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पाकिस्तान: कराची के आसमान में दिखी चमकती रोशनी, उल्कापिंड नहीं था तो फिर क्या था?

पाकिस्तान के कराची में सोमवार की रात आकाश में रोशनी की तेज चमक देखी गई. लोगों को लगा कि आकाश से उल्का यानी meteors गुजर रहे हैं और उसी से रोशनी हुई है. इसके बाद सोशल मीडिया आकाश में चमकते उल्कापिंड के दावों के साथ तस्वीरों और वीडियो से भर गया था. लेकिन क्या वो सचमुच उल्कापिंड था?

पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार मौसम विश्लेषक जवाद मेमन ने बताया कि दरअसल ये उल्कापिंड नहीं बल्कि उल्का था. यानी अंतरिक्ष से गिर रहे मलबे (डेबरिज) थे, जो आमतौर पर आकार में बहुत छोटे होते थे और उनमें से अधिकांश एक बड़े क्षुद्रग्रह से चट्टानों के बहुत छोटे टुकड़ों के रूप में टूट जाते थे.

रिपोर्ट के अनुसार जवाद मेमन ने बताया, “17 मार्च की रात 2:43 बजे भी कराची के आसमान पर एक समान उल्कापिंड देखा गया. यह दुनिया भर में देखे गए हजारों अन्य उल्कापिंडों की तरह, जलते हुए कराची के आसमान पर नीले रंग की रोशनी की एक लकीर बनाते हुए जल गया.”

गौरतलब है कि अंतरिक्ष का मलबा या कोई अन्य वस्तु जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, वह अपने ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल यानी ग्रेविटेशनल फोर्स का सामना करते ही जल जाती है. इसकी बहुत तेज गिरने से यह आकाश में जलती हुई रोशनी करती जाती है.

उल्का और उल्का पिंड के बीच का अंतर क्या है?

यहां आपको उल्का और उल्का पिंड के बीच का अंतर जानना चाहिए. कई लोग इसे उल्कापिंड कह रहे हैं लेकिन यह दरअसल उल्का था. दोनों में अंतर है. उल्कापिंड जमीन से टकराता है वहीं उल्का हवा में ही जल जाता है. कराची में जो देखा गया वह उल्का था.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार कराची एस्ट्रोनॉमर्स सोसाइटी के सदस्य अदील शफीक ने कहा कि, “कराची को ‘रोशनी का शहर’ भी कहा जाता है. ऐसे शहर में यह आम घटना नहीं हो सकती है, लेकिन हम दूरदराज के इलाकों में बहुत सारे उल्का देखते हैं जहां शायद ही कोई आबादी है.”

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