देश

"मैंने भी संन्यास ले लिया, रेसलिंग फेडरेशन से कोई लेना-देना नहीं…": कुश्ती संघ पर एक्शन के बाद बोले बृजभूषण

खास बातें

  • खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को किया निलंबित
  • संजय सिंह की जीत के बाद पहलवानों में मायूसी
  • बृजभूषण सिंह ने ‘दबदबा है और रहेगा’ के पोस्टर पर दी सफाई

नई दिल्ली:

इंडियन रेसलिंग फेडरेशन (WFI) में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने से विवाद बढ़ता जा रहा है. एक के बाद एक पहलवान इसका विरोध जता रहे हैं. साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया, फिर बजरंग पुनिया ने पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया. जिसके बाद केंद्र सरकार ने कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है. अब बृजभूषण शरण सिंह ने फेडरेशन को सस्पेंड किए जाने पर ऐतराज जताते हुए अपने संन्यास की घोषणा की. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं. अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मैं सांसद हूं और अपने काम पर फोकस करूंगा.”

यह भी पढ़ें

दरअसल, पहलवानों के आपत्ति जताए के बाद खेल व युवा मंत्रालय ने 21 दिसंबर को गठित नई रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सस्पेंड कर दिया है. इस फैसले के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने नई दिल्ली में ही मीडिया के सामने अपनी बातें रखीं.

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “खेल वातावरण फिर से शुरू हो सके, इसलिए गोंडा में नेशनल चैंपियनशिप फिर करवाई जा रही थी. सरकार फेडरेशन पर रोक लगाने की बजाय चैंपियनशिप को अपनी निगरानी में कराए ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो.” उन्होंने कहा कि ‘दबदबा तो है दबदबा तो रहेगा’ के पोस्टर लगाए जाने से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.

क्या है विवाद?

दरअसल, 3 दिन पहले 21 दिसंबर को ही रेसलिंग फेडरेशन (WFI) के चुनाव हुए थे, इसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने जीत हासिल की थी. वो नए अध्यक्ष बने थे. WFI चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद रेसलर साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए अध्यक्ष बने हैं. अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं है. देखते ही देखते दूसरे पहलवानों का रिएक्शन भी आने लगा. विनेश फोगाट ने भी चिंता जताई.

यह भी पढ़ें :-  हरियाणा : विनेश फोगाट ने बृजभूषण के आरोप किए खारिज, The Hindkeshariको बताए अपने चुनाव प्रचार के मुद्दे

वहीं, रेसलर बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया. वो पीएम से मुलाकात करने 7 लोक कल्याण मार्ग गए थे. लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई. इसलिए उन्होंने अवॉर्ड वहीं फुटपाथ पर रख दिया. 23 दिसंबर को वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था. वीरेंद्र सिंह को 2021 में पद्मश्री सम्मान मिला था.

जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट को लेकर क्यों है आपत्ति?

संजय सिंह के नए अध्यक्ष बनने के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी. गोंडा बीजेपी सांसद और पूर्व WFI चीफ बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है. रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है.

फैसले से हैरान- संजय सिंह

संजय सिंह ने कुशी संघ को सस्पेंड किए जाने के खेल मंत्रालय के फैसले पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा- “खेल मंत्रालय ने जो भी निर्णय लिया है. मैं इसका स्वागत करता हूं. मगर मैं इस फैसले से आश्चर्य चकित हूं. मैं खेल मंत्रालय से इस बारे में पूछूंगा.”

साक्षी मलिक ने नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट के वेन्यू पर जताई थी चिंता

इससे पहले साक्षी मलिक ने गोंडा में नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट कराए जाने को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा- “मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं. वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें, जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं. वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है. मुझे एथलीट्स की चिंता है.”

यह भी पढ़ें :-  "समझ नहीं आ रहा क्या करूं...?" बृजभूषण के गढ़ को जूनियर नेशनल सेलेक्‍शन का वेन्‍यू बनाने पर साक्षी मलिक

ये भी पढ़ें:-

खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को किया सस्पेंड, साक्षी मलिक बोलीं- मुझे सिर्फ एथलीट्स की चिंता

Wrestling Federation of India: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित किया

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button