटफेर किया. मनोहर लाल खट्टर ने CM पद से इस्तीफा दे दिया. इससे BJP-JJP का गठबंधन टूट गया. फिर नायब सिंह सैनी CM बनाए गए. मार्च में हरियाणा BJP अध्यक्ष पद से सैनी को ऐसे समय में मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नति मिली थी, जब पार्टी खट्टर के साढ़े 9 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी. इतना ही नहीं किसानों, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना, महंगाई और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर विपक्ष BJP सरकार को चारों ओर से घेरने में लगा था.

कम समय में लोगों का जीता दिल
नायब सिंह सैनी को कुर्सी पर बैठे कुछ ही दिन हुए थे कि लेकसभा चुनाव की घोषणा के चलते लागू आदर्श आचार संहिता और फिर विधानसभा चुनावों की घोषणा के कारण सैनी को जनता का मूड बदलने के लिए केवल दो महीनों का ही समय मिला. लेकिन सैनी तुरंत काम में लग गए. उनकी कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए.

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इन फैसलों ने बनाई अच्छी छवि
नायब सिंह सैनी ने कई अहम फैसले लिए. इनमें से प्रमुख थे- सशस्त्र बलों में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए हरियाणा अग्निवीर नीति, 2024 को मंजूरी देना और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10 और फसलें खरीदने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाना. इसके साथ ही हरियाणा 24 फसलें MSP पर खरीदने वाला एकमात्र राज्य बन गया.

महिलाओं के लिए शुरू की कई योजनाएं
BJP ने ‘हर घर गृहिणी योजना’ के तहत 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का भी वादा किया. पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में और भी वादे किए गए. महिलाओं के लिए 2,100 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और हरियाणा के अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों की गारंटी दी गई.

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एग्जिट पोल पर क्या बोले थे सैनी?
एग्जिट पोल को कोई तव्वजो नहीं देते हुए सैनी ने दावा किया था कि BJP हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा बरकरार रखेगी. सैनी ने 6 अक्टूबर को कहा था, “आठ तारीख को जनता देगी जवाब, ये (कांग्रेस) कहेंगे, ईवीएम है खराब.”

16 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीती लाडवा सीट
चुनाव आयोग के अनुसार, सैनी ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी मेवा सिंह के खिलाफ लाडवा विधानसभा सीट 16,054 वोटों के अंतर से जीत ली है. 

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