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अगर अमेरिका इसी तरह का वॉर चाहता है तो हम भी तैयार… ट्रंप के टैरिफ पर चीन का पलटवार


नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और एक बार फिर रेसिप्रोकल टैरिफ की बात की. उन्होंने कहा कि अब ‘हाई टैरिफ’ के बदले ‘रेसिप्रकोल टैरिफ’ लगाया जाएगा. ट्रंप के इस कदम की चीन ने कड़ी आलोचना की है. अमेरिका में चीनी दूतावास ने कहा कि चीन, अमेरिका से किसी भी तरह की लड़ाई को अंत तक लड़ने के लिए तैयार है. डोनाल्ड ट्रंप के विस्फोटक बयान के बाद चीनी दूतावास के आधिकारिक हैंडल ने एक्स पर पोस्ट किया, “अगर अमेरिका वॉर चाहता है, तो यह टैरिफ वॉर, ट्रेड वॉर या किसी भी दूसरे तरह का वॉर हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं.”

2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैक्स लगाएगा अमेरिका

अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “2 अप्रैल से हम रेसिप्रोकल टैक्स लगाए जाएंगे, यानी जो देश अमेरिका पर टैक्स लगाते हैं, अमेरिका भी उन देशों पर उतना ही टैक्स लगाएगा. यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को निष्पक्षता और संतुलन प्रदान करने के लिए उठाया जा रहा है.”

ट्रंप ने इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से अमीर और महान बनाने के लिए जरूरी कदम बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत और अन्य देशों ने दशकों से अमेरिका पर अधिक टैरिफ लगाए हैं और अब वह समय आ गया है जब अमेरिका इन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “जो देश हमसे शुल्क वसूलते हैं, हम भी उनसे वही शुल्क वसूलेंगे. यह कदम अमेरिकी किसानों, निर्माताओं और श्रमिकों की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है, जो लंबे समय से असंतुलित व्यापार नीतियों से प्रभावित हो रहे हैं. यह बदलाव अमेरिका को पहले रखने के लिए किया जा रहा है और अब समय आ गया है कि अमेरिका उन देशों के खिलाफ कदम उठाए जो दशकों से अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल कर रहे हैं.”

ट्रंप ने चीनी सामानों पर पहले लगाए गए 10 फीसदी शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. चीन ने विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

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बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के एकतरफा टैक्स उपाय डब्ल्यूटीओ नियमों का गंभीर उल्लंघन करते हैं और चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार सहयोग की नींव को कमजोर करते हैं.”

टैरिफ लगाते समय, ट्रम्प ने चीन पर अमेरिका में फेंटेनाइल और अन्य अत्यधिक शक्तिशाली ओपिओइड की तस्करी को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का भी आरोप लगाया.

फेंटेनाइल मुद्दा चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने का एक कमजोर बहाना – चीन

चीनी विदेश मंत्रालय ने इसका विरोध किया है. एक बयान में कहा गया, “फेंटेनाइल मुद्दा चीनी आयात पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ाने का एक कमजोर बहाना है. कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका के अंदर #FentanylCrisis के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार है. अमेरिकी लोगों के प्रति मानवता और सद्भावना की भावना में, हमने इस मुद्दे से निपटने में अमेरिका की सहायता के लिए मजबूत कदम उठाए हैं. हमारे प्रयासों को पहचानने के बजाय, अमेरिका ने चीन पर दोषारोपण करने और दोष मढ़ने की कोशिश की है और टैरिफ बढ़ोतरी के साथ चीन पर दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है.”

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धमकी हमें डराती नहीं है – चीनी विदेश मंत्रालय

बयान में कहा गया, “वे हमें उनकी मदद करने के लिए सजा दे रहे हैं. इससे अमेरिका की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है और यह हमारे संवाद और सहयोग को कमजोर कर देगा. धमकी हमें डराती नहीं है. धमकाना हम पर काम नहीं करता है. दबाव, ज़बरदस्ती या धमकियां चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है. चीन पर अधिकतम दबाव डालने वाला कोई भी व्यक्ति गलत आदमी को चुन रहा है और गलत अनुमान लगा रहा है. अगर अमेरिका वास्तव में फेंटेनाइल मुद्दे को हल करना चाहता है, तो चीन के साथ समान व्यवहार और परामर्श करना ही सही होगा.”

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