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मैं तमिल बोलने में असमर्थ होने के लिए माफी मांगता हूं : अमित शाह

तमिलनाडु में कथित तौर पर हिंदी थोपे जाने को लेकर विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को महाशिवरात्रि समारोह में “दुनिया की सबसे पुरानी भाषा” तमिल नहीं बोल पाने के लिए माफी मांगी. कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन में आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने इस आयोजन को ‘भक्ति का महाकुंभ’ कहा. उन्होंने सद्गुरु जग्गी वासुदेव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह पूरी दुनिया को जीने का तरीका सिखाने के साथ ही सनातन धर्म की समझ को सक्षम बना रहे हैं.

अमित शाह ने कहा कि मैं दुनिया की सबसे पुरानी भाषा, तमिल बोलने में असमर्थ होने के लिए माफी मांगना चाहता हूं. महा शिवरात्रि के अवसर पर मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं. मैं सद्गुरु के निमंत्रण पर यहां आने के लिए आभारी हूं.

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल DMK ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के त्रि-भाषा फॉर्मूले का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने इसे हिंदी को “थोपा जाना” करार दिया है. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महा शिवरात्रि के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह त्योहार न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह “आत्म-जागरण” का एक अवसर भी है. उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश शिव भक्ति में डूबा हुआ है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरा देश आज शिव की भक्ति में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि आज सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, पशुपतिनाथ से लेकर रामेश्वरम और काशी से कोयंबटूर तक पूरा देश ‘शिवमय’ है. उन्होंने आगे कहा कि महाशिवरात्रि न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह आत्म-जागरण का एक अवसर भी है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि आदियोगी शिव प्रतिमा आध्यात्मिकता प्राप्त करने के 112 तरीकों का अनुभव करने में मदद करती है. उन्होंने ईशा योग केंद्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्थान योग, साधना, भक्ति, पश्चाताप और मुक्ति का स्थान है.
 


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