देश

मैं सभ्य इंसान हूं इसलिए… पाकिस्तान दौरे को लेकर ऐसा क्यों बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर?


नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा, “जाहिर तौर पर दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रकृति को देखते हुए मेरी पाकिस्तान यात्रा पर मीडिया का खासा ध्यान रहेगा. लेकिन, मैं स्पष्ट कर दूं कि यह दौरा किसी बातचीत के लिए नहीं हो रहा है.”

करीब एक दशक में यह पहली बार है कि देश के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करेंगे. दोनों देशों के बीच संबंध खास तनावपूर्ण रहे हैं. इसका एक बड़ा कारण पाकिस्तानी धरती से संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियां हैं.

यूक्रेन में मोदी की 10 घंटे की रेलयात्रा और पुतिन के सामने बैठे डोभाल, जानें जयशंकर ने बताई इन दो तस्वीरों की कहानी

आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में विदेश मंत्री ने कहा, “यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी. मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं. मैं SCO के एक अच्छे सदस्य के रूप में वहां जा रहा हूं. आप जानते हैं, मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं. इसलिए उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा.” पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को SCO शासनाध्यक्ष परिषद (CHG) की बैठक की मेजबानी कर रहा है.

अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए जयशंकर कहा, “यह यात्रा SCO शासनाध्यक्षों की मीटिंग के लिए है. आम तौर पर राष्ट्राध्यक्षों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के लिए प्रधानमंत्री जाते हैं. इस साल यह मीटिंग इस्लामाबाद में हो रही है, क्योंकि पााकिस्तान ग्रुप का एक नया सदस्य है.”

आतंकवाद को नहीं किया जा सकता स्वीकार 
जयशंकर ने पाकिस्तान पर उसकी आतंकी गतिविधियों को लेकर परोक्ष हमला भी किया. विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवाद एक ऐसी चीज है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हमारे एक पड़ोसी ने आतंकवाद का समर्थन करना जारी रखा है. इस क्षेत्र में यह हमेशा नहीं चल सकता. यही कारण है कि हाल के वर्षों में सार्क की बैठकें नहीं हुई हैं.”

यह भी पढ़ें :-  BRICS में कैसे बढ़ता गया भारत का दबदबा? समिट के एजेंडे में क्या-क्या? ब्रिक्स करेंसी आई तो किन क्षेत्रों पर असर?

पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर, 15-16 अक्टूबर को होनी है SCO समिट

भारतीय उपमहाद्वीप हो रहा क्षेत्रीय एकीकरण
जयशंकर ने आगे कहा, “हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि क्षेत्रीय गतिविधियां बंद हो गई हैं. वास्तव में पिछले 5-6 वर्षों में, हमने भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं अधिक क्षेत्रीय एकीकरण देखा है. आज अगर आप बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका के साथ हमारे संबंधों को देखें… तो आप पाएंगे कि रेलवे लाइनों को बहाल किया जा रहा है. सड़कों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. बिजली ग्रिड का निर्माण किया जा रहा है.”

जब तक सीमा पर शांति बहाल नहीं तब तक…; चीन के साथ बिगड़े संबंधो पर विदेश मंत्री जयशंकर

SCO क्या है?
SCO एक स्थायी अंतरसरकारी संगठन है. इसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी. वर्तमान में SCO में 9 सदस्य देश शामिल हैं. भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान SCO के सदस्य हैं. वहीं, SCO के तीन पर्यवेक्षक देश हैं: अफगानिस्तान, मंगोलिया और बेलारूस.

2023 में SCO समिट में हिस्सा लेने भारत आए थे बिलावल भुट्टो
अगस्त में भारत को SCO काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की व्यक्तिगत बैठक के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला था. इससे पहले मई 2023 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा में SCO बैठक के लिए भारत का दौरा किया. छह साल में पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा थी.    

‘आतंक का परिणाम विनाशकारी होता है’: UNGA में विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान को खरी-खरी

यह भी पढ़ें :-  "क्या भारत पड़ोसियों पर धौंस जमाता है...?" विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने दिया यह जवाब


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button