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सोते हुई बच्ची को कैसे उठाकर ले गया भेड़िया? पिता ने बताई डरावनी रात की आपबीती


नई दिल्ली:

श्रद्धा कपूर और राजकुमार की फिल्म स्त्री ने इन दिनों बड़े पर्दे पर धमाल मचाया हुआ है. इस फिल्म में वरूण धवन का भी स्पेशल अपीरियेंस है, जो फिल्म को और मजेदार बना देता है. दरअसल जिस वक्त श्रद्धा कपूर और राजकुमार मुसीबत में होते हैं, उस वक्त वरुण धवन भेड़ियां बन दोनों की मदद करने पहुंच जाते हैं. इस भेड़िए को देख सिनेमा हॉल में बैठा हर दर्शक रोमांचित हो उठता है. फिल्म में वरुण धवन ऐसे भेड़िए का किरदार निभा रहे हैं जो लोगों की मदद करता है. लेकिन असल में भेड़िए वैसे नहीं होते, जैसे उन्हें फिल्म में दिखाया गया है.

50 गांवों में आदमखोर भेड़ियों का खौफ

भेड़िए कितने खतरनाक होते हैं, इसकी बानगी इन दिनों उत्तर प्रदेश के बहराइच में देखने को मिल रही है. जहां के 50 से ज्यादा गांवों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक पसरा है. छोटा बच्चा हो या फिर बड़ा इंसान…हर किसी के मन में भेड़िए का डर बैठ चुका है. आलम ये है कि लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. सावधान, सावधान भेड़ियों से सावधान रहिए…खुले में ना सोए और अकेले घर से बाहर ना निकले, ये अनाउंसमेंट उन गांवों में किया जा रहा है, जहां भेड़ियों ने आतंक मचाया हुआ है. सिसैया वो गांव है, जहां से भेड़ियों दहशत फैलनी शुरू हुई.

2 हफ्ते में 10 बच्चों को भेड़ियों ने अपना निशाना बनाया

सिसिया गांव में ही भेड़िया सबसे पहले एक तीन साल की बच्ची को उठा ले गया. इसके बाद आसपास के गांवों में भेड़ियों ने कइयों की जान ले ली. बहराइच के ज्यादातर गांवों में ट्रैक्टर-ट्रॉली और ई-रिक्शा से पहरेदारी की जा रही है. अनाउंसमेंट कर बताया जा रहा है कि छोटे बच्चों को किसी हाल अकेला ना छोड़े. घर के अंदर रहते हुए दरवाजे भी बंद रखिए. घाघरा नदी के किनारे के गांवों में भेड़ियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. जहां बीते दो हफ्ते में दस बच्चों को भेड़ियों ने अपना निशाना बनाया है. सिसिया गांव से हाल ही में एक और भेड़ियां को पकड़ा गया है.

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मृतक बच्चे के पिता की आपबीती

जिस तीन साल की बच्ची को भेड़िया उठाकर ले लिया, उसकी मौत हो चुकी है. भेड़िए ने बच्ची को ऐसे मकान से उठाया जिसमें गेट नहीं लगा था. बच्ची के पिता सिद्धू ने बताया कि 4 अगस्त रात के 2 बजे लाइट कटी हुई थी. बच्चे खाट पर सोए हुए थे, बच्चे को बीच में से मुंह में उठाकर भेड़िए ने छलांग लगाई, जिससे हमारी आंख खुली. हम भेड़िए के पीछे चिल्लाते हुए भागे, गांव के लोग भी साथ आते रहे. वन विभाक के भी 7 लोग शामिल थे. हमने बहुत ढूंढा, फिर सवा पांच बजे बच्ची की बॉडी बेहद बुरी हालत में मिली.

हालांकि गांव वालों का कहना है कि किसी को नहीं पता कि ये भेड़िया है या फिर कोई और जानवर. गांव वालों ने बताया कि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. ये सब हम जीवन में पहली बार देख रहे हैं. किसी भेड़ियां ने हमला किया है. हमने 6-6 भेड़ियां एक साथ निकलते देखे, लेकिन कभी हमला नहीं किया.

अगर नहीं पकड़े नहीं गए तो मारी जाएगी गोली

गांव के लोग रात के 7 से लेकर सुबह 5 बजे तक शिफ्ट में पहरेदारी कर रहे हैं. गन्ने के खेतों में पानी भरा है और अंधेरा छाया हुआ है. इसलिए भेड़ियों का खतरा और बढ़ गया है. कई टीमें गश्त भी कर रही है. अभी बाकी बच्चे हुए भेड़ियों को पकड़े की कवायद की जा रही है. यूपी सरकार ने ना पकड़े जाने पर भेड़ियों को देखते ही गोली मारने के भी आदेश जारी किए हैं.

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