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कैसी होगी PM मोदी की नई टीम, कौन-कौन बनेगा मंत्री? जानें अंदर की खबर क्या है

देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार बनने जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी (Modi 3.0) लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. एनडीए का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को शाम 6 बजे आयोजित किया जाएगा. देश-विदेश के बड़े-बड़े नेता इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे. इस बीच सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पीएम मोदी की नई टीम में कौन-कौन (PM Modi New Cabinet) शामिल होगा. मंत्री कौन-कौन बनेगा. क्या पुराने चेहरों को फिर से कौबिनेट में जगह मिलेगी या फिर नए चेहरों को ही जगह दी जाएगी. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन अंदरखाने से कुछ खबर सामने आई है. 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार में सहयोगियों की हिस्सेदारी पर विचार-विमर्श  कर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. ऐसी संभावना है कि शुक्रवार दोपहर को पीएम मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद सहयोगियों के रोल पर चर्चा हो सकती है. बता दें कि सरकार गठन की तैयारी के बीच सहयोगियों ने अहम विभागों की मांग रखी है. अब बीजेपी के सामने उनको नजरअंदाज न करने की चुनौती है. कैबिनेट को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि सहयोगी दलों में नाराजगी न हों. 

बीजेपी के अहम दो सहयोगी दल जेडीयू और टीडीपी के करीबी सूत्रों का कहना है कि विभागों और उनके हिस्से पर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है. एक बीजेपी सूत्र के मुताबिक, यह प्रधानमंत्री तय करेंगे. 

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में कौन-कौन होगा शामिल?

इस बीच, आधिकारिक सूत्रों के हवाले से ये भी सामने आ गया है कि पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन शामिल होगा. जानकारी के मुताबिक, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी भारत आएंगे. उन्होंने शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए भारत का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. दक्षिण एशिया के नेताओं के अलावा मुइज्जू भी इश एतिहासिल पल के गवाह बनेंगे. पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेपाली प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शामिल होंगे भारत आएंगे. 

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मुइज्जू का भारत आना इसलिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्यों कि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंध पहले से कमजोर हुए हैं. हालांकि वह आम चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी को बधाई देने वाले विदेशी नेताओं में से एक थे. 

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