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ट्रंप या कमला कैसे चुने जाएंगे राष्ट्रपति, निर्वाचक मंडल की पहेली आसान भाषा में समझिए










अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक आयोग की अहम भूमिका होती है


नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में नतीजों के आने का दौर जारी है. अभी तक आए रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप बड़ी बढ़त बना चुके हैं. हालांकि ये अभी शुरुआती रुझान बताए जा रहे हैं कि और कहा जा रहा है कि ये आकंड़े मतों की गणना के आगे बढ़ने के साथ-साथ बदल भी सकते हैं. इस अमेरिकी चुनाव में भी निर्वाचन मंडल की अहम भूमिका है. आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति का चुनाव जनता सीधे तौर पर नहीं करती है. अमेरिकी चुनाव जनता एक निर्वाचक मंडल का चुनाव करता है. अमेरिका की राष्ट्रीय व्यवस्थापिका यानी कांग्रेस में जितने सदस्य होते हैं. उतने ही निर्वाचक मंडल के सदस्य चुने जाते हैं. 

आखिर क्या है ये निर्वाचक मंडल ? 

अमेरिका के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) पर कौन बैठेगा, इसका फैसला एक निर्वाचक मंडल करती है. जिसमें 538 सदस्य होते हैं. ये सदस्य अमेरिका के 50 राज्यों से चुनकर आते हैं. हर प्रांत के लिए निर्वाचक मंडल के सदस्यों की एक खास संख्या आवंटित की जाती है, जिसका फैसला उस प्रांत के सांसदों के आधार पर होता है. संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा और सीनेट में किसी प्रांत के जितने सदस्य होते हैं, उतने ही उसके निर्वाचक मंडल में सदस्य होते हैं. प्रतिनिधि सभा में किसी प्रांत के सदस्यों की संख्या उसकी कुल आबादी के आधार पर तय की जाती है. जबकि सीनेट में हर प्रांत के दो सदस्य तय हैं. 

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एक उदाहरण की मदद से हम इसे समझने की कोशिश करें तो मानकर चलें कि न्यूयॉर्क प्रांत के प्रतिनिधि सभा में 27 और सीनेट में दो सदस्य हैं. निर्वाचक मंडली के 29 सदस्यों के लिए न्यूयॉर्क की रिपब्लिकन और डेमोक्रैंटिक पार्टियां 29 उम्मीदवारों को ही मनोनीत करेंगी. इस प्रकार निर्वाचक मंडल के लिए कुल 538 सदस्य चुने जाते हैं.

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कैसे काम करता है निर्वाचक मंडल 

हर राज्य में चुनावी वोटों की संख्या, मोटे तौर पर उसकी जनसंख्या के आकार के अनुरूप होती है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में सबसे अधिक 54 मामले हैं. जबकि व्योमिंग, अलास्का, नॉर्थ डकोटा और अलास्का जैसे कम आबादी वाले कुछ राज्यों में सबसे कम तीन मामले हैं. राज्य अपने सभी निर्वाचक मंडल के वोट उस व्यक्ति को दे देते हैं जो राज्य के सामान्य मतदाताओं के मतों के आधार पर मतदान जीतता है. राष्ट्रपति पद का जो उम्मीदवार 538 निर्वाचकों में से 270 स्थान प्राप्त कर लेता है ,उसे राष्ट्रपति पद पाने की उम्मीद हो जाती है. आपको बता दें कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता निर्वाचक मंडल का चुनाव लड़ते हैं. खास बात ये है कि अमेरिकी संविधान में निर्वाचक मंडल के उम्मीदवारों के मनोनयन की कोई विशेष प्रक्रिया का उल्लेख नहीं किया गया है. 



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