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दिवालिया की प्रक्रिया हुई तो पूरी तरह बंद हो जाएगी कंपनी, हजारों स्टाफ की जाएगी नौकरी : Byju's के CEO


नई दिल्ली:

वित्तीय संकट में फंसी एड-टेक कंपनी Byju’s पर दिवालिया कार्रवाई को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट में दाखिल की गई फाइलिंग में बायजूस के CEO आर रविंद्रन ने आशंका जताई कि अगर कंपनी पर दिवालिया की कार्रवाई हुई, तो इसके पूरी तरह से शटडाउन होने का खतरा है. कंपनी के पूर्व मैनेजमेंट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में चुनौती दी है. NCLAT बायजूस की अपील पर 22 जुलाई को सुनवाई कर सकती है.

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार 16 जुलाई को बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI की याचिका मंजूर कर ली है. ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है.

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2019 में बायजूस ने BCCI के साथ की थी डील
2019 में बायजूस ने BCCI के साथ 3 साल की टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप डील साइन की थी. इसके तहत एक मैच के लिए बायजूस BCCI को 4.6 करोड़ देती थी. जबकि 1.56 करोड़ ACC और ICC की ओर से आयोजित सभी इंटरनेशनल मैच के लिए देती थी. हालांकि, माली हालत खराब होने के कारण बायजूस BCCI को स्पॉन्सरशिप की रकम नहीं दे पा रही थी. ऐसे में BCCI ने 158 करोड़ रुपये का बकाया रकम वसूलने के लिए बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी. 

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कर्नाटक हाईकोर्ट में दी 452 पेज की फाइलिंग
रवींद्रन के काउंसिल MZM लीगल की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट में 452 पेज की फाइलिंग दी गई है. इसे पब्लिक नहीं किया गया है, लेकिन न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ ने इस फाइलिंग को रिव्यू किया है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई सोमवार (22 जुलाई) को करेगी. इस मामले में ‘रॉयटर्स’ ने ने बायजूस और रवींद्रन से संपर्क करने की कोशिश की थी. लेकिन दोनों की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

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वेंडर को भी डिफॉल्ट घोषित करने का खतरा
रवींद्रन की तरफ से फाइलिंग में कहा गया है कि कंपनी के स्टाफ को दिवालिया की प्रक्रिया से मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा… उन्हें कंपनी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है. जिससे इस कंपनी की सर्विस पूरी तरह से बंद हो जाएंगी.” रवींद्रन ने कोर्ट फाइलिंग में आगे कहा, “दिवालिया की प्रक्रिया की वजह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के मेंटेनेंस के लिए बायजूस को सर्विस देने वाले वेंडर को भी डिफॉल्ट घोषित करना होगा. इससे सारा ऑपरेशन ठप हो जाएगा.” 

BCCI को 90 दिनों के भीतर पेमेंट को तैयार
फाइलिंग के मुताबिक, रवींद्रन ने दिवालिया प्रक्रिया रद्द करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने 90 दिनों के भीतर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को बकाया राशि का पेमेंट करने की इच्छा जाहिर की है.

भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप था Byju’s
Byju’s एक समय में भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, जिसकी वैल्यू 22 बिलियन डॉलर थी. Byju’s में प्रोसस (Prosus) और जनरल अटलांटिक (General Atlantic) जैसे बड़े इंवेस्टर्स थे. हाल के महीनों में बायजूस को कई झटके लगे हैं. इसमें जॉब लेऑफ (नौकरी में कटौती), कंपनी के वैल्यूएशन में गिरावट और इंवेस्टर्स के साथ झगड़ा शामिल है. कुछ इंवेस्टर्स ने वित्तीय संकट से घिरे बायजूस के CEO रवींद्रन पर कॉर्पोरेट एडमिनिस्ट्रेशन में खामियों का आरोप लगाया था. हालांकि, बायजूस ने किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है.

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कब हुई थी बायजूस की स्थापना?
बायजू रवींद्रन ने एक मैथमैटिक्स टीचर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. 2011 में उन्होंने बायजूस की स्थापना की. तब यह सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप बन गया. बायजूस प्राइमरी लेवल से लेकर MBA तक के छात्रों कोचिंग देती है.

बायजूस में करीब 27000 स्टाफ
Byju’s भारत समेत 21 से ज्यादा देशों में ऑपरेट होता है. यह कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कोर्सेस की पेशकश करके लोकप्रिय हुआ था. कोरोनाकाल से बायजूस पर्सनल कोचिंग की सुविधाएं भी देता है. बायजूस में करीब 27000 स्टाफ हैं. इनमें 16000 टीचर्स शामिल हैं.

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पहली बार कब डिफॉल्ट हुआ था बायजूस?
पहली बार बायजूस को 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया गया था. पिछले साल जनवरी में बायजूस ने BCCI को 143 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भुनाने की परमिशन दी थी. 

हेडक्वॉर्टर छोड़कर सभी ऑफिस बंद
बायजूस ने बेंगलुरु के आईबीसी नॉलेज पार्क स्थित अपने हेडक्वार्टर को छोड़कर देशभर के सभी ऑफिस बंद कर दिए हैं. सभी स्टाफ को अगले आदेश तक वर्क फ्रॉम होम करने के निर्देश दिए गए हैं. सिर्फ बायजूस के ट्यूशन सेंटर चलते रहेंगे. 

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