देश

मैं अपने आराध्य शिवाजी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं : सिंधुदुर्ग प्रतिमा गिरने पर PM मोदी

महाराष्ट्र के पालघर में पीएम मोदी ने सिंधुदुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर विपक्ष पर जोरदार प्रहार तो किया ही साथ ही शिवाजी महाराज को अपना आराध्य बताते हुए माफी भी मांगी है. उन्होंने कहा पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, मेरे लिए मेरे पूरा साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी सिर्फ नाम नहीं है, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं. मैं आज सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं. 

हमारे संस्कार अलग हैं : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं. हम वो लोग नहीं है, जो आए दिन भारत मां के महान सपूत इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं. अपमानित करते रहे हैं. देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं. सावरकर को गालियां देने पर भी माफी मांगने को भी जो तैयार नहीं हैं, अदालतों में लड़ाई लड़ने को तैयार नहीं है.

महाराष्ट्र का विकास मेरी प्राथमिकता : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज महाराष्ट्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है, ये भारत की विकास यात्रा के लिए बहुत बड़ा दिन है. विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे अहम हिस्सा है, इसलिए महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं. महाराष्ट्र में विकास के लिए ज़रूरी सामर्थ्य है, संसाधन हैं, समुद्री तट हैं और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास है और यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र को और देश को मिले इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है.

यह भी पढ़ें :-  'एक देश, एक चुनाव' को लेकर जारी बहस को आगे बढ़ाएं युवा - NCC की रैली में बोले PM मोदी

नया भारत समुद्री इनफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि गुलामी की बेड़ियों के हर निशान को पीछे छोड़ते हुए नया भारत समुद्री इनफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा है. अब ये भारत, नया भारत है. नया भारत इतिहास से सबक लेता है और अपने सामर्थ्य को पहचानता है. अपने गौरव को पहचानता है. एक समय था जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था. भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था. भारत का सामुद्रिक सामर्थ्य. हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर कौन जानेगा. छत्रपति शिवाजी महाराज… उन्होंने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी. उन्होंने नई नीतियां बनाई, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए. महाराष्ट्र के पास विकास के लिए जरूरी सामर्थ्य भी है, संसाधन भी हैं.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button